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AIM-120 Missiles: अगर पाकिस्तान ने भारतीय फाइटर जेट्स पर दागीं ये मिसाइलें, तो कैसे भारत का ये घातक सिस्टम देगा मुंहतोड़ जवाब?

भारत का एयर डिफेंस सिस्टम मल्टी लेयर्ड है, जिसमें लंबी दूरी से लेकर छोटी दूरी तक के लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता है। इसमें रूसी एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम, स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम, इजरायली मीडियम रेंज सरफेट टू एयर मिसाइल, स्पायडर और लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ग्रिड शामिल हैं...

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📍नई दिल्ली | 8 Oct, 2025, 5:02 PM

AIM-120 Missiles: मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि भारत के पास पाकिस्तान सीमा को पार किए बिना पाक के भीतर 300 किलोमीटर तक अंदर तक जाकर एयर स्ट्राइक करने की क्षमता है। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। अब जब अमेरिका ने पाकिस्तान को एआईएम-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें देने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान भविष्य में इन मिसाइलों का इस्तेमाल कर भारत पर हमला किया है तो भारत इसका जवाब कैसे देगा।

AIM-120 AMRAAM: ऑपरेशन सिंदूर में जेएफ-17 और एफ-16 खोने से घबराया हुआ है पाकिस्तान, जानता है भारत के अस्त्र और गांडीव से बचना है बेहद मुश्किल, इसलिए की ये डील

अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में पाकिस्तान को एआईएम-120 बियोंड विजुअल रेंज एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें मिसाइलें बेचने की मंजूरी दी है। अमेरिका इस बार पाकिस्तान को एआईएम-120सी-8 वर्जन देने वाला है, जिसकी रेंज 160 किलोमीटर तक है और यह मिसाइल लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग को भी भेद सकती है।

यह डील 41.6 बिलियन डॉलर के बड़े एयर-टू-एयर वेपन पैकेज का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान के साथ जापान, ब्रिटेन और तुर्की जैसे देश भी शामिल हैं। पाकिस्तान इन मिसाइलों को अपने F-16 ब्लॉक 52 जेट्स पर लगाएगा, जिसके बाद उसे उम्मीद है कि उसकी ‘बियॉन्ड विजुअल रेंज’ (BVR) हवाई हमले की क्षमता काफी बढ़ जाएगी।

भारत के पास है AIM-120 से निपटने के पुख्ता इंतजाम

भारत का एयर डिफेंस सिस्टम मल्टी लेयर्ड है, जिसमें लंबी दूरी से लेकर छोटी दूरी तक के लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता है। इसमें रूसी एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम, स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम, इजरायली मीडियम रेंज सरफेट टू एयर मिसाइल, स्पायडर और लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ग्रिड शामिल हैं।

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एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम को भारत की एयर डिफेंस की रीढ़ माना जाता है। एस-400 सिस्टम की 40N6 मिसाइलें 400 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के जेट्स और मिसाइलों को मार गिरा सकती हैं। एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम की खूबी है कि यह एक साथ 36 मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट कर सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 ने 300 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी एफ-16 और जेएफ-17 को गिराकर अपनी ताकत दिखाई थी।

इसका एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड अर्रे- एईएसए रडार एआईएम-120 जैसी मैक-4 स्पीड यानी लगभग 4,240 किलोमीटर प्रति घंटा (सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक) स्पीड से आने वाली मिसाइलों की रफ्तार और डायरेक्शन आसानी से ट्रैक कर लेता है। दिल्ली, अमृतसर, जोधपुर और पठानकोट में तैनाती के चलते यह पाकिस्तान की किसी भी मिसाइल को भारतीय सीमा से काफी पहले ही इंटरसेप्ट कर सकता है।

स्वदेशी मिसाइलें हैं भारत की ताकत

एस-400 के अलावा, भारत के पास स्वदेशी और अन्य विदेशी सतह-से-हवा में में मार कपने वाले मिसाइल सिस्टम भी हैं, जो एआईएम-120 को पहले की नाकाम कर सकते हैं। डीआरडीओ का बनाया आकाश मिसाइल सिस्टम 30 से 70 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को गिरा सकता है और एआईएम-120 को मिड-कोर्स में ही नष्ट कर सकता है। इसका ऑटोमेटेड कमांड और कंट्रोल सिस्टम रीयल-टाइम में खतरों को पहचानता है और तुरंत जवाब देता है।

इसके अलावा इजरायल के साथ मिलकर बनाया मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (MRSAM) 70 किलोमीटर तक की रेंज में हाई-स्पीड मिसाइलों और ड्रोन्स को मार गिराने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर में MRSAM ने 600 से अधिक ड्रोन्स और मिसाइलों को निशाना बनाया था।

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वहीं, छोटी दूरी के लिए भारत के पास इजरायल से खरीदा SPYDER सिस्टम है, जो तेजी से दिशा बदलने वाली मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट कर सकता है। जो 15-20 किलोमीटर की छोटी दूरी के लिए है, तेजी से मैन्युएवर करने वाली मिसाइलों को रोकने में माहिर है। ये सभी सिस्टम मिलकर भारत की हवाई रक्षा को एक अभेद्य दीवार बनाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में इन तीनों सिस्टम ने मिलकर पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर दिया था।

हवा-से-हवा मुकाबले में भारत है तैयार

वहीं, कल्पना कीजिए कि अगर पाकिस्तान एफ-16 से एआईएम-120 मिसाइल दागता है, तो भारत के पास हवा-से-हवा मिसाइलों में मीटियोर, एस्ट्रा और आर-77 जैसे विकल्प भी हैं।

राफेल पर तैनात मीटियोर मिसाइल 150-200 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को निशाना बना सकती है। इसमें रैमजेट इंजन और नो-एस्केप जोन जैसी क्षमताएं हैं, जो एआईएम-120 से कहीं आगे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में मीटियोर ने पाकिस्तानी एफ-16 और जेएफ-17 को मार गिराया था।

एस्ट्रा मार्क1 मिसाइल, जिसे डीआरडीओ ने बनाया है, वह सुकोई-30 और तेजस पर तैनात है और 110 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकती है। यह मिसाइल “फायर-एंड-फॉरगेट” तकनीक से लैस है और पाकिस्तानी एफ-16 को आउटरेंज कर सकती है। वहीं इसका अपग्रेड वर्जन एस्ट्रा मार्क2 का ट्रायल 2025 में हुआ था और इसकी रेंज 160-200 किलोमीटर है। जबकि एस्ट्रा मार्क3 (गांडीव), जो सोलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी पर आधारित है, 300+ किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन को मारने में सक्षम होगी। ये मिसाइलें पाकिस्तान के एफ-16 को उनके लॉन्च जोन से पहले ही आउटरेंज कर सकती हैं।

IACCS को कभी नहीं भूल पाएगा पाकिस्तान

भारत का इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम यानी IACCS (इंटीग्रेटिड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम) ऑपरेशन सिंदूर में गेमचेंजर साबित हुआ था। यह सिस्टम सेंसर फ्यूजन के जरिए रडार, सैटेलाइट और अन्य सेंसर से प्राप्त डेटा को जोड़कर रीयल-टाइम में जवाबी कार्रवाई करता है। IACCS ने पाकिस्तानी जेट्स और मिसाइलों को 300 किलोमीटर दूर से ट्रैक किया और उन्हें नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एयर फोर्स एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया था कि इस सिस्टम ने पाकिस्तान को उसके ही इलाके में सीमित कर दिया था।

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इसके साथ ही, सम्युक्त और ध्रुति जैसे इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम एआईएम-120 के रडार होमिंग को जाम कर सकते हैं, जिससे मिसाइल लक्ष्य से भटक जाती है। फ्लेयर्स और चाफ जैसे डिकॉय एआईएम-120 को भ्रमित कर गलत दिशा में भेज सकते हैं।

काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स ग्रिड

भारत का इंटीग्रेटेड काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स ग्रिड, जिसमें रडार, सेंसर और जैमर्स का नेटवर्क शामिल है, 1,800 किलोमीटर के हवाई क्षेत्र को स्कैन करता है। ऑपरेशन सिंदूर में इस ग्रिड ने पाकिस्तानी स्वार्म अटैक्स को विफल किया था, जिसमें सैकड़ों ड्रोन्स और मिसाइलें शामिल थीं। यह तकनीक एआईएम-120 जैसे खतरों को पहले ही पहचान लेती है और उन्हें तबाह करने के लिए तुरंत एक्शन लेती है। जिससे समय पर जवाबी हमला देना संभव हो जाता है।

Author

  • Harendra Chaudhary

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।📍 Location: New Delhi, in 🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।📍 Location: New Delhi, in 🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

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