📍नई दिल्ली | 16 Oct, 2025, 11:33 AM
Akash Missile: भारत और ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग को एक नई ऊंचाई देते हुए भारत ने अपने स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पेशकश ब्राजील को की है। यह पेशकश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ब्राजील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन तथा रक्षा मंत्री जोसे मुशियो मोंटेइरो फिल्हो के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान की गई। इस बैठक में दोनों देशों ने रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने तथा संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन के नए अवसरों की पहचान करने पर सहमति जताई।
भारत और ब्राजील के बीच यह रक्षा सहयोग ऐसे समय में सामने आया है जब भारत रक्षा निर्यात के क्षेत्र में लगातार सफलता दर्ज कर रहा है। हाल के सालों में भारत ने आर्मेनिया को आकाश, पिनाका और 155 मिमी आर्टिलरी गन जैसी सिस्टम की सप्लाई की है, जबकि फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें दी जा चुकी हैं।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में जारी परियोजनाओं की समीक्षा की और भविष्य के लिए प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान की। इस बैठक का मुख्य फोकस सैन्य से सैन्य सहयोग, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और रक्षा तकनीक के सह-विकास पर रहा। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत और ब्राजील के बीच यह साझेदारी “रणनीतिक साझेदारी” का रूप ले चुकी है।
भारत ने ब्राजील को जिस आकाश मिसाइल सिस्टम की पेशकश की है, वह मध्यम दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसे डीआरडीओ ने डेवलप किया है और यह भारतीय सेना और वायुसेना दोनों में तैनात है। यह प्रणाली दुश्मन के हेलीकॉप्टर, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और फाइटर जेट्स को 25 किलोमीटर की दूरी तक मार गिराने में सक्षम है।
Akash Missile: “मेक इन इंडिया” का ग्लोबल ब्रांड बन रहा आकाश सिस्टम
आकाश मिसाइल सिस्टम अब “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” का प्रतीक बन चुका है। इसमें 96 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। यह सिस्टम न केवल सस्ता है बल्कि ऑपरेशन सिंदूर में अपनी क्षमता भी दिखा चुका है। इसी कारण दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और अब दक्षिण अमेरिका के कई देशों ने इसमें रुचि दिखाई है।
आर्मेनिया ने 2022 में लगभग 6,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत 15 आकाश सिस्टम खरीदे थे। पहली बैटरी नवंबर 2024 में और दूसरी जून 2025 में डिलीवर की गई। आकाश के सफल ऑपरेशन ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के रक्षा निर्यात पर भरोसा बढ़ाया है।
ब्राजील के रक्षा विशेषज्ञों ने पहले ही भारत की मिसाइल तकनीक की विश्वसनीयता की सराहना की है। अब आकाश सिस्टम की पेशकश से यह संभावना बनती है कि दोनों देश रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
आकाश मिसाइल सिस्टम में एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने और नष्ट करने की क्षमता है। यह सिस्टम रडार और फायर कंट्रोल यूनिट के साथ सिंक रहती है, जिससे यह मुश्किल लक्ष्यों को भी आसानी से टारगेट कर सकती है। वहीं, इसका लेटेस्ट वर्जन, आकाश-एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) भी डेवलप किया जा रहा है, जिसकी न केवल रेज ज्यादा होगी, बल्कि उसकी स्पीड और प्रिसिजन स्ट्राइकिंग रेट भी बेहतर होगा।
आकाश को बनाने में डीआरडीओ के अलावा कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स भी शामिल रही हैं। भारत का लक्ष्य डिफेंस एक्सपोर्ट को 2025 तक 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है, और आकाश सिस्टम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
ब्राजील ने हाल के सालो में चीन के कुछ डिफेंस प्रोडक्ट्स का असेसमेंट किया है, लेकिन भारतीय सिस्टम की लागत और भरोसेमंद होने के चलते उसका झुकाव भारत की ओर दिख रहा है।
भारत पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, मिस्र, बेलारूस, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों के साथ डिफेंस एक्सपोर्ट को लेकर बाातचीत कर रहा है। इन देशों ने भारतीय आकाश मिसाइल सिस्टम, पिनाका रॉकेट लॉन्चर और ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि दिखाई है।