📍पुणे | 16 Oct, 2025, 5:32 PM
Self Reliant India: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की बढ़ती स्वदेशी रक्षा क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार के उन प्रयासों का परिणाम है जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आत्मनिर्भर डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार किया गया है।
पुणे स्थित सिंबायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जब सरकार ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया था, तब यह एक कठिन चुनौती लग रही थी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सपना धीरे-धीरे साकार हो रहा है। लेकिन पिछले एक दशक में सरकार ने हर स्तर पर स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए, जिसके परिणाम आज देश के सामने हैं।
Self Reliant India: दुनिया ने देखी भारतीय सैनिकों की बहादुरी
राजनाथ सिंह ने कहा, स्वतंत्रता के बाद लंबे समय तक भारत विदेशी हथियारों पर निर्भर रहा। राजनीतिक इच्छाशक्ति और नीतिगत समर्थन की कमी के चलते देश में रक्षा निर्माण को बढ़ावा नहीं मिल पाया। लेकिन अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। देश में कानून, नीतियां और औद्योगिक माहौल इस दिशा में पूरी तरह सहयोगी हैं। उन्होंने कहा, “हमने प्रण लिया था कि हमारे सैनिकों के लिए हथियार अब भारत में ही बनेंगे। पूरी दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों की बहादुरी देखी, जब उन्होंने ‘मेड-इन-इंडिया’ हथियारों से अपने लक्ष्य पूरे किए।
रक्षा मंत्री ने बताया कि बीते दस वर्षों में देश का वार्षिक रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें लगभग 33,000 करोड़ रुपये का योगदान निजी क्षेत्र का है। उन्होंने कहा कि भारत अब 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन और 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
राजनाथ सिंह ने छात्रों से कहा कि केवल अकादमिक उपलब्धियों से आगे बढ़कर उन्हें देश के विकास में योगदानकर्ता और इनोवेशन के वाहक बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि “वास्तविक सफलता डिग्री से नहीं, बल्कि उस ज्ञान से आती है जिसे समाज के हित में इस्तेमाल किया जाए।” उन्होंने छात्रों से कहा कि आत्मविश्वास और दृढ़ता जैसे गुण किसी भी व्यक्ति की सफलता की बुनियाद होते हैं।
उन्होंने कहा कि आज का युग “व्हाट डू यू नो” का नहीं, बल्कि “व्हाट कैन यू डू” का है। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि सीखना तभी सार्थक है जब उसे स्किल्स के तौर पर लागू किया जाए।
रक्षा मंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी बात की और कहा कि तकनीक इंसान की जगह नहीं लेगी, बल्कि जो लोग तकनीक का उपयोग करना जानते हैं, वही आगे बढ़ेंगे। उन्होंने छात्रों को तकनीक को एक साधन के रूप में देखने की सलाह दी, न कि मानवीय संवेदनाओं और मूल्यों के विकल्प के तौर पर।
राजनाथ सिंह (Self Reliant India) ने युवाओं से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया और बाहरी दबावों से प्रभावित हुए बिना अपने सपनों का पीछा करें। उन्होंने कहा कि भारत अब अपने “अमृत काल” में प्रवेश कर चुका है और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने कहा, “आपके जीवन के अगले 20 से 25 साल केवल आपके करियर को नहीं, बल्कि देश के भविष्य को भी आकार देंगे। आपके सपने ही भारत के परिवर्तन के इंजन बन सकते हैं।”