📍नई दिल्ली | 7 days ago
Navika Sagar Parikrama II: भारतीय नौसेना एक बार फिर गर्व के पल का साक्षी बनने जा रही है। नाविका सागर परिक्रमा II (Navika Sagar Parikrama II) अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली दो महिला नौसेना अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. का 29 मई 2025 को गोवा के तट पर भव्य स्वागत होने वाला है। यह ऐतिहासिक अभियान 2 अक्टूबर 2024 को गोवा के नेवल ओशन सेलिंग नोड से शुरू हुआ था, और अब आठ महीने बाद यह अपनी मंजिल पर पहुंचने जा रहा है।
Navika Sagar Parikrama II: डबल-हैंडेड मोड में पूरी की परिक्रमा
नाविका सागर परिक्रमा II (Navika Sagar Parikrama II) भारतीय नौसेना का एक ऐसा अभियान है, जिसमें दो महिला अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के सेलिंग वेसल तारिणी पर सवार होकर विश्व की परिक्रमा की। यह परिक्रमा डबल-हैंडेड मोड में पूरी की गई, यानी सिर्फ दो लोगों ने मिलकर इस विशाल समुद्री यात्रा को अंजाम दिया। इस दौरान उन्होंने चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन महान केप्स को पार किया। कुल 25,400 नॉटिकल मील (लगभग 50,000 किलोमीटर) की यह यात्रा अपने आप में एक मिसाल है। इस अभियान ने न केवल भारत की समुद्री ताकत को दर्शाया, बल्कि नारी शक्ति को भी एक नई पहचान दी।

मुश्किलों से भरा रहा सफर
रूपा और दिलना, जिन्हें प्यार से #DilRoo कहा जाता है, ने इस यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने 50 नॉट्स (93 किलोमीटर प्रति घंटा) तक की तेज हवाओं, तूफानी मौसम और बेहद ठंडे तापमान का डटकर मुकाबला किया। इस दौरान वे पूरी तरह से पाल और हवा की शक्ति पर निर्भर रहीं। खास तौर पर यात्रा का तीसरा चरण, जो न्यूजीलैंड के लिटलटन से फॉकलैंड द्वीप के पोर्ट स्टैनली तक था, सबसे मुश्किल रहा। इस चरण में उन्हें तीन चक्रवातों का सामना करना पड़ा और ड्रेक पैसेज जैसी खतरनाक जगह से गुजरना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने केप हॉर्न को भी पार किया, जिसे समुद्री यात्राओं में सबसे कठिन माना जाता है।
Historic Voyage Completed!
The Indian Navy is all set to welcome Lt Cdr Roopa A and Lt Cdr Dilna K – the fearless duo of Navika Sagar Parikrama II – as they return to Goa on 29 May 2025 after circumnavigating the globe aboard INSV Tarini.
Covering 25,400 nautical miles over 4… pic.twitter.com/7rGXASbtI7— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) May 27, 2025
इन दोनों महिला अधिकारियों ने अपनी हिम्मत, लगन और समुद्री कौशल से हर मुश्किल को पार किया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय नौसेना बल्कि पूरे देश को गर्व का मौका दिया है। यह अभियान भारत की समुद्री परंपराओं और नौसेना की पेशेवरता का एक शानदार उदाहरण है।
पूरी दुनिया ने सराहा
इस यात्रा के दौरान रूपा और दिलना ने कई देशों में रुककर वहां के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टैनली (फॉकलैंड द्वीप) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) में रुककर वहां के स्थानीय लोगों, भारतीय समुदाय, स्कूली बच्चों, नौसेना कैडेट्स और विश्वविद्यालय के शिक्षकों से बातचीत की। उनकी इस यात्रा को हर जगह सराहा गया। पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई संसद में उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जो उनके लिए एक बड़ा सम्मान था।
दुनियाभर के समुद्री संगठनों, स्थानीय समुदायों और विदेशी संसदों ने उनकी उपलब्धियों की तारीफ की। यह अभियान नारी सशक्तिकरण, समुद्री उत्कृष्टता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया। इसने दुनियाभर में भारत की छवि को और मजबूत किया।

रक्षा मंत्री और नौसेना प्रमुख ने की तारीफ
इस यात्रा के दौरान, दोनों महिला अफसरों को देश के बड़े नेताओं से भी प्रोत्साहन मिला। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे बातचीत की। उन्होंने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए उनकी सराहना की और राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में महिलाओं के लिए और अधिक अवसर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी कई मौकों पर इन दोनों अधिकारियों से बात की। उन्होंने उनकी शानदार स्किल्स, पेशेवर रवैये, आपसी सहयोग और टीमवर्क की जमकर तारीफ की। नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह अभियान भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता का प्रतीक है।
कायम की एक नई मिसाल
नाविका सागर परिक्रमा II (Navika Sagar Parikrama II) भारतीय नौसेना के इतिहास में एक नया अध्याय बन गया है। इस अभियान ने न केवल समुद्री खोज की भावना को जिंदा रखा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत के समुद्री कौशल को भी प्रदर्शित किया। यह यात्रा सशक्तिकरण, इनोवेशन और भारत की समुद्री विरासत के प्रति प्रतिबद्धता की मिसाल है। इसने भविष्य के लिए एक उज्जवल और सशक्त रास्ता तैयार किया है।
स्वागत की तैयारियां जोरों पर
अब जब यह ऐतिहासिक अभियान अपने अंतिम पड़ाव पर है, तो पूरे देश की नजरें गोवा पर टिकी हैं। 29 मई को गोवा के मोरमुगाओ पोर्ट पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। इस समारोह में दोनों अधिकारियों का औपचारिक स्वागत किया जाएगा। यह समारोह न केवल इन दोनों बहादुर महिलाओं की उपलब्धि का उत्सव होगा, बल्कि भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत और नारी शक्ति का भी प्रतीक होगा।
नारी शक्ति की जीत
रूपा और दिलना ने इस अभियान के जरिए नारी शक्ति को एक नई पहचान दी है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर हिम्मत और लगन हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनकी यह यात्रा न केवल समुद्री इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जोड़ती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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इस अभियान ने भारत की समुद्री विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और यह संदेश दिया है कि भारतीय नौसेना हर चुनौती को पार करने में सक्षम है। अब, जैसे ही यह अभियान अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच रहा है, पूरा देश इन दो बहादुर महिला अधिकारियों का स्वागत करने के लिए तैयार है। यह पल न केवल भारतीय नौसेना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल है।