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Yudh Seva Medal: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के फर्जी नैरेटिव को बेनकाब करने वाले सेना के स्ट्रैट कॉम एडीजी मेजर जनरल संदीप शारदा को युद्ध सेवा मेडल, दो अग्निवीरों को मिला सेना मेडल

दो पूर्व वायु सेना प्रमुखों के बेटों, ग्रुप कैप्टन ओमर ब्राउन और स्क्वाड्रन लीडर मिहिर विवेक चौधरी, को वायुसेना मेडल (गैलेंट्री से सम्मानित किया गया...

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ऑपरेशन के दौरान स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के मुताबिक, करीब 15 फीसदी ऑपरेशनल प्रयास फर्जी सूचना और झूठे नैरेटिव का मुकाबला करने में लगाए गए। वहीं सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक बयान में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रणनीतिक संदेश देना बेहद जरूरी था...
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📍नई दिल्ली | 15 Aug, 2025, 8:00 PM

Yudh Seva Medal: स्वतंत्रता दिवस पर जारी पुरस्कार सूची में भारतीय सेना के स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन विंग का भी नाम शामिल था। सेना के स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) मेजर जनरल संदीप एस शारदा को युद्ध सेवा मेडल देने का ऐलान किया गया। यह विशिष्ट सेवा पुरस्कार (Distinguished Service Award) की युद्ध श्रेणी का सम्मान है।

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इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर का Logo बनाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता को आर्मी चीफ का कमेंडेशन कार्ड (प्रशंसा पत्र) मिलेगा। स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन टीम के लेफ्टिनेंट कर्नल अमोल जाधव और लेफ्टिनेंट कर्नल अनिकेत को भी चीफ का कमेंडेशन कार्ड और लेफ्टिनेंट कर्नल गौतम झा को वाइस चीफ का कमेंडेशन कार्ड देने का एलान किया गया।

Yudh Seva Medal: ऑपरेशन सिंदूर में कैसे पाकिस्तानी नैरेटिव किया बेनकाब

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने न केवल जमीनी और हवाई मोर्चे पर कार्रवाई की, बल्कि साइबर और इनफॉरमेशन वॉरफेयर के मोर्चे पर भी सक्रिय भूमिका निभाई। वहीं साइबर स्पेस में भी एक अलग तरह की जंग लड़ी जा रही थी। इस दौरान ड्रोन, मिसाइल, एंटी-ड्रोन सिस्टम, फाइटर विमान और तोपों के साथ-साथ नैरेटिव मैनेजमेंट पर भी भारतीय सेना ने विशेष ध्यान दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से तरह-तरह की गलत सूचनाएं चलाईं जा रही थीं। पाकिस्तान ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों के जरिए झूठे दावे फैलाने की कोशिश की, जिसमें यह कहा गया कि भारतीय हमलों में नागरिक मारे गए। सेना की स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन टीम लगातार पाकिस्तान के फर्जी नैरेटिव को ध्वस्त कर रही थी और वहां से फैलाई जा रही झूठी सूचनाओं का पर्दाफाश कर रही थी।

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मेजर जनरल संदीप एस शारदा के नेतृत्व में स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन डायरेक्टोरेट ने सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को नाकाम किया। टीम ने ऑपरेशन की सटीक जानकारी, जैसे हमले के लक्ष्य और परिणामों को दुनिया के सामने रखा। भारतीय सेना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “न्याय हुआ। जय हिंद!”

मेजर जनरल संदीप एस शारदा ने कहा, “यह सम्मान वास्तव में स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन (Strat Comn) टीम द्वारा किए गए अद्भुत, निरंतर और समर्पित कार्य का नतीजा है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और टीमवर्क, अनुशासन तथा रचनात्मक सोच का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। मैं तो बस उनकी मेहनत, लगन और जुनून की रोशनी में नहाया हुआ हूँ। क्योंकि यह उपलब्धि पूरी तरह से टीम के सामूहिक प्रयास की पहचान है।”

ऑपरेशन के दौरान स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के मुताबिक, करीब 15 फीसदी ऑपरेशनल प्रयास फर्जी सूचना और झूठे नैरेटिव का मुकाबला करने में लगाए गए। वहीं सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक बयान में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रणनीतिक संदेश देना बेहद जरूरी था। उन्होंने कहा कि जब सेना ऐसे बड़े ऑपरेशन में जाती है, तो केवल बैटल फील्ड की ही नहीं, बल्कि सूचना के मोर्चे की भी पूरी तैयारी होती है। इस नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम को विकसित करने और उसे लागू करने में काफी समय और मेहनत लगी।

ऑपरेशन सिंदूर का लोगो बनाने वाले अफसर भी सम्मानित

ऑपरेशन सिंदूर के लोगो को डिजाइन करने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता को सेना प्रमुख का प्रशंसा पत्र (कमेंडेशन कार्ड) दिया जाएगा। यह लोगो न केवल ऑपरेशन की पहचान बन गया, बल्कि इसने भारत की सांस्कृतिक और भावनात्मक संवेदनाओं को भी दर्शाया। यही वह समय था जब पहली बार ऑपरेशन सिंदूर का लोगो भी सार्वजनिक किया गया। इस चिन्ह में ‘सिंदूर’ के प्रतीक के माध्यम से यह संदेश दिया गया था कि “बदला पूरा हुआ”।

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ऑपरेशन सिंदूर के लिए स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन टीम के अन्य तीन अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल अमोल जाधव और लेफ्टिनेंट कर्नल अनिकेत को सेना प्रमुख का प्रशंसा पत्र, जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल गौतम झा को सेना उपप्रमुख का प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। इन अधिकारियों ने सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर सही जानकारियां लोगों तक पहुंचाई और पाकिस्तान के झूठे दावों को बेनकाब किया।

तीन अग्निवीर भी सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई अन्य सैन्य कर्मियों को भी सम्मानित किया गया। तीन अग्निवीरों को वीरता के लिए सम्मानित किया गया, जिनमें दो को सेना मेडल (वीरता) और एक को मेंशन-इन-डिस्पैचेस से नवाजा गया। ये सम्मान ऑपरेशन सिंदूर और अन्य मिशनों में उनकी बहादुरी के लिए दिए गए।

Yudh Seva Medal: Maj Gen Sandeep Sharda Honoured for Busting Pakistan’s Fake Narratives in Operation Sindoor
Sons of 2 former IAF Chiefs awarded Vayu Sena Medal (Gallantry) Gp Capt Omar Browne, Sqn Ldr Mihir Vivek Chaudhary

दो पूर्व वायुसेना प्रमुखों के बेटों को वायुसेना मेडल

दो पूर्व वायु सेना प्रमुखों के बेटों, ग्रुप कैप्टन ओमर ब्राउन और स्क्वाड्रन लीडर मिहिर विवेक चौधरी, को वायुसेना मेडल (गैलेंट्री से सम्मानित किया गया। इन दोनों ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को तबाह करने में अहम भूमिका निभाई।

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को मरणोपरांत कीर्ति चक्र

भारतीय सेना के युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह शांति काल में दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। लेफ्टिनेंट तिवारी ने सिक्किम में अपनी जान देकर एक अग्निवीर की जान बचाई थी।

22 मई 2025 को लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में एक गश्ती दल का नेतृत्व कर रहे थे। यह दल एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पोस्ट की ओर बढ़ रहा था। सुबह करीब 11 बजे, उनके दल का एक अग्निवीर, स्टीफन सुब्बा, एक लकड़ी के पुल को पार करते समय संतुलन खो बैठा और तेज धार वाली पहाड़ी नदी में बह गया। लेफ्टिनेंट तिवारी ने बिना देर किए नदी में छलांग लगा दी। उनके साथ नायक पुकार कटेल ने भी मदद के लिए छलांग लगाई। दोनों ने मिलकर अग्निवीर को बचा लिया, लेकिन लेफ्टिनेंट तिवारी तेज धार में बह गए।

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उनके शव को घटनास्थल से 800 मीटर दूर बरामद किया गया। लेफ्टिनेंट तिवारी 14 दिसंबर 2024 को सेना में कमीशन हुए थे और यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। अयोध्या के रहने वाले 23 वर्षीय शशांक ने केवल चार महीने की सेवा में भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा को कायम रखा।

Author

  • Harendra Chaudhary

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।📍 Location: New Delhi, in 🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

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