Army Chief: सेना प्रमुख बोले- सर्दियों में भारत-चीन सीमा पर कम नहीं होगी सेना की तैनाती, गर्मियों में इस आधार पर होगा फैसला

Army Chief said, No Reduction in Troops Along India-China Border This Winter
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📍नई दिल्ली | 7 months ago

Army Chief: भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि सर्दियों के दौरान चीन से सटी उत्तरी सीमा पर सैनिकों की तैनाती में कोई कमी नहीं की जाएगी। सोमवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि गर्मियों में तैनाती को लेकर फैसला बातचीत और चीन के साथ चल रही वार्ताओं के नतीजों के आधार पर लिया जाएगा।

Army Chief said, No Reduction in Troops Along India-China Border This Winter

चार साल पहले गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय और 30 से ज्यादा चीनी सैनिकों (आधिकारिक 4) की मौत के बाद दोनों देशों ने विवादित क्षेत्रों में गश्त करना बंद कर दिया था। हालांकि, दोनों देशों ने इसके बाद वहां काफी संख्या में सैनिकों को इन इलाकों में तैनात कर दिया था।

सैनिकों की संख्या घटाने की योजना नहीं

भारत और चीन के बीच 2020 में हुई झड़प के बाद से लद्दाख में तनाव बढ़ गया था। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के करीब अपनी सैन्य मौजूदगी को मजबूत किया। लेकिन अक्तूबर 2022 में, दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए एक समझौता किया। इसके बाद कुछ दिनों में दोनों पक्षों ने विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया था।

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हालांकि, सेना प्रमुख ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत दिए कि सर्दियों के लिए रणनीतिक तैनाती में किसी भी तरह की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा, “सर्दियों के दौरान तैनाती स्वाभाविक रूप से कम होती है। लेकिन फिलहाल हम किसी भी प्रकार से सैनिकों की संख्या घटाने की योजना नहीं बना रहे हैं।”

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सेना प्रमुख ने कहा कि गर्मियों में सैनिकों की तैनाती का फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि उस समय तक भारत और चीन के बीच बातचीत और समझौतों में कितना प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, “जब गर्मियों की रणनीति की बात होगी, तब हम यह समीक्षा करेंगे कि उस समय तक कितनी बातचीत और बैठकें हो चुकी हैं। उसी के आधार पर अगला कदम तय किया जाएगा।”

1991 के समझौतों के बाद स्थिरता, लेकिन 2020 ने बढ़ाया तनाव

1962 के बाद, भारत और चीन ने 1991 से शुरू होकर कई राजनयिक स्तर की बातचीत और समझौतों के जरिए संबंधों को स्थिर किया। इन प्रयासों का नतजा यह निकला कि व्यापार और व्यवसाय में बढ़ोतरी हुई। लेकिन 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसा ने इन संबंधों को फिर से तनावपूर्ण बना दिया।

वर्तमान में, दोनों देशों ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई वार्ताओं के माध्यम से विवादित क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की कोशिश की है। लेकिन सीमा पर तैनाती और सैनिकों की संख्या को लेकर दोनों पक्षों के बीच अब भी स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई है।

वहीं, गलवान संघर्ष के बाद, भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए। सीमा पर निगरानी और नई तकनीकों का उपयोग बढ़ाया गया है। सेना ने ठंडे इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए विशेष उपकरण और बुनियादी ढांचे को भी बेहतर बनाया है।

सेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्दियों के लिए सैनिकों की तैनाती को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सीमा पर स्थिरता बनी रहे और किसी भी संभावित स्थिति से निपटा जा सके।

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