📍नई दिल्ली | 15 Oct, 2025, 11:33 AM
Top 5 Defence Stocks: सरकार ने डिफेंस प्रोक्योरमेंट सिस्टम को अधिक पारदर्शी और तेज बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। इसी दिशा में हाल ही में एंटिक डिफेंस एंड एयरोस्पेस कॉन्फ्रेंस 4.0 – फेज 2 का आयोजन किया गया, जहां रक्षा मंत्रालय के अपर सचिव (एएसडी) ने भारतीय डिफेंस इंडस्ट्रीज के लिए कई नए एलान किए।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य भारत को 2047 तक एक वैश्विक रक्षा निर्माण केंद्र बनाना है। इसके लिए डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स को तेजी से अंतिम रूप देना, निजी कंपनियों के प्रोडक्ट्स का जल्द से जल्द फील्ड परीक्षण करना और रक्षा निर्यात बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
सितंबर 2025 में सरकार ने डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल (डीपीएम) में भी बदलाव किए हैं। वहीं, डिफेंस एक्विजिशन प्रोसीड्योर (डीएपी) में सुधार का काम भी दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा।
इस सम्मेलन के बाद एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने पांच प्रमुख भारतीय रक्षा कंपनियों हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), मझगांव डॉक एंड शिपबिल्डर्स, जेन टेक्नोलॉजीज, और पीटीसी इंडस्ट्रीज को अपने पसंदीदा शेयरों में शामिल किया है।
Top 5 Defence Stocks: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने एचएएल को “बॉय” रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 6,360 रुपये तय किया है। एचएएल को आने वाले वर्षों में सबसे ज्यादा फायदा भारतीय वायुसेना के एक्सपेंशन प्लान से मिल सकता है। वायुसेना का लक्ष्य अपने फाइटर स्क्वॉड्रन को 31 से बढ़ाकर 42 करना है। इससे एचएएल को अगले 10–15 सालों में 300 से अधिक विमान जैसे तेजस एमके-1ए, तेजस एमके-II और एएमसीए (5वीं पीढ़ी) बनाने का अवसर मिलेगा।
कंपनी अब हर साल 24 तेजस एमके-1ए विमान बनाने की क्षमता बढ़ा रही है। साथ ही, जीई के एफ404 इंजनों की डिलीवरी से सप्लाई चेन में सुधार आया है।
एचएएल ने जीई के साथ भारत में एफ414 इंजन निर्माण के लिए समझौता किया है, जिसके तहत 80% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होगा, जो आने वाले वर्षों में 100% तक पहुंच सकता है। इसके अलावा साफरान के साथ एक जॉइंट वेंचर के जरिए हेलिकॉप्टरों के लिए टर्बोशाफ्ट इंजिन भी तैयार किया जाएगा।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
बीईएल को देश में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी माना जाता है। इसे एंटिक ने “बाय” रेटिंग देते हुए 454 रुपये का टारगेट दिया है। कंपनी को क्यूआरएसएएम मिसाइल सिस्टम के लिए लगभग 30,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर वित्त वर्ष 26 की चौथी तिमाही में मिलने की उम्मीद है। कुल ऑर्डर इनफ्लो 57,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है, जिससे बीईएल की आय स्थिर बनी रहेगी।
बीईएल अपने उत्पादन केंद्रों को आधुनिक बना रही है। इसके लिए कंपनी हर साल 700 से 800 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर रही है। साथ ही कंपनी नई इलेक्ट्रो-आप्टिकल और इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सुविधाओं का भी विस्तार कर रही है।
मझगांव डॉक एंड शिपबिल्डर्स
मझगांव डॉक भारतीय नौसेना के लिए जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण करती है। कंपनी इस समय सबमरीन प्रोजेक्ट पी-75ए के तहत छह नई पनडुब्बियों के निर्माण के लिए कॉन्ट्रैक्ट निगोशिएशंस कर रही है। इसके साथ ही अतिरिक्त स्कॉर्पिन क्लास पनडुब्बियों के लिए भी ऑर्डर मिलने की संभावना है।
कुल संभावित ऑर्डर का आकार 1–1.05 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है, जो कंपनी के वर्तमान ऑर्डर बुक से तीन गुना अधिक है। एंटिक ने माजागॉन डॉक के लिए “बाय” रेटिंग और 3,856 रुपये का टारगेट तय किया है।
पीटीसी इंडस्ट्रीज
पीटीसी इंडस्ट्रीज ने रक्षा क्षेत्र में स्ट्रेटेजिक मैटीरियल मैन्युफैक्चरिंग को नई दिशा दी है। इसकी एरोलॉयज टेक्नोलॉजीज यूनिट लखनऊ में स्ट्रेटेजिक मैटीरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स बना रही है। यह विश्व की सबसे बड़ी टाइटेनियम रिसाइक्लिंग एंड रिमेल्टिंग फेसिलिटीज में से एक होगी।
कंपनी का लक्ष्य अगले पांच से छह सालों में अपनी आमदनी को 10 से 20 गुना बढ़ाकर 3,500 से 7,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है। एंटिक ने इसके लिए “बाय” रेटिंग और 19,016 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है।
कंपनी का कास्टिंग सेगमेंट 50% से अधिक का ईबीआईटीडीए मार्जिन दिखा रहा है, जो इसके मुनाफे को और मज़बूती देगा।
जेन टेक्नोलॉजीज
जेन टेक्नॉलॉजीज भारत की अग्रणी एंटी-ड्रोन सिस्टम्स (एडीएस) और सिम्युलेशन-बेस्ड मिलिट्री ट्रेनिंग कंपनी है। भारत में एडीएस बाजार अगले पांच साल में 10,000 रुपये करोड़ तक पहुंच सकता है। कंपनी को इस क्षेत्र में शुरुआती बढ़त मिली है।
हालांकि वित्त वर्ष 26 में कुछ ऑर्डरों में देरी के कारण आय में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन वित्त वर्ष 27 से एंटी-ड्रोन सिस्टम्स और सिमुलेशन सेक्टर में कंपनी की पकड़ और मजबूत होगी। एंटिक ने जेन टेक्नॉलॉजीज के लिए “बाय” रेटिंग और 1,866 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत का लक्ष्य है कि वह 2047 तक दुनिया के प्रमुख रक्षा निर्यातकों और निर्माण केंद्रों में शामिल हो। इसके लिए सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया को तेज, सरल और पारदर्शी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश लागू किए हैं।
फास्टर कॉन्ट्रैक्ट एप्रूवल, निजी क्षेत्र के लिए अवसर, और रक्षा उत्पादों के निर्यात में वृद्धि के कदम इस रणनीति का हिस्सा हैं। इन सुधारों से एचएएल, बीईएल, मझगांव डॉक, जेन टेक्नोलॉजीज और पीटीसी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को सीधा फायदा होगा।
डिस्क्लेमर: शेयरों में निवेश करने से वित्तीय नुकसान का जोखिम होता है। इसलिए, निवेशकों को शेयरों में निवेश या ट्रेडिंग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। निवेश करने से पहले कृपया अपने निवेश सलाहकार से सलाह लें।