📍भुज | 2 Oct, 2025, 7:22 PM
Rajnath Singh Shastra Puja: विजयादशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन पर शस्त्र पूजन किया और भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य को नमन किया। इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खोलकर रख दी और यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी परिस्थिति में निर्णायक जवाब देने में सक्षम है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक सेक्टर तक भारत की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने रिकॉर्ड समय में ऑपरेशन चलाकर न केवल पाकिस्तान की मंशा को नाकाम किया बल्कि उसकी एयर डिफेंस की कमजोरी भी दुनिया के सामने ला कर रख दी।
सर क्रीक सेक्टर को लेकर दी चेतावनी
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि वह लगातार सर क्रीक सेक्टर में विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहा है और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा बातचीत के जरिए समाधान की कोशिश की है लेकिन पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक सेक्टर में कोई दुस्साहस किया तो उसका जवाब इतना कड़ा होगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। 1965 में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंची थी और पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि 2025 में क्रीक से कराची का रास्ता भी जाता है।”
जॉइंटनेस से मिली ऑपरेशन सिंदूर में सफलता
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता भारतीय सेनाओं की जॉइंटनेस और सामंजस्य का परिणाम है। इस ऑपरेशन में थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर रणनीतिक कौशल और साहस का परिचय दिया। उन्होंने सैनिकों और अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत की सेनाओं ने यह साबित कर दिया है कि वे हर चुनौती का सामना कर सकती हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने संयम का परिचय दिया क्योंकि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ था, न कि युद्ध छेड़ने के लिए। सभी सैन्य उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया गया और आतंक के खिलाफ भारत का संकल्प अडिग है।
विजयादशमी पर शस्त्र पूजन के महत्व पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि भारत की सभ्यता का प्रतीक है। किसान हल की पूजा करता है, विद्यार्थी किताबों की पूजा करता है और सैनिक अपने हथियारों की पूजा करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “ज्ञान बिना शक्ति असुरक्षित है और शक्ति बिना ज्ञान अराजकता लाती है। शास्त्र (ज्ञान) और शस्त्र (हथियार) का संतुलन ही हमारी सभ्यता को अमर और अजेय बनाता है।”
आत्मनिर्भर भारत का विजन
रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत आज आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा है। भारत अब न केवल अपने हथियार बना रहा है बल्कि उन्हें निर्यात भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सैनिक मिशन एरिया में पूरी तरह स्वदेशी उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं की संयुक्तता की सराहना की और कहा कि वे भारत की सुरक्षा के तीन मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने हाल ही में की गई एक्सरसाइज वरुणास्त्र का भी जिक्र किया, जिसमें तीनों सेनाओं की संयुक्त क्षमता और तैयारी को दिखाया गया।
नई चुनौतियों का किया जिक्र
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सीमाओं पर हमेशा चुनौतियां रही हैं, लेकिन अब वे और जटिल हो गई हैं। आज बाहरी आक्रमण के साथ-साथ आतंकवाद, साइबर युद्ध और सूचना युद्ध भी बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने सैनिकों से हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने की अपील की।
महात्मा गांधी को किया याद
रक्षा मंत्री ने विजयादशमी और महात्मा गांधी जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें सिखाता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न लगे, अंततः अच्छाई ही जीतती है। शस्त्र पूजन भारत के राष्ट्रीय जीवन से जुड़ा है और यह हमारे सामूहिक बल और स्वतंत्रता का सम्मान है।
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि गांधीजी ने केवल आत्मबल के सहारे सबसे शक्तिशाली साम्राज्य को झुकने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि आज हमारे सैनिकों के पास मनोबल भी है और हथियार भी, इसलिए कोई चुनौती उनके सामने टिक नहीं सकती।
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने सर क्रीक सेक्टर में टाइडल इंडिपेंडेंट बर्थिंग फैसिलिटी और जॉइंट कंट्रोल सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं तटीय सुरक्षा, संयुक्त ऑपरेशनल क्षमता और किसी भी खतरे का तेजी से जवाब देने में मददगार साबित होंगी।
वहीं, इस मौके पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, साउदर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, 12 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आदित्य विक्रम सिंह राठी और एयर फोर्स स्टेशन भुज के एयर कमोडोर केपीएस धाम भी मौजूद थे।


