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Indian AMCA fighter jet: स्टेल्थ फाइटर प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों में कड़ा मुकाबला, अब अदाणी डिफेंस और एमटीएआर टेक्नोलॉजीज ने मिलाया हाथ

एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने 9 प्रोटोटाइप बनाने की योजना तैयार की है, जिनमें से 5 उड़ान के लिए और 1 स्ट्रक्चरल टेस्ट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा...

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📍नई दिल्ली | 13 Oct, 2025, 11:33 AM

Indian AMCA fighter jet: अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और हैदराबाद की प्रिसिजन इंजीनियरिंग कंपनी एमटीएआर टेक्नोलॉजीज ने मिलकर भारत के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोजेक्ट में बोली लगाने की तैयारी की है। दोनों कंपनियां मिलकर लगभग 15,000 करोड़ रुपये के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए बोली लगाएंगी प्रतिस्पर्धा, जिसके तहत भारत का पहला फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट डेवलप किया जाना है।

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यह प्रोजेक्ट भारतीय वायु सेना) की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। इसके डिजाइन और डेवलपमेंट की जिम्मेदारी डीआरडीओ और उसकी सहायक एजेंसी एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के पास है। अब पहली बार, निजी कंपनियां भी इस प्रोजेक्ट के प्रोटोटाइप डेवलपमेंट में भागीदारी करने की तैयारी रही हैं।

अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने 2019 के बाद से तेजी से एयरोस्पेस और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अपनी पकड़ मजबूत की है। एक तरफ जहां अदाणी डिफेंस एयरोस्ट्रक्चर, कॉम्पोजिट्स और एवियोनिक्स जैसे सेक्टर्स में एक्सपर्ट है, तो दूसरी ओर, एमटीएआर टेक्नोलॉजीज हाई-प्रिसिजन इंजीनियरिंग में माहिर है और यह पहले से ही इसरो, डीआरडीओ और न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन जैसी संस्थाओं के लिए काम कर चुकी है।

एमटीएआर की विशेषज्ञता क्रायोजेनिक और हाई-टेम्परेचर अलॉयज में है, जो स्टेल्थ जेट्स के निर्माण में बेहद जरूरी होते हैं। वहीं, अदाणी की बड़ी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और सप्लाई चेन नेटवर्क इस प्रोजेक्ट की रफ्तार बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साझेदारी का एलान आधिकारिक तौर पर नहीं किया गया है, लेकिन दोनों कंपनियों का लक्ष्य एएमसीए प्रोटोटाइप डेवलपमेंट फेज के लिए क्वालिफाई करना है। वे एयरफ्रेम इंटीग्रेशन, सिस्टम इंजीनियरिंग और रैपिड प्रोटोटाइपिंग जैसे सेक्टर में फोकस कर रहे हैं।

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भारत का पहला स्वदेशी फिफ्थ जनरेशन मल्टीरोल स्टेल्थ फाइटर जेट है। यह ट्विन इंजन, सिंगल सीट और ऑल-वेदर विमान होगा, जो वायु सेना और नौसेना दोनों के लिए तैयार किया जा रहा है।

इसकी खासियत इसका स्टेल्थ डिजाइन है, जिससे रडार पर इसे पकड़ पाना मुश्किल होगा। यह हल्के कंपोजिट मटेरियल्स और रडार-एब्जॉर्बेंट कोटिंग्स से बनाया जाएगा। इसके अलावा, इसमें इंटरनल वेपन बे, एआई-बेस्ड एवियोनिक्स सिस्टम, सुपरक्रूज क्षमता और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम शामिल होंगे।

सरकार ने 2023 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है। पहले प्रोटोटाइप की टेस्ट फ्लाइट 2029 में होने की उम्मीद है, जबकि सीरिज प्रोडक्शन 2035 तक शुरू किया जा सकता है।

एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी की तरफ से जून 2025 में जारी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के बाद कुल सात बड़ी कंपनियों या कंसोर्टियम्स ने एएमसीए प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए आवेदन किया है। इनमें हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल), बीईएमएल-कल्याणी ग्रुप, एलएंडटी-बीईएल और अब अदाणी-एमटीएआर कंसोर्टियम शामिल हैं। कुल 28 प्राइवेट फर्म्स ने एचएएल के साथ पार्टनरशिप के लिए अप्लाई किया है।

एचएएल पहले से ही तेजस फाइटर जेट बना रहा है, जबकि टाटा ने एफ-16 और सी-295 जैसे विमानों के स्ट्रक्चर पर काम किया है। दूसरी ओर, भारत फोर्ज और एल एंड टी जैसे समूह अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत मेटलर्जी और सिस्टम इंटीग्रेशन क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं।

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वहीं, डीआरडीओ और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी जल्द ही उन कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करेंगे जो टेक्निकल, फाइनेंशियल और प्रोडक्शन कैपेबिलिटीज के आधार पर योग्य साबित होंगी।

एएमसीए प्रोजेक्ट भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में लाने वाला है, जिनके पास अपनी फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ फाइटर तकनीक है। अभी तक यह क्षमता केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास है। एएमसीए में इस्तेमाल होने वाले इंजन के विकास के लिए डीआरडीओ की गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (जीटीआरई) फ्रांसीसी कंपनी साफरान के साथ मिलकर काम कर रही है। यह नया इंजन 120 किलो न्यूटन थ्रस्ट कैटेगरी का होगा और इसमें 100 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी शामिल है।

साथ ही, एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने 9 प्रोटोटाइप बनाने की योजना तैयार की है, जिनमें से 5 उड़ान के लिए और 1 स्ट्रक्चरल टेस्ट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

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  • News Desk

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