📍नई दिल्ली | 12 Oct, 2025, 3:47 PM
FM Amir Khan Muttaqi Presser: भारत दौरे पर आए अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव, महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध, भारत के साथ संबंधों और मीडिया विवादों पर विस्तार से अपनी बात रखी। मुत्ताकी ने कहा कि पाकिस्तान की आम जनता शांति चाहती है और अफगानिस्तान भी अच्छे संबंधों का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अपनी सीमाओं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा, भले ही इसके लिए सैन्य कार्रवाई क्यों न करनी पड़े।
FM Amir Khan Muttaqi Presser: पाकिस्तान से तनाव पर बोले मुत्ताकी
मुत्ताकी ने पाकिस्तान के साथ हालिया सीमा झड़पों पर कहा कि अफगानिस्तान ने सिर्फ अपनी संप्रभुता की रक्षा की है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की जनता अधिकांश रूप से शांति चाहती है और अफगानिस्तान से अच्छे संबंध बनाना चाहती है। हमें पाकिस्तानी नागरिकों से कोई समस्या नहीं है। लेकिन पाकिस्तान के कुछ तत्व ऐसे हैं जो दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं।”
उन्होंने दावा किया कि अफगानिस्तान ने सीमा पर हुई बढ़ोतरी का तुरंत जवाब दिया और “अपना सैन्य लक्ष्य हासिल किया।” मुत्ताकी ने कहा कि यह कार्रवाई सीमित समय के लिए की गई थी, करीब चार घंटे तक चली और इसमें नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
मुत्ताकी ने बताया कि कतर और सऊदी अरब ने संघर्ष रोकने की अपील की, जिसके बाद अफगानिस्तान ने कार्रवाई रोक दी। उन्होंने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है और उनका देश शांति चाहता है, लेकिन यदि पाकिस्तान ने अपने रवैये में सुधार नहीं किया, तो अफगानिस्तान के पास “अन्य विकल्प” भी मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि “हमने अपने देश की रक्षा के लिए जिहाद लड़ा और अब जब अफगानिस्तान स्वतंत्र है, तो कोई भी देश हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।”
“ड्यूरंड लाइन को कोई नहीं रोक पाया, पाकिस्तान अपने घर को संभाले”
मुत्ताकी ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की धरती पर टीटीपी के आतंकी मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना के अभियानों के कारण कई लोग विस्थापित हुए, जिन्हें अफगानिस्तान ने शरणार्थी के रूप में जगह दी।
उन्होंने कहा, “ड्यूरंड लाइन लगभग 2,400 किलोमीटर लंबी है। इसे न तो ब्रिटिश, न सोवियत और न ही अमेरिकी सेनाएं पूरी तरह नियंत्रित कर सकीं। अगर पाकिस्तान चाहता है कि सीमा पर शांति बनी रहे, तो उसे अपनी सीमाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। यह संघर्ष पाकिस्तान के अंदरूनी हालात का नतीजा है।”
मुत्ताकी ने कहा कि यदि समस्या अफगानिस्तान की होती, तो चीन, ईरान और उज्बेकिस्तान जैसे अन्य पड़ोसी देश भी शिकायत करते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की नीति साफ है, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन अपने देश की सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे।”
महिलाओं की शिक्षा पर बोले ‘हमने शिक्षा को हराम नहीं कहा’
अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बीच मुत्ताकी ने महिलाओं की शिक्षा पर लगाए गए प्रतिबंध पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में वर्तमान में 10 मिलियन (एक करोड़) छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से 2.8 मिलियन (28 लाख) छात्राएं हैं।
मुत्ताकी बोले, “अफगानिस्तान के उलेमा और मदरसों से हमारे गहरे संबंध हैं, जिनमें दारुल उलूम देवबंद भी शामिल है। धार्मिक संस्थानों में शिक्षा ग्रेजुएशन स्तर तक दी जा रही है। कुछ स्थानों पर सीमाएं हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हम शिक्षा के विरोधी हैं। हमने शिक्षा को धार्मिक रूप से ‘हराम’ नहीं घोषित किया है। केवल कुछ हिस्सों में इसे अस्थायी रूप से रोका गया है।”
उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “इस्लामी शासन में सभी के अधिकार पुरुषों के भी और महिलाओं के भी सुरक्षित हैं।”
FM Amir Khan Muttaqi Presser: महिला पत्रकारों को नहीं बुलाने पर दी सफाई
दो दिन पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाए जाने पर पूछे गए सवाल पर मुत्ताकी ने कहा कि यह जानबूझकर नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को बहुत कम समय में आयोजित किया गया था और मीडिया सूची पहले से तय थी। उन्होंने कहा, “प्रेस कॉन्फ्रेंस में भागीदारी की सूची बहुत सीमित थी और इसे तकनीकी कारणों से कम किया गया था। इसमें किसी को जानबूझकर बाहर नहीं रखा गया। यह केवल प्रक्रिया की वजह से हुआ।”
FM Amir Khan Muttaqi Presser: ‘चाबहार, व्यापार और निवेश पर बात हुई’
मुत्ताकी ने बताया कि उनकी मुलाकात भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से हुई, जिसमें व्यापार, अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारत ने काबुल में अपनी टेक्निकल मिशन को एम्बेसी में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है और अफगान राजनयिक जल्द ही नई दिल्ली पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा, “भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में विकास कार्य फिर से शुरू करेगा और लंबित परियोजनाओं को पूरा करेगा। हमने भारत को खनिज, कृषि और खेल के क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया है।”
मुत्ताकी ने यह भी बताया कि बैठक में चाबहार पोर्ट (और वाघा बॉर्डर को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि वाघा सीमा सबसे नजदीकी और तेज व्यापारिक मार्ग है, इसलिए भारत-अफगान व्यापार के लिए इसे खोला जाना चाहिए।
‘हमारा झंडा जिहाद का प्रतीक है, अब दूतावास पर हमारा नियंत्रण है’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूतावास परिसर में लगाए गए इस्लामी अमीरात के झंडे पर सवाल पूछे जाने पर मुत्ताकी ने कहा कि यह वही झंडा है जिसके नीचे “जिहाद” लड़ा गया और जीत हासिल की गई। उन्होंने कहा, “हमने इस झंडे के नीचे लड़ाई लड़ी और जीते। इसलिए यह झंडा आज हमारे साथ है। यही हमारे संघर्ष और स्वतंत्रता का प्रतीक है।”
उन्होंने दावा किया कि नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास अब पूरी तरह तालिबान सरकार के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, “जो हमारे खिलाफ लड़े थे, वे भी अब हमारे साथ काम कर रहे हैं।” (हालांकि, वर्तमान में दूतावास में अफगान रिपब्लिक का झंडा बाहर लहरा रहा है, और स्टाफ अब भी पूर्व प्रशासन से जुड़ा है।)
‘हमने खून के लिए खून नहीं बहाया, माफी दी’
मुत्ताकी ने अपने बयान में कहा कि तालिबान सरकार ने सत्ता में आने के बाद अपने विरोधियों को भी माफ कर दिया। उन्होंने कहा, “हमने जब शासन संभाला, तब पिछले 40 वर्षों के संघर्ष को समाप्त करने का फैसला किया। हमने उन सभी को माफ कर दिया जो हमारे खिलाफ लड़े। यहां तक कि जो लोग हमारे नागरिकों के खिलाफ थे, वे भी अब काबुल में स्वतंत्र जीवन जी रहे हैं। हमारा उद्देश्य था कि लोग समझें, कि हमने खून के लिए खून नहीं बहाया।”
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अब अमन और सुरक्षा है। अगर किसी को अब भी अत्याचार का सामना करना पड़ता है, तो उसके लिए हमारे पास कानून हैं। हमारे राज्यपाल और अन्य लोगों के पास सुरक्षा नहीं है। खुद मुत्ताकी ने कहा कि वे बिना किसी सुरक्षा के मोटरसाइकिल पर काबुल की सड़कों पर घूमते हैं।
‘हम शांति चाहते हैं, लेकिन ताकत से अपनी रक्षा करेंगे’
मुत्ताकी ने अपने संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान एक शांति-प्रिय देश है, लेकिन अगर किसी ने उसकी सीमाओं या संप्रभुता को चुनौती दी, तो वह जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपने आंतरिक मामलों को संभाले और अफगानिस्तान को दोष देना बंद करे।
उन्होंने कहा, “हमारे पास दिल बड़ा है, हमें किसी से डर नहीं। लेकिन अगर कोई हमारी सीमाओं में हस्तक्षेप करता है, तो हम जवाब देंगे। हमने अपने सैन्य उद्देश्यों को पूरा किया और किसी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया।”