📍नई दिल्ली | 29 Sep, 2025, 11:48 PM
Ex-Servicemen Welfare: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि पूर्व सैनिक राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्होंने न केवल वर्दी में रहकर देश की सेवा की बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी समाज में अपनी भूमिका निभाते रहे। उन्होंने कहा कि वेटरन्स का अनुशासन, नेतृत्व और रणनीतिक सोच समाज को दिशा देने और युवाओं को प्रेरित करने में अहम है। उन्होंने पूर्व सैनिकों के योगदान और उनके कल्याण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित नेशनल कॉन्क्लेव 2025 में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि एक्स-सर्विसमेन सामाजिक और आर्थिक पहलों के माध्यम से समुदायों और राष्ट्र को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि वेटरन्स समाज में भरोसा, एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं और यही समाज को स्थिरता और मजबूती प्रदान करता है। दो दिवसीय यह कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर (DESW) द्वारा आयोजित किया गया। इस वर्ष कॉन्क्लेव का विषय रखा गया था- “विकसित भारत और एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर”।
अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं को सही दिशा दिखाने और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रखने में वेटरन्स की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिकों का अनुभव और नेतृत्व क्षमता समाज को सकारात्मक दिशा देने में हमेशा सहायक साबित होता है।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि वेटरन्स सामुदायिक विकास और सामाजिक परियोजनाओं में अहम योगदान देते हैं। उन्होंने गांवों में तालाब या मंदिर बनाने जैसे सामूहिक प्रयासों का उदाहरण दिया और कहा कि पूर्व सैनिक लोगों को एकजुट कर सामाजिक परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि कोलैबोरेटिव गवर्नेंस ही बड़े लक्ष्यों को हासिल करने का रास्ता है। जीएसटी, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत योजना और कोविड-19 टीकाकरण जैसे अभियानों की सफलता इसी का प्रमाण है। इसी तरह यदि वेटरन्स वेलफेयर में केंद्र और राज्यों का सहयोग बढ़ाया जाए तो नतीजे और बेहतर हो सकते हैं।
रक्षा मंत्री ने वेटरन्स की उद्यमशीलता और सामाजिक योगदान की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “वंस अ सोल्जर, आलवेज ए सोल्जर” का मंत्र वेटरन्स ने सच कर दिखाया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वेटरन्स को पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोजगार से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें स्मार्ट कैंटीन कार्ड्स, ऑनलाइन ईएसएम, आईडी कार्ड्स, डीजीआर सेवाओं की डिजिटल पहुंच और स्पर्श पोर्टल शामिल हैं। इनसे प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
कार्यक्रम में डिपार्टमेंट ऑफ एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर के सचिव नितेन चंद्र ने विभिन्न राज्यों और जिलों के सैनिक बोर्ड्स की प्रस्तुतियों का स्वागत किया और कहा कि यह चर्चा भविष्य की नीतियों को आकार देने में मदद करेगी। इस मौके पर पूर्व सैनिकों की प्रेरणादायक कहानियों पर बनी एक फिल्म दिखाई गई, उत्कृष्ट योगदान देने वाले सैनिक बोर्ड्स और वेटरन्स को सम्मानित किया गया और नई गाइडबुक्स भी जारी की गईं।
कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वित्तीय सलाहकार डॉ. मयंक शर्मा समेत रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।