📍पणजी (गोवा) | 20 Oct, 2025, 5:08 PM
PM Modi Diwali INS Vikrant: गोवा तट से दूर अरब सागर की लहरों पर भारतीय नौसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर इस बार दिवाली का नजारा बिल्कुल अलग था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर 2025 को भारतीय नौसेना के अधिकारियों और जवानों के साथ समुद्र में दिवाली मनाई। यह वही युद्धपोत है जो कुछ माह पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के कराची पोर्ट को उड़ाने के लिए तैयार था, और जिसकी मौजूदगी भर से पड़ोसी देश की नींद उड़ गई थी।
PM Modi Diwali INS Vikrant: “विक्रांत” नाम से बेचैन पाकिस्तान
प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत के डेक पर नौसेना के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आईएनएस विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा और संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान “विक्रांत” का नाम सुनते ही पाकिस्तान में बेचैनी फैल गई थी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर नौसेना कर्मियों की शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि यह युद्धपोत भारत की सैन्य ताकत का शानदार उदाहरण है।
देखा मिग-29के फाइटर जेट्स का लैंडिंग अभ्यास
प्रधानमंत्री ने जहाज के फ्लाइट डेक का दौरा किया, जहां मिग-29के फाइटर जेट्स तैनात थे। उन्होंने इन लड़ाकू विमानों के दिन और रात में टेकऑफ तथा लैंडिंग अभ्यास को करीब से देखा और नौसैनिक पायलटों के कौशल की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि एयरक्राफ्ट कैरियर को ऑपरेट करना केवल तकनीकी क्षमता नहीं, बल्कि अद्भुत अनुशासन और साहस का प्रतीक भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “विक्रांत” भारत की सामरिक तैयारी का प्रमाण है, जो दुश्मन को युद्ध शुरू होने से पहले ही भयभीत कर देता है। उन्होंने कहा, “यह वॉरशिप केवल लोहा और स्टील नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के आत्मविश्वास और परिश्रम से बना है। यह आत्मनिर्भर भारत की उस ताकत का प्रतीक है, जो दुश्मन के मन में खौफ पैदा कर देती है।”
उगते सूरज का अद्भुत नजारा
मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर बिताई रात का अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने जहाज से समुद्र पर उगते सूरज का अद्भुत नजारा देखा, जो उनके लिए एक भावनात्मक पल था। उन्होंने कहा, “इस जहाज पर एक ओर अनंत आकाश है और दूसरी ओर असीम सागर। इन दोनों के बीच खड़ा ‘विक्रांत’ भारत की उस शक्ति का प्रतीक है, जो हर चुनौती को अवसर में बदल देता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने नौसेना कर्मियों के जोश, अनुशासन और देशभक्ति को करीब से देखा। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले इन सैनिकों के साथ दिवाली मनाना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
आठ से दस वॉरशिप्स की तैनाती
गोवा और कर्णाटक तट से सटे समुद्र में आईएनएस विक्रांत के साथ आठ से दस वॉरशिप्स की तैनाती हाल के सालों में नौसेना की सबसे बड़ी ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट रही है। यह तैनाती 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई थी, जब भारत ने समुद्री सीमा पर सतर्कता बढ़ाई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की सेना, नौसेना और वायुसेना न केवल सीमाओं की रक्षा कर रही हैं, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दे रही हैं कि भारत किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा, “आईएनएस विक्रांत ने साबित कर दिया है कि भारत की शक्ति और आत्मनिर्भरता का युग अब पूरी तरह शुरू हो चुका है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना, वायुसेना और थलसेना के कॉर्डिनेशन ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने इस अभियान को भारतीय सेनाओं की “तीनों शाखाओं की एकजुटता” का सर्वोत्तम उदाहरण बताया।
मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले एक दशक में रक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक भारतीय नौसेना में औसतन हर साल 40 नए युद्धपोत या पनडुब्बियां शामिल की गई हैं। उन्होंने कहा, “ब्रह्मोस और आकाश जैसी मिसाइलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी क्षमता साबित की है। आज ‘ब्रह्मोस’ नाम सुनकर ही कई देशों में भय पैदा हो जाता है। दुनिया के कई देश इसे खरीदना चाहते हैं।”
रक्षा निर्यात 30 गुना बढ़ा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब वैश्विक रक्षा निर्यातक देशों की श्रेणी में प्रवेश कर रहा है। पिछले 11 वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात 30 गुना बढ़ा है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि भारत दुनिया के शीर्ष रक्षा निर्यातक देशों में शामिल हो।”
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत के कमीशनिंग के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा उपनिवेशकालीन प्रतीक को छोड़कर छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित नया नौसेना ध्वज अपनाने की बात भी याद की। उन्होंने कहा कि यह न केवल परंपरा का नवीनीकरण था, बल्कि आत्मनिर्भरता और भारतीयता का प्रतीक भी है।
मोदी ने कहा कि स्वदेशी तकनीक से बने आईएनएस विक्रांत के समुद्र में गर्जन करते हुए आगे बढ़ने से यह संदेश जाता है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “भारत की नौसेना अब आत्मनिर्भरता के नए युग में प्रवेश कर चुकी है। रक्षा उत्पादन में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है और आज लगभग हर 40 दिनों में एक नया शिप या पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत देशभर में सैकड़ों रक्षा स्टार्टअप्स और उद्योग नई ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नया भारत न केवल अपने लिए सुरक्षा कवच बना रहा है, बल्कि दुनिया के लिए भी रक्षा उत्पादों का विश्वसनीय साझेदार भी बन रहा है।
नक्सल-माओवादी हिंसा का किया जिक्र
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने नक्सल-माओवादी हिंसा पर भी बात की और कहा कि देश अब इस आतंकी चुनौती से लगभग मुक्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले देश के करीब 125 जिले नक्सली हिंसा की चपेट में थे, जबकि अब यह संख्या घटकर सिर्फ 11 जिलों तक सीमित रह गई है। उन्होंने कहा, “आज सौ से अधिक जिले पहली बार आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं और गर्व के साथ दिवाली मना रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में अब स्कूल, सड़कें और अस्पताल बन रहे हैं, जहां कभी माओवादियों ने विकास को रोक रखा था। उन्होंने सुरक्षा बलों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि देश उनके साहस और बलिदान का ऋणी है।

दीपावली की शाम प्रधानमंत्री ने नौसेना कर्मियों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित प्रस्तुति थी। बाद में प्रधानमंत्री अधिकारियों और नौसैनिकों के परिवारों के साथ पारंपरिक ‘बड़ा खाना’ में भी शामिल हुए।