India-Pakistan Tension: कराची में तुर्की वॉरशिप TCG Büyükada की एंट्री, भारत-पाक तनाव के बीच क्या है इस ‘खास’ दौरे का मतलब?

India-Pakistan Tension: Turkish Warship TCG Büyükada in Karachi
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्की के युद्धपोत TCG Büyükada का कराची बंदरगाह पर आगमन कई सवाल खड़े कर रहा है। यह वही युद्धपोत है जो पनडुब्बी-रोधी क्षमता के लिए जाना जाता है और तुर्की के MİLGEM कार्यक्रम के तहत बना है। तुर्की ने इसे "सद्भावना यात्रा" बताया है, लेकिन इसकी टाइमिंग और पृष्ठभूमि इसे एक साधारण दौरे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण बनाती है...
Read Time 0.28 mintue

📍नई दिल्ली | 3 months ago

India-Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, तुर्की नौसेना का युद्धपोत TCG Büyükada 4 मई 2025 को कराची बंदरगाह पर पहुंचा। यह तुर्की के Ada-class पनडुब्बी-रोधी कोरवेट का दूसरा जहाज है, जो 7 मई तक कराची में रहेगा। इससे पहले तुर्की वायुसेना का C-130 हरक्यूलिस विमान कराची में उतरा था, जिसके बाद अटकलें लगाई गई थीं कि क्या तुर्की पाकिस्तान को सैन्य सहायता पहुंचा रहा है? वहीं, TCG Büyükada की इस यात्रा से पहले तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नेजिरोग्लू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ तुर्की की एकजुटता का संदेश दिया था।

India-Pakistan Tension: क्या कहा पाकिस्तानी नौसेना ने?

पाकिस्तानी नौसेना (India-Pakistan Tension) ने इस यात्रा को “सद्भावना यात्रा” बताया है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करना और नौसेनाओं के बीच आपसी समझ बढ़ाना है। तुर्की ने भी इसे नियमित समुद्री दौरे का हिस्सा करार दिया। लेकिन इसकी टाइमिंग और बैकग्राउंड कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। तो क्या यह दौरा सिर्फ ‘नौसैनिक कूटनीति’ तक सीमित है या इसके पीछे कोई छिपा एजेंडा है? कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह भारत को अप्रत्यक्ष रूप से संदेश देने की कोशिश हो सकती है, क्योंकि तुर्की ने आर्टिकल 370 हटाने के वक्त कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है।

कौन है TCG Büyükada?

TCG Büyükada तुर्की नौसेना (India-Pakistan Tension) का एक एडवांस्ड एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (ASW) कॉर्वेट है। यह तुर्की के MİLGEM युद्धपोत कार्यक्रम के तहत बनाया गया दूसरा जहाज है, जिसे 2013 में सेवा में शामिल किया गया था। यह युद्धपोत सतह और पानी के नीचे के खतरों से निपटने में सक्षम है। इसमें अत्याधुनिक रडार सिस्टम, 76 मिमी नौसैनिक तोप, एंटी-शिप मिसाइलें, टॉरपीडो लांचर और हेलीकॉप्टर संचालन की सुविधा भी है। यानी यह एक मिनी-युद्धपोत की तरह काम करता है। इसमें हेलिकॉप्टर लैंडिंग पैड और हैंगर है। यह जहाज खुले समुद्र में लंबी दूरी के ऑपरेशन कर सकता है और क्षेत्रीय मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह जहाज कराची पहुंचने से पहले मलेशिया और ओमान (29 अप्रैल-1 मई) का दौरा कर चुका था।

कराची क्यों आया है यह युद्धपोत?

तुर्की और पाकिस्तान (India-Pakistan Tension) के बीच हाल के वर्षों में सैन्य सहयोग काफी बढ़ा है। 2022 में दोनों देशों ने मिलकर चार MİLGEM क्लास कॉर्वेट बनाने का समझौता किया था, जिनमें से दो जहाज तुर्की में और दो कराची शिपयार्ड में बनेंगे। इन जहाजों में पहला, PNS बाबर, अब बनकर तैयार है। पाकिस्तान नौसेना के अनुसार, TCG Büyükada का यह दौरा दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने और आपसी समझ को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है। लेकिन यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है।

यह भी पढ़ें:  Navy Day 2024: नौसेना प्रमुख बोले- 2025 में हर महीने एक नया जहाज नौसेना में होगा शामिल, 2036-37 तक मिलेगी देश को पहली परमाणु हमलावर पनडुब्बी (SSN)

तुर्की का ‘साइलेंट’ सपोर्ट?

TCG Büyükada की मौजूदगी से एक दिन पहले तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नजीरओग्लू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ से मुलाकात कर “तुर्की की एकजुटता” का संदेश दिया। इस मुलाकात के बाद TCG Büyükada की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

कई पाकिस्तानी मीडिया चैनलों (India-Pakistan Tension) ने इस दौरे को ‘रणनीतिक समर्थन’ बताया है। हाल ही में जब तुर्की का सैन्य कार्गो विमान कराची में उतरा था, तब भी यह कहा गया था कि शायद इसमें हथियार या उपकरण लाए गए हैं। हालांकि, बाद में तुर्की ने बयान जारी कर इन अटकलों को खारिज कर दिया था।

हालांकि तुर्की और पाकिस्तान (India-Pakistan Tension) के बीच सैन्य सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। दोनों देश न केवल सैन्य उपकरणों और तकनीक के क्षेत्र में बल्कि संयुक्त अभ्यासों और राजनयिक समर्थन में भी एक-दूसरे के करीब हैं। पाकिस्तान और तुर्की दोनों इस्लामिक देशों के रूप में खुद को ‘भाई’ कहते रहे हैं, लेकिन अब यह भाईचारा रणनीतिक गठजोड़ में बदल रहा है।

हाल ही में दोनों देशों ने अतातुर्क-XIII नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था। इसमें दोनों देशों के विशेष बलों ने एक-दूसरे के साथ समन्वय और युद्ध तकनीकों का अभ्यास किया। यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं और सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की क्षमता) को बढ़ाने के लिए था।

कमजोर है पाकिस्तानी नौसेना

पाकिस्तानी नौसेना (India-Pakistan Tension) भारतीय नौसेना की तुलना में कमजोर है, खासकर युद्धपोतों, पनडुब्बियों, और समुद्री निगरानी क्षमता के मामले में। हालांकि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नौसेना ने अपनी ताकत दिखाने के लिए अरब सागर में सैन्य अभ्यास शुरू किया था, जो 30 अप्रैल से 2 मई 2025 तक चला, जिसमें लाइव फायरिंग और नेविगेशन एरिया वॉर्निंग जारी की गई। पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने अपने जवानों को युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया, इसे “खुद को साबित करने का मौका” बताया। पाक नौसेना ने यह कदम भारत की नौसेना के गुजरात तट (30 अप्रैल-3 मई 2025) के पास किए अभ्यास के जवाब में किया था।

यह भी पढ़ें:  Frontline Naval Ships: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर को राष्ट्र को किया समर्पित

दरअसल पाकिस्तानी नौसेना को डर है कि कहीं भारतीय नौसेना 1971 के ऑपरेशन ट्राइडेंट की हमला न कर दे, जिसमें कराची पोर्ट को भारी नुकसान पहुंचा था। पाकिस्तान ने कराची और ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा भी कड़ी की, जिसमें 25 चीनी जे-10सी और जेएफ-17 फाइटर जेट्स तैनात किए गए।

India-Pakistan war: पाकिस्तानी सेना की सीक्रेट बातचीत हुई इंटरसेप्ट, घबराहट में है पाक आर्मी, Zoe और Markhor का है सहारा

भारतीय नौसेना ने की अरब सागर में नाकेबंदी

भारतीय नौसेना (India-Pakistan Tension) ने पहलगाम हमले के बाद अरब सागर में नाकेबंदी शुरू की है, जिसमें पाकिस्तानी जहाजों और नावों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस समुद्री नाकेबंदी ने कराची बंदरगाह के व्यापार को प्रभावित किया है, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है। इसके अलावा भारत ने आईएनएस सूरत (विध्वंसक श्रेणी) को हजीरा पोर्ट पर तैनात किया है, जो आधुनिक मिसाइलों, रडार, और हेलिकॉप्टरों से लैस है। इसके अलावा भारतीय नौसेना ने (30 अप्रैल-3 मई 2025) अरब सागर में चुपचाप कई लाइव फायर ड्रिल्स और मिसाइल परीक्षण किए। इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण भी शामिल था। इन सभी गतिविधियों के लिए NAVAREA वार्निंग जारी की गई थी ताकि कॉमर्शियल जहाजों को सुरक्षा अलर्ट मिल सके। यहां तक कि भारत ने अरब सागर में आईएनएस सूरत और आईएनएस विक्रांत जैसे शक्तिशाली युद्धपोत तैनात किए। इसके बाद 3 मई को नौसेना ने एक इमेज जारी की जिसमें INS कोलकाता, एक ध्रुव हेलिकॉप्टर और एक कलवरी क्लास पनडुब्बी दिख रही थी – संदेश था साफ: “Above, Below and Across Waves”।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US