📍नई दिल्ली | 11 Oct, 2025, 4:01 PM
Indian Army Vidyut Rakshak: भारतीय सेना के इन-हाउस डेवलप सिस्टम ‘विद्युत रक्षक’ के लिए भारत सरकार के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफिस की ओर से पेटेंट मिला है। यह पेटेंट 2023 में फाइल किया गया था। विद्युत रक्षक को भारतीय सेना के ही एक मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने बनाया है, वे इससे पहले भी सेना के लिए कई इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बना चुके हैं।
‘विद्युत रक्षक’ एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित इंटीग्रेटेड जनरेटर मॉनिटरिंग, प्रोटेक्शन और कंट्रोल सिस्टम है, जिसे भारतीय सेना के 7 इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने डेवलप किया है। इस इनोवेशन का उद्देश्य सेना में इस्तेमाल किए जा रहे सभी प्रकार के जनरेटरों की मॉनिटरिंग, सिक्युरिटी और ऑपरेशंस को ऑटोमेटेड और कुशल बनाना है।
Indian Army Vidyut Rakshak: स्वदेशी तकनीक से बढ़ी सेना की ताकत
‘विद्युत रक्षक’ प्रणाली सभी प्रकार के जनरेटरों के साथ कंपेटिबल है, चाहे उनका टाइप, मेक, रेटिंग या विंटेज कोई भी हो। यह सिस्टम जनरेटर के सभी ऑपरेशन को इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म पर लाता है और जनरेटर की हेल्थ, वोल्टेज, करंट और परफॉर्मेंस को रियल टाइम में मॉनिटर करता है।
इस तकनीक की सबसे खास बात यह है कि इसमें फॉल्ट प्रेडिक्शन और प्रिवेंटिव मेंटेनेंस का फीचर है, जिससे किसी भी संभावित खराबी की पहले से पहचान हो जाती है। इसके चलते मैनुअल ऑपरेशन की जरूरत कम हो जाती है और समय तथा मैनपावर दोनों की बचत होती है।
भारतीय सेना के मुताबिक, यह प्रणाली रिमोट और हाई-एल्टीट्यूड इलाकों में विशेष रूप से उपयोगी साबित हुई है, जहां बिजली की उपलब्धता सीमित होती है और जनरेटरों पर अत्यधिक निर्भरता रहती है।
भारतीय सेना के थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इस इनोवेशन को भारतीय सेना की तकनीकी यात्रा में एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया था। “विद्युत रक्षक” पहले से ही कई मिलिट्री यूनिट्स में इस्तेमाल में है और इसने ऑपरेशनल एफिशिएंसी में महत्वपूर्ण सुधार किया है। यह सेना के डेकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन विजन के अनुरूप है, तकनीक को परिवर्तन का माध्यम बनाया जा रहा है।
🚨 Big Milestone for Indian Army! 🇮🇳⚡
The Indian Army has been granted a patent for its in-house innovation “Vidyut Rakshak” – an IoT-enabled Integrated Generator Monitoring, Protection & Control System, developed by Major Rajprasad RS of the 7 Engineer Regiment.#IndianArmy… pic.twitter.com/2JWTQ6DwnL— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) October 11, 2025
मेजर राजप्रसाद के बनाए ‘विद्युत रक्षक’ ने भारतीय सेना में इनोवेशन से लेकर इम्प्लीमेंटेशन तक का पूरा सफर तय किया। इस इनोवेशन को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफिस ऑफ इंडिया ने 09 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक पेटेंट प्रदान किया। पेटेंट प्रमाणपत्र में यह दर्ज है कि ‘विद्युत रक्षक’ का इनोवेशन 13 जून 2023 को दायर किया गया था और यह पेटेंट 20 वर्षों के लिए मान्य रहेगा।
‘विद्युत रक्षक’ को पहली बार एक्स भारत शक्ति में शोकेस किया गया था, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देखा था। इसके प्रदर्शन के दौरान इसकी कार्यप्रणाली और इसकी स्वदेशी तकनीक की रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहना की थी।
मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने पिछले एक वर्ष में तीन महत्वपूर्ण डिफेंस टेक्नोलॉजी इनोवेशन बनाए हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने अपनाया है। इनमें विद्युत रक्षक, मल्टी-टार्गेट पोर्टेबल डेटोनेशन सिस्टम- अग्नास्त्र और “रूम इंटरवेंशन, कमीकाजे एंड ऐईडी डिस्पोजल आरओवी- एक्सप्लोडर शामिल हैं। इसके अलावा, मेजर राजप्रसाद को “पोर्टेबल मल्टी-टारगेट डिटोनेशन डिवाइस” के लिए भी पेटेंट मिल चुका है।
भारतीय सेना का आर्मी डिजाइन ब्यूरो ऐसे इनोवेशंस को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य है कि सेना के भीतर से आने वाले विचारों को तकनीकी रूप से विकसित कर उन्हें जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।