back to top
HomeIndian ArmyIndian Army Vidyut Rakshak: भारतीय सेना को ‘विद्युत रक्षक’ को मिला पेटेंट,...

Indian Army Vidyut Rakshak: भारतीय सेना को ‘विद्युत रक्षक’ को मिला पेटेंट, भारतीय सेना के मेजर राजप्रसाद ने किया है डेवलप

‘विद्युत रक्षक’ एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित इंटीग्रेटेड जनरेटर मॉनिटरिंग, प्रोटेक्शन और कंट्रोल सिस्टम है, जिसे भारतीय सेना के 7 इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने डेवलप किया है...

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.19 mintue

📍नई दिल्ली | 11 Oct, 2025, 4:01 PM

Indian Army Vidyut Rakshak: भारतीय सेना के इन-हाउस डेवलप सिस्टम ‘विद्युत रक्षक’ के लिए भारत सरकार के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफिस की ओर से पेटेंट मिला है। यह पेटेंट 2023 में फाइल किया गया था। विद्युत रक्षक को भारतीय सेना के ही एक मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने बनाया है, वे इससे पहले भी सेना के लिए कई इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बना चुके हैं।

NSG International Seminar: आतंकवाद के खिलाफ स्वदेशी हथियारों से वार, मेजर राजप्रसाद को किया एनएसजी काउंटर आईईडी इनोवेटर अवॉर्ड से सम्मानित

‘विद्युत रक्षक’ एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित इंटीग्रेटेड जनरेटर मॉनिटरिंग, प्रोटेक्शन और कंट्रोल सिस्टम है, जिसे भारतीय सेना के 7 इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने डेवलप किया है। इस इनोवेशन का उद्देश्य सेना में इस्तेमाल किए जा रहे सभी प्रकार के जनरेटरों की मॉनिटरिंग, सिक्युरिटी और ऑपरेशंस को ऑटोमेटेड और कुशल बनाना है।

Indian Army Vidyut Rakshak: स्वदेशी तकनीक से बढ़ी सेना की ताकत

‘विद्युत रक्षक’ प्रणाली सभी प्रकार के जनरेटरों के साथ कंपेटिबल है, चाहे उनका टाइप, मेक, रेटिंग या विंटेज कोई भी हो। यह सिस्टम जनरेटर के सभी ऑपरेशन को इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म पर लाता है और जनरेटर की हेल्थ, वोल्टेज, करंट और परफॉर्मेंस को रियल टाइम में मॉनिटर करता है।

इस तकनीक की सबसे खास बात यह है कि इसमें फॉल्ट प्रेडिक्शन और प्रिवेंटिव मेंटेनेंस का फीचर है, जिससे किसी भी संभावित खराबी की पहले से पहचान हो जाती है। इसके चलते मैनुअल ऑपरेशन की जरूरत कम हो जाती है और समय तथा मैनपावर दोनों की बचत होती है।

यह भी पढ़ें:  Pinaka MBRL: पिनाका रॉकेट सिस्टम हुआ और भी ताकतवर, पहले आर्मेनिया ने खरीदा, अब फ्रांस भी दिखा रहा रूचि

Indian Army Vidyut Rakshak: Army Secures Patent for Indigenous Generator Monitoring and Control System

भारतीय सेना के मुताबिक, यह प्रणाली रिमोट और हाई-एल्टीट्यूड इलाकों में विशेष रूप से उपयोगी साबित हुई है, जहां बिजली की उपलब्धता सीमित होती है और जनरेटरों पर अत्यधिक निर्भरता रहती है।

भारतीय सेना के थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इस इनोवेशन को भारतीय सेना की तकनीकी यात्रा में एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया था। “विद्युत रक्षक” पहले से ही कई मिलिट्री यूनिट्स में इस्तेमाल में है और इसने ऑपरेशनल एफिशिएंसी में महत्वपूर्ण सुधार किया है। यह सेना के डेकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन विजन के अनुरूप है, तकनीक को परिवर्तन का माध्यम बनाया जा रहा है।

मेजर राजप्रसाद के बनाए ‘विद्युत रक्षक’ ने भारतीय सेना में इनोवेशन से लेकर इम्प्लीमेंटेशन तक का पूरा सफर तय किया। इस इनोवेशन को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफिस ऑफ इंडिया ने 09 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक पेटेंट प्रदान किया। पेटेंट प्रमाणपत्र में यह दर्ज है कि ‘विद्युत रक्षक’ का इनोवेशन 13 जून 2023 को दायर किया गया था और यह पेटेंट 20 वर्षों के लिए मान्य रहेगा।

‘विद्युत रक्षक’ को पहली बार एक्स भारत शक्ति में शोकेस किया गया था, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देखा था। इसके प्रदर्शन के दौरान इसकी कार्यप्रणाली और इसकी स्वदेशी तकनीक की रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहना की थी।

यह भी पढ़ें:  Yudh Seva Medal: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के फर्जी नैरेटिव को बेनकाब करने वाले सेना के स्ट्रैट कॉम एडीजी मेजर जनरल संदीप शारदा को युद्ध सेवा मेडल, दो अग्निवीरों को मिला सेना मेडल

Indian Army Vidyut Rakshak: Army Secures Patent for Indigenous Generator Monitoring and Control System

मेजर राजप्रसाद आर.एस. ने पिछले एक वर्ष में तीन महत्वपूर्ण डिफेंस टेक्नोलॉजी इनोवेशन बनाए हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने अपनाया है। इनमें विद्युत रक्षक, मल्टी-टार्गेट पोर्टेबल डेटोनेशन सिस्टम- अग्नास्त्र और “रूम इंटरवेंशन, कमीकाजे एंड ऐईडी डिस्पोजल आरओवी- एक्सप्लोडर शामिल हैं। इसके अलावा, मेजर राजप्रसाद को “पोर्टेबल मल्टी-टारगेट डिटोनेशन डिवाइस” के लिए भी पेटेंट मिल चुका है।

भारतीय सेना का आर्मी डिजाइन ब्यूरो ऐसे इनोवेशंस को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य है कि सेना के भीतर से आने वाले विचारों को तकनीकी रूप से विकसित कर उन्हें जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।

Author

  • News Desk

    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

Most Popular

Share on WhatsApp