📍जैसलमेर | 24 Oct, 2025, 10:16 PM
Indian Army Digital Services: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जैसलमेर में आयोजित आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 के दौरान भारतीय सेना के लिए तीन बड़े डिजिटल प्रोजेक्ट लॉन्च किए। इनमें ‘सैनिक यात्रा मित्र’ एप, ‘प्रोजेक्ट नमन फेज-2’, और नई ईक्विपमेंट हेल्पलाइन पोर्टल शामिल हैं। इन सभी पहलों का उद्देश्य भारतीय सेना में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ाना और सैनिकों व पूर्व सैनिकों को बेहतर सुविधाएं देना है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ये प्रोजेक्ट भारत के “डिजिटल डिफेंस विजन” की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, जो सेना को अधिक पारदर्शी, कुशल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाएंगे।
क्या है ‘सैनिक यात्रा मित्र’ एप
‘सैनिक यात्रा मित्र’ एप सेना के कर्मचारियों के यात्रा आरक्षण को आसान बनाने के लिए बनाया गया है। इसे 21 मूवमेंट कंट्रोल ग्रुप (एमसीजी) ने भारतीय सेना की इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स ब्रांच के सहयोग से पूरी तरह इन-हाउस डेवलप किया है। यह एप सेना के अरमान वेब एप्लिकेशन पर होस्ट किया गया है और इससे सैनिकों को रेल यात्रा के लिए सीट बुकिंग की पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप में मिलेगी।
पहले यह बुकिंग प्रक्रिया मैनुअल होती थी, जिससे काफी समय लगता था और सीटें खाली रह जाती थीं। अब यह एप पूरी तरह ऑटोमैटिक होगा। आवेदन से लेकर अंतिम स्वीकृति तक सब कुछ इस एप के जरिए किया जा सकेगा। सेना की 81 मूवमेंट कंट्रोल ऑफिस (एमसीओ) अब 1,232 ट्रेनों में उपलब्ध 6,151 डिफेंस ड्यूटी कोटा सीटों का अधिक प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे।
इस एप के जरिए बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी, रिकॉर्ड डिजिटल होंगे और सैनिकों को अपने मोबाइल फोन पर तुरंत अपडेट मिलेंगे। सेना के मुताबिक, इस एप से डिफेंस कोटा सीटों के उपयोग में 70 फीसदी तक बढ़ोतरी की उम्मीद है।
‘प्रोजेक्ट नमन फेज-2’ की शुरुआत
इसके बाद रक्षा मंत्री ने ‘प्रोजेक्ट नमन फेज-2’ की शुरुआत की। यह पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और पेंशनरों के लिए एक डिजिटल सहायता योजना है। इस योजना के तहत 50वें नमन सेंटर का उद्घाटन किया गया, जो भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों को तकनीकी और वित्तीय सेवाएं एक ही जगह पर प्रदान करेगा।
प्रोजेक्ट नमन को डायरेक्टरेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरंस ने सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज और एचडीएफसी बैंक व एक्सिस बैंक के साथ मिलकर शुरू किया है। ये नमन सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को स्पर्श पेंशन सेवाएं, सरकारी योजनाओं की जानकारी और बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।
हर नमन सेंटर की जिम्मेदारी एक विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर को दी जाती है, जो या तो कोई वेटरन होता है या शहीद सैनिक का परिजन। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार भी बढ़ रहा है। अब तक प्रोजेक्ट नमन के तहत 73,000 से ज्यादा वेटरंस और उनके परिवारों को सेवाएं दी जा चुकी हैं।
नई ईक्विपमेंट हेल्पलाइन
वहीं रक्षा मंत्री ने तीसरे डिजिटल प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया। नई ईक्विपमेंट हेल्पलाइन पोर्टल को कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) ने डेवलप किया है। यह पोर्टल सेना के सभी उपकरणों और मशीनों से जुड़ी जानकारी, मरम्मत गाइड, तकनीकी डेटा और समस्या समाधान को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराता है।
नया ईएचएल सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है और आर्मी डेटा नेटवर्क से जुड़ा है। इसमें एआई-बेस्ड चैटबॉट, सर्चेबल फाइलें और लाइव डिफेक्ट रिपोर्टिंग जैसी सुविधाएं हैं। सैनिक इस पोर्टल पर किसी भी उपकरण से जुड़ी जानकारी, उपयोग के निर्देश, तेल या ग्रीस की जानकारी और रिपेयर सेंटर से सीधे संपर्क कर सकते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सिस्टम हर सैनिक को फील्ड में तकनीकी सहायता देगा और किसी भी उपकरण की मरम्मत या उपयोग से जुड़ी जानकारी तुरंत उपलब्ध कराएगा। यह सेना को अधिक आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाएगा।
इन तीनों प्रोजेक्ट्स सैनिक यात्रा मित्र, प्रोजेक्ट नमन फेज-2, और ईएचएल पोर्टल की शुरुआत भारतीय सेना के “डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन” का प्रतीक है। इससे सेना के ऑपरेशन, एडमिनिस्ट्रेशन और कल्याण से जुड़े कार्यों को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
