📍नई दिल्ली | 27 Sep, 2025, 12:52 PM
भारतीय सेना ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को लगभग 30,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। इस टेंडर के तहत सेना को 5 से 6 रेजिमेंट अनंत शस्त्र एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई की जाएगी। डीआरडीओ द्वारा बनाए इस सिस्टम को पहले क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) के नाम से जाना जाता था।
क्या है Anant Shastra
Anant Shastra भारत में विकसित एक एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सेना की सुरक्षा करना है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी मोबिलिटी और क्विक रेस्पॉन्स क्षमता है। यह प्रणाली चलते-फिरते लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और बेहद कम समय में फायर करने की क्षमता रखती है।
यह प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसमें उत्तम एईएसए रडार और एडवांस सेंसर लगे हैं, जो दिन और रात दोनों परिस्थितियों में लक्ष्य को पहचानकर उसे नष्ट करने में सक्षम हैं।
मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीनी ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। उस समय भारतीय सेना की एयर डिफेंस य़ूनिट्स ने एल-70 और ज़ू-23 गनों से कई ड्रोन गिराए थे। साथ ही, आकाश और एमआर-एसएएम सिस्टम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कार्रवाई ने दिखा दिया कि भारतीय सेना को छोटे और मध्यम रेंज के और ज्यादा एडवांस सिस्टम की जरूरत है। जिसके बाद अनंत शस्त्र के प्रोजेक्ट पर फोकस किया गया।
करीब 30,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत बीईएल भारतीय सेना को अनंत शस्त्र प्रणाली उपलब्ध कराएगी। बताया गया है कि इस प्रणाली की तैनाती पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर किया जाएगी, ताकि पाकिस्तान और चीन से आने वाले हवाई खतरों का मुकाबला किया जा सके।
इसकी रेंज लगभग 30 किलोमीटर है, जो पहले से मौजूद आकाश और मीडियम रेंज सरफेस टू एय़र मिसाइल MRSAM जैसी सिस्टम के साथ काम करेगी।
Anant Shastra प्रणाली का कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। इन ट्रायल्स में इसे दिन और रात दोनों परिस्थितियों में परखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसने हर बार अपने लक्ष्यों को सटीकता से भेदा। इसके मोबाइल लॉन्चर सिस्टम की वजह से इसे फटाफट तैनात किया जा सकता है।
भारतीय सेना की आर्मी एयर डिफेंस वर्तमान में आकाश और मीडियम रेंज सरफेस टू एय़र मिसाइल और दूसरे छोटे एयर डिफेंस सिस्टम्स का इस्तेमाल करती है। यह भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर हवाई खतरों से सुरक्षा देती है। इसके अलावा सेना को नए रडार, जामर और लेजर-आधारित सिस्टम भी मिलने वाले हैं, ताकि पाकिस्तान और चीन से आने वाले आधुनिक ड्रोन खतरों से निपटा जा सके।
Anant Shastra प्रणाली पूरी तरह से डीआरडीओ ने तैयार की है। और बीईएल इसकी सप्लाई के लिए जिम्मेदार होगी। इस प्रोजेक्ट में लगभग 105 भारतीय कंपनियां कंपोनेंट्स के निर्माण में शामिल हैं। इससे भारत का एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग मजबूत होगा और बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा होंगे। अनुमान है कि हर साल करीब 11,750 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहेंगे।