📍नई दिल्ली | 9 Oct, 2025, 10:41 AM
Tejas Mk1A fighter jet: भारतीय वायुसेना को जल्द ही स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए (Tejas Mk1A fighter jet) की पहली डिलीवरी मिलने जा रही है। 17 अक्टूबर को नासिक में आयोजित एक विशेष समारोह में वायुसेना को पहले तेजस एमके1ए विमान औपचारिक रूप से सौंपे जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे। इस मौके पर दो तेजस एमके1ए (Tejas Mk1A fighter jet) विमान वायुसेना को सौंपे जाएंगे। राजनाथ सिंह फैसिलिटी का दौरा करेंगे और विमान निर्माण में शामिल इंजीनियरों और कर्मचारियों से मुलाकात भी करेंगे।
तेजस एमके1ए विमानों (Tejas Mk1A fighter jet) की डिलीवरी में देरी की मुख्य वजह अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस की ओर से इंजन की सप्लाई में देरी रही है। एचएएल को फरवरी 2024 से डिलीवरी शुरू करनी थी, लेकिन इंजन की सप्लाई में दिक्कत रही। फिलहाल हर महीने दो इंजन की डिलीवरी का वादा किया गया है। एचएएल का लक्ष्य अगले चार साल में 83 विमानों की डिलीवरी पूरी करना है। रक्षा मंत्रालय और जीई एयरोस्पेस के बीच 97 अतिरिक्त तेजस एमके1ए विमानों की खरीद पर बातचीत आखिरी चरण में है।
वर्तमान में मिग-21 की दो स्क्वाड्रन खत्म होने के बाद भारतीय वायुसेना के पास केवल 29 स्क्वाड्रन हैं, जबकि मौजूदा जरूरत 42 स्क्वाड्रन की है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने हाल में एक बयान में इस पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, “भूखे मुंह तैयार हैं, हम सिर्फ भोजन का इंतजार कर रहे हैं।” उनका इशारा तेजस विमानों के जल्दी प्रोडक्शन और डिलीवरी की तरफ था। उन्होंने कहा कि वायुसेना की क्षमता बनाए रखने के लिए हर साल 30 से 40 विमान तैयार होने चाहिए, यानी दो स्क्वाड्रन हर साल तैयार होनी चाहिए।
इस बीच, भारतीय वायुसेना की 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) खरीदने की भी योजना बना रही है। रक्षा मंत्रालय “मेड इन इंडिया” राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर विचार कर रहा है। योजना के तहत कम से कम 18 राफेल विमानों की तुरंत सप्लाई की जा सकती है, जबकि बाकी जहाजों को भारत में ही बनाया जाएगा।