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Saturday, August 30, 2025
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Operation Sindoor IAF weapons: बड़ा खुलासा! वायुसेना के 50 से भी कम हथियारों के आगे झुका था पाकिस्तान, घबरा कर बंद कर दिए थे रडार

एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि नई दिल्ली से सेना को तीन साफ-साफ निर्देश मिले थे। पहला, जवाब इतना मजबूत होना चाहिए कि दुश्मन और दुनिया दोनों इसे साफ देख सकें। दूसरा, यह कार्रवाई भविष्य के लिए एक संदेश बने और आतंकवादी हमले दोहराने की हिम्मत कोई न कर सके। तीसरा, तीनों सेनाओं को पूरी ऑपरेशनल स्वतंत्रता दी गई, ताकि हालात बिगड़ने पर वे पूरी तरह से युद्ध के लिए भी तैयार रहें।

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📍नई दिल्ली | 30 Aug, 2025, 4:04 PM

Operation Sindoor IAF weapons: भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने न केवल इस सैन्य अभियान के कई नए फुटेज शेयर किए बल्कि यह भी बताया कि भारतीय वायुसेना ने 50 से भी कम हथियारों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को सीज फायर की मेज पर बैठने पर मजबूर कर दिया।

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दिल्ली में आयोजित एनडीटीवी डिफेंस समिट के दौरान एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सामने कई विकल्प थे। वायुसेना के पास टारगेट्स की लंबी सूची मौजूद थी, लेकिन इनमें से नौ प्रमुख ठिकानों को चुनकर निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा, “सबसे अहम बात यह है कि 50 से कम हथियारों के इस्तेमाल करके हमने इस युद्ध को समाप्त कर दिया। यही इस अभियान का सबसे बड़ा सबक है।”

Operation Sindoor IAF weapons: पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन की तैयारी

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि जवाब कड़ा और साफ-साफ नजर आने वाला होना चाहिए। जिसके बाद 7 मई को भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।

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एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि 24 अप्रैल तक सभी विकल्पों पर चर्चा पूरी हो चुकी थी और नौ टारगेट तय कर लिए गए थे। बस राजनीतिक मंजूरी का इंतजार था। 7 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी और मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया। इसके लिए सुखोई-30 एमकेआई, राफेल और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों से ब्रहमोस, स्कैल्प, क्रिस्टल मेज-2 और रैम्पेज मिसाइलें दागी गईं।

Operation Sindoor IAF weapons: यह थे तीन उद्देश्य

एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि नई दिल्ली से सेना को तीन साफ-साफ निर्देश मिले थे। पहला, जवाब इतना मजबूत होना चाहिए कि दुश्मन और दुनिया दोनों इसे साफ देख सकें। दूसरा, यह कार्रवाई भविष्य के लिए एक संदेश बने और आतंकवादी हमले दोहराने की हिम्मत कोई न कर सके। तीसरा, तीनों सेनाओं को पूरी ऑपरेशनल स्वतंत्रता दी गई, ताकि हालात बिगड़ने पर वे पूरी तरह से युद्ध के लिए भी तैयार रहें।

उन्होंने कहा कि वायुसेना की सटीक कार्रवाई से यह संदेश साफ चला गया कि भारत आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।

Operation Sindoor IAF weapons: चलाया SEAD/DEAD अभियान

हमले के उसी दिन शाम को पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और लॉयटरिंग म्यूनिशन भारतीय सीमाओं की ओर भेजे गए। एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि करीब 300 से ज्यादा ड्रोन और हाइपरसोनिक CM-400 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन भारत के इंटग्रेटेड डिफेंस सिस्टम ने इन्हें नाकाम कर दिया।

भारतीय वायुसेना ने इसके जवाब में “SEAD/DEAD अभियान” चलाया। यानी दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को टारगेट किया गया। इसमें पाकिस्तान के कई राडार और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम (SAM) को निशाना बनाया गया।

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तिवारी ने कहा कि पाकिस्तान ने जानबूझकर अपना एयरस्पेस बंद नहीं किया था ताकि भारत पर किसी नागरिक विमान को गिराने का आरोप लगाया जा सके। लेकिन भारतीय वायुसेना ने बेहद सावधानी बरतते हुए केवल सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया।

Operation Sindoor IAF weapons: सटीकता से कार्रवाई

8 और 9 मई को पाकिस्तान ने और बड़े पैमाने पर ड्रोन और हथियार दागे। उनका मकसद भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम को थका देना था। लेकिन भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ इसे विफल किया बल्कि पाकिस्तान के अहम एयरबेस और रडार ठिकानों को तबाह कर दिया।

भारतीय हमलों में चकला, सरगोधा, रहिम यार खान, साकर और मुरिदके जैसे ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया। तिवारी ने बताया कि पाकिस्तान ने कई रडार डर के मारे खुद ही बंद कर दिए गए ताकि वे भारतीय हमलों से बच सकें।

उन्होंने कहा, “हमारे हथियार इतने सटीक थे कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह आरोप भी नहीं लगा पाया कि नागरिक ठिकानों पर हमला हुआ है।”

ऑपरेशन सिंदूर में वायुसेना की रणनीति

एयर मार्शल तिवारी ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर में केवल हथियारों की संख्या पर नहीं, बल्कि उनके सही इस्तेमाल पर ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि नौ ठिकानों को चुनकर सटीक हमले किए गए और इन्हीं हमलों से पाकिस्तान को संघर्ष विराम के लिए राजी होना पड़ा।

वायुसेना के मुताबिक, कम समय में तेज और निर्णायक हमले करने की क्षमता ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। इस पूरे अभियान के दौरान भारतीय सेनाओं के बीच तालमेल और टेक्टिकल प्लानिंग का लेवल स्तर देखने को मिला जिसने पाकिस्तान को चौंका दिया। उन्होंने खुलासा किया कि मई 2025 में चले इस अभियान में वायुसेना ने 50 से भी कम एयर-लॉन्च हथियारों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के एयरबेस, राडार साइट और कमांड सेंटर को तबाह कर दिया। इनमें से कई ठिकाने परमाणु प्रतिष्ठानों के नजदीक भी थे।

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एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि यह पूरा अभियान एक “टेक्स्टबुक उदाहरण” था कि कैसे सीमित संसाधनों से सटीक और निर्णायक वार किया जा सकता है। उन्होंने इसे “कोएर्सिव डिप्लोमेसी” यानी दबाव डालने वाली कूटनीति और लागत प्रभावी वायु शक्ति का बेहतरीन नमूना बताया।

एयर मार्शल तिवारी ने कहा, “यह पहली बार हुआ कि इतने कम हथियारों से हमने इस जंग को खत्म कर दिया। इससे हमारी योजना और एयरपावर की क्षमता का पता चलता है।”

तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि एयरपावर का इस्तेमाल अगर सटीक और योजनाबद्ध तरीके से किया जाए तो बड़े नतीजे हासिल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान इस बात का उदाहरण है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले का जवाब अपने तरीके से देने में सक्षम है।

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हरेंद्र चौधरी
हरेंद्र चौधरीhttp://harendra@rakshasamachar.com
हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। 📍 Location: New Delhi, in 🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

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