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Fighter Pilot Shivangi Singh: स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह को मिला क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बैज, पहली बार किसी महिला फाइटर पायलट को मिला यह सम्मान

शिवांगी सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। उन्होंने दो वर्ष पहले राफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट के रूप में भी पहचान बनाई थी...

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📍चेन्नई/नई दिल्ली | 11 Oct, 2025, 12:20 PM

Fighter Pilot Shivangi Singh: भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह ने इतिहास रच दिया है। वे भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बनी हैं जिन्हें प्रतिष्ठित क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बैज प्रदान किया गया है। भारतीय वायुसेना के 93 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी महिला को फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बैज मिला है।

IAF Flying Instructor School Tambaram: भारतीय वायुसेना के 59 अधिकारियों को मिला प्रतिष्ठित क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बैज

शिवांगी सिंह ने तांबरम (तमिलनाडु) स्थित भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर स्कूल में छह महीने के कठिन ट्रेनिंग कोर्स को पूरा करने के बाद हासिल किया है। इस उपलब्धि की घोषणा वायुसेना ने 9 अक्टूबर को एयर फोर्स स्टेशन तांबरम में आयोजित 159वें कोर्स के विदाई समारोह में की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एयर मार्शल तेजबीर सिंह थे, जो ट्रेनिंग कमांड के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर हैं।

इस कोर्स में भारतीय वायुसेना, थलसेना, नौसेना और मित्र देशों के कुल 59 अधिकारी शामिल हुए थे। सभी को ‘क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बैज’ प्रदान किया गया। लेकिन शिवांगी सिंह को यह सम्मान मिलना इसलिए ऐतिहासिक रहा क्योंकि वे भारत की पहली महिला फाइटर पायलट हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित बैज मिला।

शिवांगी सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। उन्होंने दो वर्ष पहले राफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट के रूप में भी पहचान बनाई थी। वहीं अब इंस्ट्रक्टर बैज मिलने के बाद अब वे दूसरे फाइटर पायलटों को ट्रेनिंग देंगी। वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले कुछ महिला हेलीकॉप्टर पायलटों को यह बैज मिल चुका है लेकिन किसी महिला फाइटर पायलट को अभी तक नहीं मिला था।

30 वर्षीय स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी ने 2017 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया था। उन्होंने शुरुआती दिनों में मिग-21 बाइसन विमान उड़ाया, जो दशकों तक भारत की एयर पॉवर का प्रतीक रहा। सितंबर 2025 में वायुसेना ने मिग-21 फाइटर जेट्स को विदाई दी, जिसके बाद शिवांगी सिंह जैसी नई पीढ़ी की पायलटें अब आधुनिक राफेल और सुखोई-30 जैसे फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं।

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भारतीय वायुसेना में महिलाओं को पहली बार 2015 में फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया था। तब यह एक “एक्सपेरिमेंटल स्कीम” थी, लेकिन अब इसे परमानेंट कर दिया गया है। आज भारतीय वायुसेना में लगभग 20 महिला फाइटर पायलट हैं, जो मिग-29, सुखोई-30 और हल्के युद्धक विमान एलसीए तेजस उड़ाती हैं।

शिवांगी सिंह ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान अनुशासन, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन किया। कोर्स में 22 हफ्तों का कठोर प्रशिक्षण शामिल था, जिसमें फ्लाइंग प्रैक्टिस और ग्राउंड ट्रेनिंग दोनों शामिल रहे। इंस्ट्रक्टर ने बताया कि इस कोर्स में फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बनने के लिए हाई-लेवल डेसिजन-मेकिंग, लीडरशिप, नेतृत्व और सिक्युरिटी अवेयरनेस की परीक्षा होती है।

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर स्कूल की स्थापना 1948 में अंबाला में की गई थी और 1954 में इसे तांबरम ट्रांसफर किया गया। यह स्कूल भारतीय वायुसेना का ट्रेनिंग सेंटर है, जो पायलटों को फ्लाइट इंस्ट्रक्टर बनने के लिए तैयार करता है। अब तक इस संस्थान ने सैकड़ों भारतीय और विदेशी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।

समारोह के दौरान एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने शिवांगी सिंह और अन्य अधिकारियों को बैज प्रदान करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के पायलट विश्व स्तरीय क्षमता रखते हैं और इनका प्रशिक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। उन्होंने महिला अधिकारियों के बढ़ते योगदान की भी सराहना की।

बता दें कि भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। तीनों सेनाओं में महिलाएं अब फाइटर एयरक्राफ्ट से लेकर जहाजों और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी तक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। भारतीय नौसेना में भी महिलाएं अब वॉरशिप्स पर तैनात हैं, जबकि थलसेना में भी महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन और अग्रिम मोर्चों पर जिम्मेदारी दी जा रही है।

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भारतीय सैन्य इतिहास में महिलाओं का सफर आसान नहीं रहा। 1990 के दशक में महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत शामिल किया गया था। धीरे-धीरे उन्होंने अपने कौशल और समर्पण से हर क्षेत्र में अपनी जगह बनाई। आज महिलाएं युद्धक विमान उड़ा रही हैं, मिसाइल सिस्टम चला रही हैं और जमीनी अभियानों में भी नेतृत्व कर रही हैं।

वायुसेना में महिलाओं की सफलता की एक और मिसाल 2021 में देखने को मिली थी, जब स्क्वाड्रन लीडर आश्रिता वी. ओलेटी फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर के रूप में ग्रेजुएट होने वाली पहली महिला बनीं। अब शिवांगी सिंह ने फाइटर इंस्ट्रक्टर बनकर एक नई मिसाल कायम की है।

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  • News Desk

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