📍तांबरम | 10 Oct, 2025, 9:42 PM
IAF Flying Instructor School Tambaram: भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर स्कूल में 159वें क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर कोर्स का विदाई समारोह पूरे सम्मान और उत्साह के साथ आयोजित किया गया। यह समारोह 9 अक्टूबर को एयर फोर्स स्टेशन ताम्बरम में हुआ, जहां मुख्य अतिथि के तौर पर एयर मार्शल तेजबीर सिंह उपस्थित रहे। वे ट्रेनिंग कमांड के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर हैं।
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इस कोर्स में भारतीय वायुसेना, थलसेना, नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और मित्र देशों के कुल 59 अधिकारियों ने भाग लिया। सभी अधिकारियों को ‘क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बैज’ प्रदान किया गया। यह बैज पायलटों के लिए अत्यंत सम्मानजनक माना जाता है और उनके करियर में एक अहम उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है।
फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर स्कूल की स्थापना वर्ष 1948 में अंबाला में हुई थी और वर्ष 1954 से यह ताम्बरम में ऑपरेट हो रहा है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य युवा पायलटों को फ्लाइट ट्रेनिंग देना और ऑपरेशनल पायलटों को हाई लेवल ट्रेनर के रूप में तैयार करना है। मौजूदा 22-सप्ताह के कोर्स में दस चरणों की फ्लाइट ट्रेनिंग और 200 घंटे से अधिक की ग्राउंड ट्रेनिंग शामिल रही। इसमें अधिकारियों को पिलाटस पीसी-7 मार्क टू बेसिक ट्रेनर, किरण मार्क-1 और मार्क-2 विमान के साथ-साथ एचएएल चीता और चेतक हेलीकॉप्टर पर ट्रेनिंग दी गई।
🎖️ The valedictory ceremony of the 159th #QFIC took place at FIS, AFS Tambaram on 09 Oct 25.
Air Marshal Tejbir Singh, SASO TC IAF, graced the event as Chief Guest.
A proud moment as 59 officers from the IAF, sister services & friendly foreign nations earned the prestigious… pic.twitter.com/LRPiwMdjFR— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) October 10, 2025
समारोह के दौरान एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने सभी अधिकारियों को बैज लगा कर सम्मानित किए और उनके ट्रेनिंग परफॉर्मेंस की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह कोर्स भारतीय वायुसेना की इंस्ट्रक्टर कैपेसिटी और प्रोफेशनल एक्सलेंस का उदाहरण है।
फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर स्कूल ने अब तक सैकड़ों भारतीय और विदेशी सैन्य पायलटों को ट्रेनिंग दी है, जो वर्तमान में विभिन्न देशों की वायु सेनाओं में सेवा दे रहे हैं। यह संस्थान वायुसेना के ट्रेनिंग कमांड के तहत संचालित होता है और देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने में लगातार योगदान दे रहा है।