इस बार हिंडन हिंडन एयरबेस पर होगा Air Force Day 2025, ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद भारत दिखाएगा आसमान में दम!

Air Force Day 2025 at Hindon: India to Showcase Power Post Operation Sindoor
Credit: IAF
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8 अक्टूबर को होने वाले वायुसेना दिवस के समारोह में कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेंगे। इस दिन हिंडन एयरबेस पर फ्लाईपास्ट का आयोजन होगा, जिसमें वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। फाइटर जेट्स जैसे सुखोई-30 MKI, मिग-29 और तेजस हवा में अलग-अलग फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट विमान जैसे C-17 ग्लोबमास्टर और C-130J सुपर हरक्यूलस भी अपनी ताकत दिखाएंगे...
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📍नई दिल्ली | 2 months ago

Air Force Day 2025: भारतीय वायुसेना (IAF) का सबसे बड़ा आयोजन, वायुसेना दिवस, इस बार फिर से गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर होने जा रहा है। हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाने वाला यह दिन वायुसेना के जवानों की बहादुरी और समर्पण को सम्मान देने का मौका होता है। इस बार यह आयोजन इसलिए भी खास है, क्योंकि यह हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, हिंडन एयरबेस पर इस समारोह को भव्य बनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

Air Force Day 2025: हिंडन पर वापसी क्यों है खास?

हिंडन एयरबेस लंबे समय तक वायुसेना दिवस का मुख्य केंद्र रहा है। साल 2021 तक यह आयोजन हर साल यहीं होता था, लेकिन 2022 से इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित करने का फैसला लिया गया। इसका मकसद था कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस आयोजन से जुड़ सकें और वायुसेना की ताकत को करीब से देख सकें। 2022 में चंडीगढ़, 2023 में प्रयागराज और 2024 में चेन्नई में यह समारोह हुआ। इस बदलाव के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुझाव था कि सेना और अर्धसैनिक बलों के बड़े आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों में हों, ताकि हर क्षेत्र के लोग इसे देख सकें और गर्व महसूस करें।

लेकिन इस बार वायुसेना दिवस की हिंडन में वापसी अपने आप में एक बड़ा संदेश है। हिंडन एयरबेस वायुसेना के इतिहास और गौरव का प्रतीक है। साथ ही, हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में इस एयरबेस की अहम भूमिका ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इसीलिए इस बार हिंडन को चुना गया है, ताकि देश और दुनिया को भारत की ताकत का एक बार फिर अहसास हो सके।

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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद बड़ा आयोजन

इस साल का वायुसेना दिवस इसलिए भी खास है, क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहला बड़ा आयोजन होगा। 7 मई 2025 को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के बड़े शिविर शामिल थे।

ऑपरेशन सिंदूर में हिंडन एयरबेस ने अहम भूमिका निभाई। यहां से विमानों को भेजा गया और पूरी रणनीति को अंजाम दिया गया। इस दौरान हिंडन के सिविल टर्मिनल से कमर्शियल उड़ानों को रोक दिया गया था, ताकि कोई जोखिम न हो। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम सुरक्षा के लिए उठाया गया था, क्योंकि यह टर्मिनल मिलिट्री एयरबेस के अंदर ही है। अभी यहां से 16 उड़ानें चलती हैं, जो बड़े शहरों को जोड़ती हैं, और एयर इंडिया एक्सप्रेस मुख्य एयरलाइन है।

पाकिस्तान ने इस हमले का जवाब देने की कोशिश की और भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और गोलीबारी से हमला किया। लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसका करारा जवाब दिया। 9 और 10 मई की रात को वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 बड़े एयरबेस को निशाना बनाया, जिसमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था। इन हमलों में ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने पाकिस्तानी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के आदमपुर एयरबेस और वहां तैनात S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचाया, लेकिन 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आदमपुर पहुंचे और इन दावों को झूठा साबित कर दिया। पीएम मोदी C-130J सुपर हरक्यूलस विमान से आदमपुर के रनवे पर उतरे, जहां S-400 सिस्टम को लॉन्च करते हुए दिखाया गया। इस घटना ने भारत की ताकत को दुनिया के सामने ला दिया।

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वायुसेना दिवस में क्या होगा खास?

8 अक्टूबर को होने वाले वायुसेना दिवस के समारोह में कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेंगे। इस दिन हिंडन एयरबेस पर फ्लाईपास्ट का आयोजन होगा, जिसमें वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। फाइटर जेट्स जैसे सुखोई-30 MKI, मिग-29 और तेजस हवा में अलग-अलग फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट विमान जैसे C-17 ग्लोबमास्टर और C-130J सुपर हरक्यूलस भी अपनी ताकत दिखाएंगे।

इस बार का फ्लाईपास्ट इसलिए भी खास होगा, क्योंकि इसमें ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुए विमानों और हथियारों का प्रदर्शन भी हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस समारोह में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम और सुखोई-30 MKI विमानों को खास तौर पर दिखाया जा सकता है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी भूमिका निभाई। साथ ही, वायुसेना के जवान हवा में हैरतअंगेज करतब दिखाएंगे, जो दर्शकों को रोमांचित कर देंगे।

इस आयोजन में वायुसेना के इतिहास और इसकी उपलब्धियों को भी दिखाया जाएगा। एक खास प्रदर्शनी का आयोजन होगा, जिसमें वायुसेना के पुराने विमानों, हथियारों और तकनीक की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को एक वीडियो के जरिए दिखाया जाएगा, जिसमें इस ऑपरेशन की पूरी कहानी को समझाया जाएगा।

देशभर से लोग होंगे शामिल

वायुसेना दिवस का यह समारोह न सिर्फ वायुसेना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल होगा। हिंडन में होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर के आसपास के लोग आसानी से इस आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे। साथ ही, इस बार इसे ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका सीधा प्रसारण भी किया जाएगा। दूरदर्शन और कई न्यूज चैनल इस समारोह को लाइव दिखाएंगे, ताकि देश के कोने-कोने में बैठे लोग इसे देख सकें।

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इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को खास तौर पर आमंत्रित किया जाएगा, ताकि वे वायुसेना की ताकत को देख सकें और उनमें देशभक्ति की भावना जागे। वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं।

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हिंडन एयरबेस दिल्ली-एनसीआर में स्थित है और देश की राजधानी के करीब होने की वजह से रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। कई बड़े ऑपरेशनों में हिंडन ने अहम भूमिका निभाई है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर भी शामिल है। इस एयरबेस की वापसी वायुसेना के लिए एक तरह से घर वापसी जैसी है, जो इसके गौरव को और बढ़ा रही है।

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