📍नई दिल्ली | 7 days ago
AMCA Explained: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के लिए प्रोटोटाइप मॉडल को मंजूरी दे दी है। यह भारत का पहला स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसका प्रोटोटाइप 2026-27 तक तैयार होने की उम्मीद है और 2028 तक पहली उड़ान भर सकता है। AMCA तैयार होने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों (अमेरिका, चीन, रूस) की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनके पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। वर्तमान में अमेरिका के पास F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II, चीन के पास J-20, और रूस के पास सुखोई-57 जैसे विमान हैं।
AMCA क्या है और क्यों है खास?
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भारत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) डेवलप कर रही है। यह एक पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जो मॉडर्न वॉरफेयर की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
AMCA कार्यक्रम की शुरुआत 2010 में हुई थी, जिसे पहले मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MCA) के नाम से जाना जाता था। यह भारत-रूस के संयुक्त FGFA (Fifth Generation Fighter Aircraft) कार्यक्रम के समानांतर शुरू हुआ था, लेकिन बाद में भारत ने FGFA से हटकर AMCA को प्राथमिकता दी। अक्टूबर 2010 में, रक्षा मंत्रालय ने फिजिबिलिटी स्टडी के लिए 90 करोड़ रुपये आवंटित किए। नवंबर 2010 में, ADA ने दो टेक्नोलॉजी डेमोंस्टेटर्स और सात प्रोटोटाइप के लिए 9,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग मांगी।
Big Boost to Indigenous Defence!
Defence Minister Rajnath Singh has approved the AMCA Programme Execution Model, paving the way for India’s first stealth fighter jet to be developed in partnership with industry.
The ADA will lead this landmark mission – a giant leap toward… pic.twitter.com/OmugJRc7rd— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) May 27, 2025
2013-2014 के बीच, AMCA के 9 डिज़ाइन कॉन्फ़िगरेशन्स (3B-01 से 3B-09) की स्टडी हुई, जिसमें CAD, विंड टनल टेस्टिंग, और रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) टेस्टिंग शामिल थी। 2014 तक, 3B-09 कॉन्फ़िगरेशन को अंतिम रूप दिया गया। 2015 में, Aero India में AMCA का बेसिक डिज़ाइन फाइनल हुआ। 2023 में डिज़ाइन का काम पूरा हुआ, और मार्च 2024 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने प्रोटोटाइप विकास के लिए ₹15,000 करोड़ की मंजूरी दी।
AMCA की कुछ प्रमुख विशेषताएं
AMCA एक 25 टन का ट्विन-इंजन जेट होगा, जो IAF के बाकी फाइटर्स से बड़ा होगा। शुरुआत में इसमें 75% स्वदेशी कंटेंट होगा, जो बाद में 85% तक बढ़ेगा।
एडवांस्ड स्टील्थ फीचर्स
AMCA में एडवांस्ड स्टील्थ फीचर्स होंगे, जो इसे रडार से छुपाने में मदद करेंगे। इसका लो इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिग्नेचर रडार के लिए इसे डिटेक्ट करना मुश्किल बनाएगा। जेट की सतह पर खास मटेरियल यूज होगा, जो रडार सिग्नल को रिफ्लेक्ट करने की बजाय डायवर्ट करेगा। डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट और सर्पेंटाइन एयर इनटेक डक्ट इंजनों को रडार से बचाएंगे।
6.5 टन का बड़ा इंटरनल फ्यूल टैंक
AMCA में 6.5 टन का बड़ा इंटरनल फ्यूल टैंक होगा, जो इसे लंबी दूरी के मिशंस के लिए फिट बनाएगा। इसका इंटरनल वेपन्स बे 1,500 किलो तक का पेलोड ले जा सकता है, जिसमें चार लॉन्ग-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल्स और कई प्रिसीजन-गाइडेड हथियार शामिल होंगे। इंटरनल वेपन्स बे और फ्यूल टैंक रडार सिग्नेचर को कम करते हैं, जो बाहर लगे हथियारों या टैंक्स के साथ मुमकिन नहीं है।
इंजन
AMCA का Mk1 वर्जन अमेरिकी GE F414 इंजन (98 किलोन्यूटन) के साथ उड़ेगा, जिसका प्रोडक्शन हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ भारत में शुरू हो चुका है। Mk2 वर्जन में DRDO का गैस टरबाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) 110 किलोन्यूटन का देसी इंजन डेवलप करेगा। भारत फ्रांस की सैफरान SA कंपनी के साथ इस इंजन के लिए बातचीत कर रहा है।
AMCA में इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट (IVHM) सिस्टम होगा, जो रियल-टाइम में जेट की कंडीशन चेक करेगा। ये सिस्टम मेंटेनेंस टाइम को कम करेगा और जेट को ज्यादा वक्त तक यूज करने में मदद करेगा। साथ ही, AMCA में एडवांस सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम होगा, जो दुश्मन के विमानों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम होगा।
भारत के लिए AMCA क्यों जरूरी है?
भारत का स्ट्रेटेजिक सिनारियो बेहद चुनौतीपूर्ण है। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ तनाव और उनकी बढ़ती सैन्य क्षमता भारत के लिए बड़ा खतरा है। भारतीय वायुसेना (IAF) को 41 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में केवल 29 स्क्वाड्रन ही सक्रिय हैं। खासकर तब जब पाकिस्तान अपनी वायुसेना को आधुनिक बना रहा है और चीन से J-10 औऱ J-20 स्टील्थ फाइटर जेट और एडवांस विपंस सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है औऱ LAC पर भारत के लिए चुनौती पेश कर रहा है।
AMCA का डेवलपमेंट इन चुनौतियों का जवाब है। यह न केवल भारतीय वायुसेना की कमी को पूरा करेगा, बल्कि इसे आधुनिक युद्ध की जरूरतों के लिए तैयार करेगा। AMCA अपने स्टील्थ फीचर्स, एडवांस्ड एवियोनिक्स और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ इस गैप को भर सकता है। स्टील्थ का मतलब है कि ये जेट दुश्मन के रडार से बच सकता है, जो आज के युद्ध में बहुत बड़ा फायदा है।
पाकिस्तान अपनी वायुसेना को चीन की मदद से अपग्रेड कर रहा है, जिसमें J-20 जैसे स्टील्थ फाइटर भी शामिल हैं। दूसरी तरफ, चीन की वायुसेना पहले से ही पांचवीं पीढ़ी के जेट्स के साथ बहुत ताकतवर है। अगर AMCA सक्सेसफुल होता है, तो ये दोनों पड़ोसियों के खिलाफ भारत को बराबरी का मौका दे सकता है।
AMCA की टाइमलाइन
AMCA प्रोग्राम को अप्रैल 2024 में सरकार की मंजूरी मिली थी, और अब रक्षा मंत्री द्वारा प्रोटोटाइप मॉडल को हरी झंडी दिखाई गई है। इसकी टाइमलाइन इस तरह रहेगी:
- 2026-27: पहला प्रोटोटाइप तैयार होगा।
- 2028: पहली उड़ान की उम्मीद।
- 2032: विमान का सर्टिफिकेशन पूरा होगा।
- 2034: भारतीय वायुसेना में शामिल होने की योजना।
ADA जल्द ही एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगी, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विकास प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यह एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया होगी, जिसमें केवल भारतीय कंपनियां ही हिस्सा ले सकेंगी। यह कदम भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करेगा।
AMCA का डेवलपमेंट दो चरणों में होगा:
- पहला चरण: 75% स्वदेशी सामग्री के साथ शुरुआती मॉडल।
- दूसरा चरण: 85% स्वदेशी सामग्री के साथ एडवांस मॉडल।
GE F414 इंजन का प्रोडक्शन HAL के साथ भारत में शुरू हो चुका है, जो AMCA के लिए समय पर इंजन सप्लाई सुनिश्चित करेगा।
क्या हैं चुनौतियां?
AMCA का रास्ता आसान नहीं है। भारत के स्वदेशी डिफेंस प्रोजेक्ट्स का इतिहास, जैसे तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, देरी और कॉस्ट ओवररन से भरा है। AMCA, जो फिफ्थ-जेनरेशन जेट है, DRDO, ADA और इंडस्ट्री पार्टनर्स के लिए और भी बड़ा टेस्ट होगा। स्टील्थ टेक्नोलॉजी, एडवांस्ड इंजन्स और एवियोनिक्स बनाने के लिए ढेर सारा पैसा, टेक्निकल स्किल्स और टाइम चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, AMCA का प्रोटोटाइप 2026-27 तक तैयार हो सकता है और पहली फ्लाइट 2028 में हो सकती है। लेकिन डिफेंस मिनिस्ट्री का लेटेस्ट स्टेटमेंट साफ टाइमलाइन नहीं देता, जो चैलेंजेस को दिखाता है। सर्टिफिकेशन 2032 तक और IAF में इंडक्शन 2034 तक प्लान्ड है।
IAF की तुरंत जरूरतें भी चिंता का सबब हैं। सिर्फ 29 स्क्वाड्रनों के साथ, वायुसेना पहले से दबाव में है। AMCA को सर्विस में आने में कई साल लगेंगे। तब तक, भारत को राफेल या एक्स्ट्रा तेजस जेट्स जैसे ऑप्शंस पर भरोसा करना होगा। AMCA की सक्सेस पॉलिटिकल सपोर्ट, फंडिंग और DRDO, ADA और प्राइवेट इंडस्ट्री के बीच स्मूथ कोऑर्डिनेशन पर टिकी है।
क्यों चाहिए स्वदेशी फाइटर जेट?
भारत के पास विकल्प था कि वह अमेरिका का F-35 या रूस का Su-57 खरीद ले। ये दोनों विश्व स्तरीय फाइटर जेट्स हैं, लेकिन इनसे जुड़ी कई समस्याएं हैं। विदेशी जेट्स खरीदना बहुत महंगा है। साथ ही, उनके मेंटेनेंस और स्पेयर पार्ट्स के लिए हमेशा विदेशी सप्लायर्स पर निर्भर रहना पड़ता है। युद्ध के समय अगर सप्लाई चेन में रुकावट आती है, तो ये भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इसके अलावा, विदेशी जेट्स में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर पाबंदियां होती हैं, यानी हम उन्हें अपनी जरूरतों के हिसाब से बदल नहीं सकते।
AMCA को भारत में ही बनाना ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन का हिस्सा है। AMCA प्रोजेक्ट से नौकरियां बढ़ेंगी, टेक्निकल नॉलेज बढ़ेगा और भारत का एयरोस्पेस इकोसिस्टम मजबूत होगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ADA जल्द ही इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) इश्यू करेगी। ये पार्टनरशिप इनोवेशन को तेज करेगी और AMCA को भारत की खास जरूरतों, जैसे हिमालय में हाई-एल्टिट्यूड फाइटिंग या इंडियन ओशन में मैरिटाइम ऑपरेशंस के लिए तैयार करेगी।
AMCA का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये 85 फीसदी स्वदेशी होगा। विदेशी जेट्स में अक्सर “ब्लैक बॉक्स” सिस्टम्स होते हैं या क्रिटिकल पार्ट्स की एक्सेस लिमिटेड होती है। लेकिन AMCA के साथ भारत को टेक्नोलॉजी पर फुल कंट्रोल मिलेगा। इससे स्वदेशी हथियार, सेंसर्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम्स को आसानी से फिट किया जा सकेगा। मिसाल के तौर पर, AMCA में भारत की बनी मिसाइलें और एडवांस्ड रडार सिस्टम्स लगाए जा सकते हैं, जो इसे IAF की जरूरतों के लिए परफेक्ट बनाएंगे।
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क्या AMCA बन सकता है डिटरेंट?
AMCA के तैयार होते ही पाकिस्तान और चीन को बड़ी चुनौती मिलेगी। इसके स्टील्थ फीचर्स, एडवांस्ड सेंसर्स और वेपन्स IAF को एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशंस में बड़ा एज देंगे। पाकिस्तान के खिलाफ, AMCA मॉडर्नाइज्ड जेट्स और एयर डिफेंस सिस्टम्स को न्यूट्रलाइज कर सकता है। यह चीन के खिलाफ J-20 को तगड़ा जवाब दे सकता है, जिससे भारत को लद्दाख या अरुणाचल जैसे इलाकों में रणनीतिक बढ़त हासिल होगी।