📍नई दिल्ली | 7 days ago
QTRC: भारत ने अपनी रक्षा और रणनीतिक क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज दिल्ली के मेटकाफ हाउस में क्वांटम टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (QTRC) का उद्घाटन किया। इस अत्याधुनिक सुविधा का उद्घाटन DRDO के चेयरमैन और रक्षा अनुसंधान व विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने किया। इसका मकसद स्वदेशी क्वांटम तकनीकों को बढ़ावा देना और रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
क्या है QTRC की खासियत?
QTRC भविष्य की तकनीकों का एक ऐसा केंद्र है, जो क्वांटम विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी शोध को बढ़ावा देगा। यह सेंटर अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है, जो रक्षा और रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करेगा। यहां वर्टिकल-कैविटी सरफेस-एमिटिंग लेजर (VCSEL) और डिस्ट्रीब्यूटेड फीडबैक लेजर (DFB) जैसी एडवांस लेजर तकनीकों का अध्ययन होगा, जो क्वांटम संचार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसके अलावा, सेंटर क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) तकनीक पर काम करेगा, जो हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित कम्यूनिकेशन सिस्टम डेवलप करेगा। यह तकनीक पोस्ट-क्वांटम युग में राष्ट्रीय सुरक्षा को अभेद्य बनाने में मदद करेगी।
Quantum Leaps in Defence Tech!
Solid State Physics Laboratory (SSPL), DRDO announces inauguration of Quantum Technology Research Centre (QTRC) by Dr. Samir V. Kamat, Secy Dept of Defence R&D and Chairman DRDO on 27th May 2025.
Equipped with advanced Ultra-Small Atomic Clock,… pic.twitter.com/a8CAgEU9WR
— DRDO (@DRDO_India) May 27, 2025
सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी (SSPL) के नेतृत्व में यह सेंटर सिंगल फोटोन सोर्सेज के मूल्यांकन के लिए टेस्ट-बेड्स और क्षारीय वाष्प सेल (Alkali Vapor Cell) की विशेषताओं का अध्ययन करेगा। ये तकनीकें क्वांटम संचार और क्रिप्टोग्राफी के लिए आधार तैयार करेंगी। इसके साथ ही, QTRC अल्ट्रा-स्मॉल एटॉमिक क्लॉक पर काम करेगा, जो उन क्षेत्रों में सटीक समय मापन सुनिश्चित करेगा, जहां ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) उपलब्ध नहीं है। यह रक्षा मिशनों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। सेंटर में अति-संवेदनशील एटॉमिक मैग्नेटोमीटर भी विकसित किए जाएंगे, जो चुंबकीय क्षेत्रों का सटीक पता लगाने में मदद करेंगे। साथ ही, अत्याधुनिक सॉलिड-स्टेट क्वांटम उपकरणों और सामग्रियों पर शोध इस सेंटर की प्राथमिकता रहेगी।

स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा
DRDO का यह कदम भारत को क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। QTRC क्वांटम सेंसिंग, सुरक्षित संचार और पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं को बढ़ाएगा। यह सेंटर राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत भारत स्वदेशी क्वांटम तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
QTRC के उद्घाटन समारोह में डायरेक्टर जनरल (माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, कम्प्यूटेशनल सिस्टम्स एंड साइबर सिस्टम्स) सुमा वरगीज मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने इस सेंटर को हकीकत में बदलने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, डीजी (रिसोर्स एंड मैनेजमेंट) डॉ. मनु कोरुल्ला, SSPL और साइंटिफिक एनालिसिस ग्रुप (SAG) के निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में शामिल हुए।
क्वांटम टेक्नोलॉजी भविष्य की रक्षा और रणनीतिक जरूरतों के लिए एक गेम-चेंजर हो सकती है। यह सेंटर न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देकर भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सेंटर भारत को वैश्विक क्वांटम दौड़ में आगे ले जाएगा, जिससे देश की रणनीतिक ताकत और बढ़ेगी।