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DRDO PL-15 Missile: ऑपरेशन सिंदूर में बरामद चीनी मिसाइल है वाकई घटिया! डीआरडीओ ने बताया इनमें नहीं था ये जरूरी फीचर

पाकिस्तानी फाइटर्स जेट्स ने पीएल-15 दागी, लेकिन भारतीय वायुसेना के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स ने इसे जाम कर दिया था। जिससे ये टारगेट तक नहीं पहुंच पाई और रास्ता भटक गई...

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📍नई दिल्ली | 18 Oct, 2025, 12:17 PM

DRDO PL-15 Missile: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बरामद हुई चीमी मिसाइल पीएल-15ई को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक डीआरडीओ ने इस मिसाइल का टेक्निकल एनालिसिस पूरा कर लिया है। वहीं इस मिसाइल के कुछ फीचर बड़े एडवास हैं, जिन्हें डीआरडीओ अपनी आने वाली मिसाइलों में शामिल करेगा। बता दें कि ये पाकिस्तानी जेट्स जेएफ-17 से ये मिसाइलें छोड़े जाने के बाद पठ नहीं पाई थीं, और बिना सुरक्षित ही भारतीय इलाकों में आ गिरी थीं। जिसके बाद चीन की इन मिसाइलों की क्वॉलिटी को लेकर सवाल उठने लगे थे।

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DRDO PL-15 Missile: पंजाब से बरामद हुई थी चीनी मिसाइल

सूत्रों के अनुसार, यह मिसाइल 9 मई 2025 को पंजाब के होशियारपुर जिले के पास एक खेत में मिली थी। यह वही समय था जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के खिलाफ बड़े स्तर मिलिट्री कार्रवाई की थी। यह पीएल-15 मिसाइल पाकिस्तान एयरफोर्स के जेएफ-17 या जे-10सी फाइटर जेट से दागी गई थी, लेकिन यह अपने टारगेट तक नहीं पहुंच सकी और भारतीय क्षेत्र में लगभग 100 किलोमीटर अंदर गिर गई थी।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी फाइटर्स जेट्स ने पीएल-15 दागी, लेकिन भारतीय वायुसेना के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स ने इसे जाम कर दिया था। जिससे ये टारगेट तक नहीं पहुंच पाई और रास्ता भटक गई। पीएल-15 एडवांस्ड बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (बीवीआर) मिसाइल है, जिसकी रेंज 145 किमी तक है।

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DRDO PL-15 Missile: नहीं था सेल्फ-डिस्ट्रक्ट सिस्टम

विशेषज्ञों का कहना है कि यह पीएल-15ई (एक्सपोर्ट वर्जन) मिसाइल बिना सेल्फ-डिस्ट्रक्ट सिस्टम के बनी थी, जिसकी वजह से इसके कई क्रिटिकल कंपोनेंट सुरक्षित रह गए। डीआरडीओ की टीम ने मौके पर पहुंचकर मिसाइल को बरामद किया और इसे हैदराबाद स्थित मिसाइल कॉम्प्लेक्स में डिटेल एनालिसिस के लिए भेजा था।

सूत्रों ने बताया कि डीआरडीओ ने चीनी पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइल का टेक्निकल एनालिसिस पूरा कर लिया है और अब उसकी एडवांस तकनीकी खूबियों को अपने स्वदेशी एस्ट्रा एमके-2 मिसाइल प्रोग्राम में शामिल करने का फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार, डीआरडीओ ने इस मिसाइल की रिवर्स इंजीनियरिंग की थी, और मिसाइल में मिनीएचर एईएसए रडार, डुअल-पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर, डेटालिंक सिस्टम, होम-ऑन-जैम क्षमता और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर मेजर्स सिस्टम जैसे जैसे क्रिटिकल कंपोनेंट्स लगे हुए थे।

DRDO PL-15 Missile: India Incorporates Chinese PL-15 Missile Tech After Recovery During Operation Sindoor

विश्लेषण में यह भी सामने आया कि मिसाइल में इस्तेमाल हुआ प्रोपेलेंट बहुत अधिक एनर्जेटिक है, जिसके चलते यह मिसाइल मैक-5 (लगभग 6,100 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार हासिल कर लेती है। साथ ही, इसका रडार सीकर केयू-बैंड में काम करता है, जिससे यह दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम को भेद सकता है।

हालांकि, सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मिसाइल में सेल्फ डेस्ट्रक्ट मैकेनिज्म नहीं था, यानी अगर यह टारगेट तक नहीं पहुंचती है, तो यह खुद को नष्ट नहीं कर पाती। जबकि भारतीय मिसाइलें जैसे एस्ट्रा या आकाश सीरीज सुरक्षा वजहों से इस सिस्टम से लैस हैं।

एस्ट्रा एके-2 दरअसल एस्ट्रा एमके-1 का एडवांस वर्जन है, जिसकी रेंज अब 160 किलोमीटर से अधिक होगी। इसमें होम-ऑन-जैम क्षमता जोड़ी जा रही है, जिससे यह दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम पर निशाना साध सकेगी। एस्ट्रा एमके2 में डुअल-पल्स मोटर टेक्नोलॉजी और मॉड्यूलर प्रोपेलेंट डिजाइन को भी शामिल कर रहा है, जिससे मिसाइल की रफ्तार और कंट्रोल दोनों बेहतर होंगे। इस प्रोजेक्ट पर काम पुणे और हैदराबाद के इंटीग्रेटेड मिसाइल सेंटर में किया जा रहा है।

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DRDO PL-15 Missile: पीएल-15 में कई देशों की रूचि

वहीं, पीएल-15 की बरामदगी ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का भी ध्यान खींचा। जापान और अमेरिका के रक्षा विश्लेषकों ने डीआरडीओ के माध्यम से मिसाइल की कुछ टेक्निकल डिटेल्स की स्टडी की है। जापान के रक्षा विशेषज्ञों ने इसे “इनवैल्यूएबल इंटेलिजेंस सोर्स” बताया। अमेरिका ने इसी विश्लेषण के आधार पर अपनी एआईएम-260 जेएटीएम मिसाइल के डेवलपमेंट को और तेज करने का फैसला लिया है।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान अब चीन से पीएल-17 लंबी दूरी की मिसाइल और “वाईआईएचए” नामक 2,000 कामिकाजे ड्रोन खरीदने की कोशिश कर रहा है। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान के बाद उसकी सैन्य तैयारी का हिस्सा है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अमेरिका को भी अपने हाई टेक वेपंस की लिस्ट सौंपी है।

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  • News Desk

    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

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