back to top
HomeDefence NewsStealth Fighter AMCA: स्वदेशी फिफ्थ जनरेशन एयरक्राफ्ट बनाने में बढ़ रही है...

Stealth Fighter AMCA: स्वदेशी फिफ्थ जनरेशन एयरक्राफ्ट बनाने में बढ़ रही है कंपनियों की दिलचस्पी, लार्सन एंड टुब्रो और बीईएल ने की साझेदारी

डीआरडीओ का विंग एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी यानी एडीए एएमसीए प्रोग्राम को इंडस्ट्री पार्टनरशिप मॉडल के जरिए आगे बढ़ा रही है। जून 2025 में एडीए ने ईओआई जारी किया था ताकि निजी और सरकारी भारतीय कंपनियों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जा सके। कंपनियों को 30 सितंबर तक अपना प्रस्ताव जमा करना होगा...

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.5 mintue

📍नई दिल्ली | 25 Sep, 2025, 12:14 PM

Stealth Fighter AMCA: लार्सन एंड टुब्रो और सरकारी डिफेंस कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड दोनों मिल कर महत्वाकांक्षी फिफ्थ-जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट प्रोजेक्ट यानी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) डेवलपमेंट प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे। लार्सन एंड टुब्रो ने घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी बीईएल के साथ मिलकर भारत के स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट के विकास में हिस्सा लेगी। दोनों कंपनियां मिलकर प्रोटोटाइप निर्माण, फ्लाइट टेस्ट और सर्टिफिकेशन में योगदान देंगी। इसके लिए वे एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को अपने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) का जवाब देंगी।

FCAS dispute: क्या AMCA की वजह से खटाई में पड़ा फ्रांस, जर्मनी और स्पेन का छठी पीढ़ी का फाइटर जेट प्रोजेक्ट, तीनों देशों में क्यों छिड़ी रार?

डीआरडीओ का विंग एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी यानी एडीए एएमसीए प्रोग्राम को इंडस्ट्री पार्टनरशिप मॉडल के जरिए आगे बढ़ा रही है। जून 2025 में एडीए ने ईओआई जारी किया था ताकि निजी और सरकारी भारतीय कंपनियों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जा सके। कंपनियों को 30 सितंबर तक अपना प्रस्ताव जमा करना होगा।

Stealth Fighter AMCA: Larsen Toubro and BEL join hands for India’s fifth-generation fighter jet

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी एएमसीए भारत का फिफ्थ-जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट प्रोग्राम है। यह विमान अत्याधुनिक स्टेल्थ तकनीक, सुपरक्रूज क्षमता, एडवांस्ड सेंसर फ्यूजन और मल्टीरोल ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारतीय वायुसेना के पुराने विमानों जैसे मिग-29 और मिराज-2000 से रिप्लेस किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 2029 तक पहली प्रोटोटाइप उड़ान होगी। वहीं, 2034 तक इसका डेवलपमेंट वर्क पूरा किए जाने की उम्मीद है। जिसके बाद इसका उत्पादन शुरू होगा। एएमसीए को पांचवीं पीढ़ी की क्षमता से लैस किया जाएगा, और भविष्य में इसे छठी पीढ़ी की कुछ विशेषताओं तक अपग्रेड करने की योजना है।

यह भी पढ़ें:  India-China Disengagement: पूर्वी लद्दाख के देपसांग में सामने आई बड़ी खबर, 20 किमी पीछे हटी चीनी सेना, 2013 से पहले वाली स्थिति हुई बहाल!

लार्सन एंड टुब्रो का डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में अच्छा अनुभव है। कंपनी ने सबमरीन, वॉरशिप, मिसाइल लॉन्चर और विभिन्न स्ट्रैटेजिक प्लेटफॉर्म डेवलप किए हैं। दूसरी तरफ बीईएल डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स और सिस्टम्स में एक्सपर्ट है और रडार, एवियोनिक्स और कम्युनिकेशन सिस्टम्स के लिए जानी जाती है।

दोनों कंपनियां मिलकर एएमसीए के डिजाइन, उपकरण, इंटीग्रेशन, इंजीनियरिंग, टेस्टिंग और क्वालिटी मैनेजमेंट में योगदान करेंगी।

एलएंडटी के चेयरमैन एस. एन. सुब्रमण्यम ने कहा कि यह साझेदारी भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और बीईएल के साथ मिलकर काम करना हमारे लिए गर्व की बात है।

वहीं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा, “एएमसीए परियोजना रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करती है। एलएंडटी के साथ हमारा सहयोग इस दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

एएमसीए प्रोजेक्ट में एल एंड टी और बीईएल अकेले खिलाड़ी नहीं हैं। एडीए को और भी कई बड़ी कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट मिले हैं, जिनमें अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, महिंद्रा ग्रुप, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और दूसरी निजी कंपनियां भी शामिल हैं।

अब एडीए इन कंपनियों का मूल्यांकन करेगी और इसके बाद शॉर्टलिस्टेड कंपनियों को रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन (RFQ) जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया से यह तय होगा कि कौन सी कंपनियां एचएएल के साथ मिलकर एएमसीए का निर्माण करेंगी।

इससे पहले तक माना जा रहा था कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस प्रोजेक्ट की मुख्य कंपनी होगी। लेकिन मई 2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडस्ट्री पार्टनरशिप मॉडल को मंजूरी देकर नए रास्ते खोल दिए। इस मॉडल से न केवल एएचएल बल्कि निजी कंपनियों को भी बराबरी का मौका मिलेगा।

यह भी पढ़ें:  Zorawar Light Tank में लगेगा स्वदेशी 'दिल', अमेरिकी कमिंस इंजन की होगी विदाई, भारतीय सेना को सर्दियों में डिलीवर होंगे दो टैंक

एएचएल ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए कई निजी कंपनियों से संपर्क किया है और एएचएल ने एक कमेटी का गठन किया है, जो इन कंपनियों में से दो को शॉटलिस्ट करेगी।

AMCA की खूबियां

एएमसीए स्टेल्थ डिजाइन, डेल्टा विंग कॉन्फिगरेशन और ट्विन-इंजन पावर से लैस होगा। इसमें AESA राडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स, ड्यूल-रिडंडेंट नेविगेशन और कैनिस्टराइज्ड वेपन सिस्टम होंगे। यह विमान सुपरसोनिक स्पीड के बिना आफ्टरबर्नर के सुपरक्रूज कर सकेग। इसका कॉम्बैट रेडियस 1,500 किलोमीटर से अधिक होगा और इसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों हथियार ले जाने की क्षमता होगी। इसे भविष्य में ड्रोन टीमिंग और नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर के लिए भी तैयार किया जाएगा।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

Most Popular

Share on WhatsApp