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Pakistan TTK Conspiracy: जम्मू-कश्मीर में इस आतंकी संगठन के जरिए हमले की योजना बना रहा पाकिस्तान, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी टला नहीं है खतरा!

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खुफिया सूत्रों के अनुसार, ISI अब एक नए आतंकी समूह "तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर" (TTK) को बढ़ावा दे रही है। इस समूह को दो खतरनाक आतंकी चला रहे हैं। पहला नाम है अब्दुल्ला उमर खान, जो एक पूर्व पाकिस्तानी वायु सेना पायलट है और "गाजी शहजादी" के नाम से जाना जाता है। दूसरा नाम है मूसा गजनवी, जिसे मूर्तजा खान भी कहते हैं। मूसा गजनवी लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य है और वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से आतंकी गतिविधियों को चला रहा है...
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📍नई दिल्ली | 9 Jun, 2025, 12:56 PM

Pakistan TTP-K Conspiracy: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमले का साया मंडराने लगा है। खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार और भारी नुकसान के बावजूद पाकिस्तान अपने आतंकी एजेंडे से पीछे नहीं हट रहा है। इस बार उसकी नजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों, बाहर से आए मजदूरों और गैर-कश्मीरी नागरिकों पर है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब नए आतंकी समूहों को हथियार और पैसा देकर हमले की साजिश रच रही है।

Pakistan TTK Conspiracy: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी खतरा बरकरार

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था, जिसमें कई मासूम लोग मारे गए थे। इस हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई आतंकी और सैन्य ठिकानों पर जोरदार हमले किए, जिसमें उनके कई लड़ाकू विमान और हथियार नष्ट हो गए। यह ऑपरेशन इतना सफल रहा कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत को तगड़ा झटका लगा। लेकिन इसके बावजूद, खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान ने हार मानने की बजाय अपने आतंकी मंसूबों को और तेज कर दिया है।

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नया आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK)

खुफिया सूत्रों के अनुसार, ISI अब एक नए आतंकी समूह “तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर” (TTK) को बढ़ावा दे रही है। इस समूह को दो खतरनाक आतंकी चला रहे हैं। पहला नाम है अब्दुल्ला उमर खान, जो एक पूर्व पाकिस्तानी वायु सेना पायलट है और “गाजी शहजादी” के नाम से जाना जाता है। दूसरा नाम है मूसा गजनवी, जिसे मूर्तजा खान भी कहते हैं। मूसा गजनवी लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य है और वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से आतंकी गतिविधियों को चला रहा है।

मूसा गजनवी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके कश्मीरी युवाओं को बहकाने में माहिर है। वह फर्जी प्रचार के जरिए इन युवाओं को लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में भेजने की कोशिश करता है। ISI इस समूह को हथियार, पैसा और दूसरी मदद मुहैया करवा रही है ताकि वे भारत की सीमा में घुसपैठ कर सकें। खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में एक बातचीत भी पकड़ी है, जिसमें ISI ने जेलों में बंद आतंकियों से संपर्क साधा है। इन आतंकियों से कहा गया है कि अगर वे कश्मीर में “जिहाद” के लिए लड़ने को तैयार हैं, तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।

बता दें कि हाल ही में 3 जून को पाकिस्तान के दक्षिणी शहर कराची में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान कराची के मालिर जिले में स्थित मालिर जेल के जेल प्रशासन ने भूकंप के डर से कैदियों को उनकी सेल से बाहर निकाला। लेकिन कैदियों ने मौके का फायदा उठाया और जेल गार्डों पर हमला कर दिया। स्थानीय पुलिस और अधिकारियों के मुताबिक, करीब 200 से ज्यादा कैदी जेल से भागने में सफल रहे। इनमें से कई ऐसे कैदी भी थे, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। हालांकि 80 को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन 130 से ज्यादा कैदियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। कैदियों को भगाने की इस घटना के पीछे भी आईएसआई का हाथ माना जा रहा है।

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सुरक्षा बल और गैर-कश्मीरियों पर हमले का इनपुट!

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, TTK का मकसद कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों पर हमले करना है। इसके अलावा, वे बाहर से आए मजदूरों और गैर-कश्मीरी नागरिकों को भी निशाना बना सकते हैं। आतंकियों को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय स्लीपर सेल्स (छिपे हुए आतंकी) को सक्रिय करें। इन हमलों में “लोन वुल्फ” यानी अकेले आतंकी भी शामिल हो सकते हैं, जो अचानक हमला करके भाग जाएं। खास तौर पर वे उन सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना सकते हैं, जो छुट्टी पर कश्मीर में हों।

पहलगाम हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही अलर्ट पर हैं। लेकिन अब स्थिति और गंभीर हो गई है। खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों को सलाह दी गई है कि वे अपनी हरकतों में सावधानी बरतें और अपनी सतर्कता न कम करें। मजदूरों के कैंप और गैर-कश्मीरी नागरिकों के रहने की जगहों पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।

कश्मीर घाटी में तैनात सुरक्षा बलों को अब और सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। उन्हें सलाह दी गई है कि वे हर समय चौकस रहें। पहलगाम हमले के बाद भी ऐसी चेतावनियां जारी की गई थीं, लेकिन अब खतरे का स्तर और बढ़ गया है। सुरक्षा एजेंसियां मजदूरों और गैर-कश्मीरी नागरिकों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम कर रही हैं ताकि कोई भी हमला न हो सके।

तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) के बारे में

तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) एक नया आतंकी समूह है, जो हाल ही में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह संगठन कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों से आजादी दिलाने का दावा करता है। इसका पहला बयान हाल ही में एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिए जारी किया गया, जिसमें उसने दोनों देशों की सेनाओं के खिलाफ जंग छेड़ने की बात कही। TTK का कहना है कि वह इस्लामी सिद्धांतों के आधार पर लड़ाई लड़ेगा और कश्मीर में “कब्जे वाली ताकतों” को निशाना बनाएगा।

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विशेषज्ञों का मानना है कि यह समूह सिर्फ कश्मीर की आजादी की बात नहीं कर रहा, बल्कि पाकिस्तान की साजिश का हिस्सा है। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कश्मीर में तनाव बढ़ा है। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। इस हार से बौखलाए पाकिस्तान ने TTK जैसे नए समूहों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया ताकि भारत को परेशान किया जा सके।

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बता दें कि मूसा गजनवी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके कश्मीरी युवाओं को बहकाने में माहिर है। वह फर्जी वीडियो और पोस्ट के जरिए इन युवाओं को लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में भेजता रहा है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, मूसा 2011 से PoK में लश्कर की प्रचार गतिविधियां चला रहा था। अब वह TTK के बैनर तले भारत के खिलाफ जिहादी प्रचार चला रहा है।

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