📍नई दिल्ली | 1 Oct, 2025, 10:21 AM
Indian AMCA fighter jet: भारत के स्वदेशी फाइटर जेट एएमसीए प्रोजेक्ट के लिए अच्छी खबर है। कई भारतीय कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए डीआरडीओ के साथ साझेदारी के लिए अपने प्रस्ताव जमा कर दिए हैं। यह प्रस्ताव भारत के पहले पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट फाइटर जेट के डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए दिए गए हैं।
30 सितंबर 2025 को एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) की तरफ से जारी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की आखिरी तारीख थी, और उसी दिन तक कई बड़ी भारतीय कंपनियों ने अपने बिड्स जमा किए। यह परियोजना लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत से डिजाइन और डेवलपमेंट फेज में पूरी की जाएगी।
Indian AMCA fighter Jet
रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए एक विशेष समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व प्रमुख ए. सिवथानु पिल्लई कर रहे हैं। यह समिति सभी बिड्स का मूल्यांकन करेगी और अपनी सिफारिशें रक्षा मंत्रालय को सौंपेगी। अंतिम फैसला मंत्रालय ही लेगा कि इस परियोजना में कौन सी कंपनियां डीआरडीओ के साथ मिलकर काम करेंगी।
सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय इस परियोजना को लेकर बेहद सक्रिय है और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से इसकी मंजूरी मिलने के बाद से ही इस पर लगातार नजर रखे हुए है। रक्षा सचिव स्वयं इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं ताकि तय समयसीमा में काम पूरा किया जा सके।
भारतीय रक्षा उद्योग के कई बड़े नाम इस परियोजना में शामिल हुए हैं। लार्सन एंड टुब्रो ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। वहीं, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड ने भी निजी क्षेत्र की अन्य कंपनियों के साथ मिलकर बिड्स जमा किए हैं।
भारत की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने भी अपने प्रस्ताव पेश किए हैं। एचएएल पहले से ही तेजस फाइटर जेट और दूसरे कई हेलिकॉप्टर प्रोजेक्ट्स में काम कर रही है और AMCA के निर्माण में उसकी भूमिका अहम मानी जा रही है।
AMCA प्रोजेक्ट के तहत भारतीय वायुसेना को एक अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी विमान उपलब्ध कराना है। योजना के अनुसार, यह विमान 2034-35 तक उत्पादन और इंडक्शन के लिए तैयार हो जाएगा। यह पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और तकनीक पर आधारित होगा, हालांकि ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप इसमें कुछ अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी शामिल हो सकता है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस परियोजना से भारत न केवल अपनी वायुसेना की क्षमता को नई ऊंचाई देगा, बल्कि दुनिया के चुनिंदा देशों की उस सूची में भी शामिल हो जाएगा जो खुद के पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट बना सकते हैं।
डिजाइन और डेवलपमेंट के बाद, इस प्रोजेक्ट में प्रोडक्शन फेज भी शामिल होगा। अनुमान है कि एएमसीए का उत्पादन करने वाला पार्टनर वही कंपनी होगी, जो इसके डिजाइन और डेवलपमेंट में डीआरडीओ के साथ मिल कर काम करेगी।
भारतीय वायुसेना कम से कम 125 विमान खरीदने की योजना बना रही है। इसके लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इन विमानों को सात स्क्वाड्रन के रूप में शामिल किया जाएगा, जिससे वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा।
वहीं, एएमसीए प्रोजक्ट Indian AMCA fighter jet भारतीय रक्षा उद्योग के लिए भी एक बड़ा अवसर है। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के पहल को मजबूत करेगा। इस परियोजना के जरिए न केवल स्वदेशी टेक्नोलॉजी का विकास होगा बल्कि भारत के निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भी हाई-टेक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में नई ऊंचाई हासिल करने का मौका मिलेगा।
इसके अलावा, AMCA प्रोजेक्ट से भारत को निर्यात बाजार में भी नई संभावनाएं मिल सकती हैं। हालांकि अभी प्राथमिकता भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करना है।
Indian AMCA fighter jet: Indian firms submit bids with DRDO to build 5th-gen fighter aircraft Indian AMCA fighter jet project gains momentum as multiple Indian firms, including HAL, L&T, BEL and BEML, submit bids with DRDO to design and develop India’s first indigenous 5th generation fighter aircraft under the Rs 15,000 crore AMCA program, set for IAF induction by 2034-35.