📍नई दिल्ली | 10 Nov, 2025, 5:57 PM
Defence Production: भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश का रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान 71.6 फीसदी रहा है। वहीं, भारत का रक्षा निर्यात 6,695 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो यह दर्शाता है कि दुनिया अब भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादों पर भरोसा कर रही है।
नई दिल्ली के नौरोजी नगर स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने अत्याधुनिक डीपीएसयू भवन का उद्घाटन किया और डीपीएसयू के प्रदर्शन की समीक्षा की।
कार्यक्रम के दौरान चार इकाइयों म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को मिनीरत्न श्रेणी-1 का दर्जा मिलने पर सम्मानित किया गया।
डीपीएसयू ने बदला भारत का रक्षा परिदृश्य
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सभी 16 डीपीएसयू भारत की आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा, “इन कंपनियों का प्रदर्शन न केवल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियानों में देखा गया, बल्कि यह भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता का प्रतीक भी है।”
रक्षा मंत्री ने बताया कि 2021 में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को सात नई डीपीएसयू में बदला गया था। इससे इन इकाइयों को अधिक स्वतंत्र और प्रतिस्पर्धा का अवसर मिला। अब इन इकाइयों को मिनीरत्न का दर्जा मिलने से वे नई साझेदारियों, उत्पादन विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ सकेंगी।
उन्होंने कहा कि भारत का रक्षा उत्पादन न केवल आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारत अब रक्षा तकनीक का वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
कार्यक्रम में तीन अहम एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड का यंत्र इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता शामिल है। इस समझौते के तहत एचएएल ने यंत्र इंडिया को 435 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त अग्रिम देने की घोषणा की, जबकि भारत डायनेमिक्स लिमिटेड अगले 10 सालों में 3,000 मीट्रिक टन वर्क लोड देगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि Defence Production नया डीपीएसयू भवन एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो देश की सभी 16 डीपीएसयू को एक छत के नीचे लाता है। भवन में आधुनिक कॉन्फ्रेंस रूम, सिमुलेशन लैब्स, और डिफेंस इनोवेशन प्रदर्शनी क्षेत्र बनाए गए हैं। यह भवन न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा।
