📍नई दिल्ली | 3 days ago
CDS on Op Sindoor: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना को कुछ लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ। सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग के दौरान ब्लूमबर्ग टीवी को दिए साक्षात्कार में जनरल चौहान ने कहा, “महत्वपूर्ण यह नहीं कि विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे। हमने अपनी गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और दो दिन बाद फिर से अपने विमानों को उड़ाकर पाकिस्तान के ठिकानों पर सटीक हमले किए।”
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पहलगाम हमले में 26 नागरिक, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया और स्वतंत्र जांच की मांग की। इस हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
🇮🇳 Big Update: Confirmed. For the first time, India admits losing fighter jets during May’s clash with Pakistan. CDS Gen Anil Chauhan told #Bloomberg in Singapore:
“It’s not about jets being downed the real question is why they were downed.” @HQ_IDS_India @IAF_MCC… pic.twitter.com/fYTsfmNsRs— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) May 31, 2025
इस अभियान में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। इसके बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच हवाई, ड्रोन, मिसाइल और आर्टिलरी फायर हुए। 9-10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 13 सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों पर हमला किया। इन हमलों में लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग हुआ। 10 मई को दोनों देशों के बीच समझौते के बाद युद्धविराम हो गया।
CDS on Op Sindoor: पाकिस्तान के दावे को किया खारिज
शांगरी-ला डायलॉग में जनरल चौहान (CDS on Op Sindoor) ने स्पष्ट किया कि 7 मई को ऑपरेशन के पहले दिन भारतीय वायुसेना को कुछ विमानों का नुकसान हुआ। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि उसने छह भारतीय विमान, जिनमें चार राफेल शामिल थे, मार गिराए। जनरल चौहान ने कहा, “संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। यह समझना जरूरी है कि नुकसान क्यों हुआ। हमने अपनी टैक्टिकल गलतियों को जल्दी समझा, उन्हें ठीक किया और दो दिन बाद फिर से अपने सभी विमानों को उड़ाकर पाकिस्तान के ठिकानों पर सटीक हमले किए।”
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने 8 और 10 मई को फिर से हमले किए, जिसमें पाकिस्तान के अंदर 300 किलोमीटर गहराई तक भारी हवाई रक्षा वाले ठिकानों को निशाना बनाया गया। “हमने एक मीटर की सटीकता के साथ हमले किए, जिससे पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम बेकार साबित हुआ।”
परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि इस संघर्ष में परमाणु युद्ध का खतरा था और अमेरिका ने इसे टाला। जनरल चौहान (CDS on Op Sindoor) ने इसे “निरर्थक” करार दिया। उन्होंने कहा, “सैन्य कार्रवाइयों और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल में बहुत अंतर है। भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के रास्ते हमेशा खुले रहे, जिसने हालात को संभालने में मदद की।”
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने इस युद्ध में संयम और तर्कसंगत व्यवहार दिखाया। जनरल चौहान ने स्पष्ट किया, “सेना से जुड़े लोग युद्ध के परिणामों को समझते हैं और इसीलिए वे सोच-समझकर निर्णय लेते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की कोई संभावना नहीं थी।”
ताली दोनों हाथों से बजती है
जनरल चौहान (CDS on Op Sindoor) ने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के लिए “स्पष्ट रेखाएं” खींच दी हैं। “हमारी भविष्य की कार्रवाइयां इस बात पर निर्भर करेंगी कि पाकिस्तान का व्यवहार कैसा रहता है। अगर भविष्य में कोई और आतंकी हमला हुआ, तो भारत का जवाब तेज और निर्णायक होगा।”
उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवाज शरीफ को आमंत्रित करने का उदाहरण देते हुए कहा, “हमने कई बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन ताली दोनों हाथों से बजती है। अगर जवाब में केवल शत्रुता मिले, तो दूरी बनाए रखना ही बेहतर है।”
बेकार साबित हुए चीन के हथियार
जनरल चौहान (CDS on Op Sindoor) ने पाकिस्तान के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि चीन और अन्य देशों से मिले हथियार काफी प्रभावी थे। भारत के रक्षा मंत्रालय के एक रिसर्च ग्रुप ने बताया था कि चीन ने पाकिस्तान को एयर डिफेंस और सैटेलाइट सपोर्ट दिया था। लेकिन जनरल चौहान ने कहा, “चीन के हथियार काम नहीं आए। हमारी वायुसेना ने उनकी डिफेंस सिस्टम को भेदकर सटीक हमले किए।”
उन्होंने भारत की स्वदेशी डिफेंस सिस्टम्स जैसे आकाश मिसाइल सिस्टम की तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तरी सीमा पर चीन की ओर से कोई असामान्य गतिविधि नहीं देखी गई, जिससे यह साफ हुआ कि चीन ने इस युद्ध में प्रत्यक्ष सैन्य मदद नहीं दी है।
फर्जी खबरों को रोकने में लगी मेहनत
ऑपरेशन सिंदूर (CDS on Op Sindoor) के दौरान सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी गलत सूचनाओं (डिसइन्फॉर्मेशन) का सामना करना। जनरल चौहान ने बताया कि भारतीय सेना ने अपने संसाधनों का 15% हिस्सा फर्जी खबरों को रोकने में लगाया। उन्होंने कहा, “हमारी संचार रणनीति सोची-समझी थी। हमने जल्दबाजी में जवाब देने के बजाय तथ्यों पर आधारित रुख अपनाया। गलत सूचनाएं ऐसी परिस्थितियों में जनता की धारणा को जल्दी बिगाड़ सकती हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के शुरुआती दिनों में दो महिला अधिकारियों ने सेना की ओर से प्रवक्ता की भूमिका निभाई, क्योंकि सैन्य नेतृत्व तेजी से चल रहे अभियानों में व्यस्त था। यह रणनीति गलत सूचनाओं को रोकने में प्रभावी रही।
स्वदेशी डिफेंस सिस्टम पर दिया जोर
जनरल चौहान (CDS on Op Sindoor) ने शांगरी-ला डायलॉग में मॉडर्न वारफेयर पर कहा, “आज का युद्ध केवल भूमि, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं है। इसमें साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्र शामिल हो गए हैं।” उन्होंने भारत के स्वदेशी डिफेंस सिस्टम पर जोर दिया और कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने भारत की तकनीकी प्रगति पर गर्व जताते हुए कहा, “हमारे पास दुनिया में सबसे ज्यादा STEM स्नातक हैं। हमारे 20 से अधिक IIT हैं। अगर हमें कोई रक्षा समस्या दी जाए, तो हमारे लोग उसका समाधान निकाल सकते हैं।”
वायुसेना सूत्रों ने कही ये बात
वहीं, वायुसेना से जुड़े आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सीडीएस चौहान (CDS on Op Sindoor) ने ब्लूमबर्ग टीवी पर कहा कि ऑपरेशंस दो दिन के लिए रुक गए थे। लेकिन असलियत कुछ और है। पर्दे के पीछे हमेशा रणनीति के बदलाव होते रहते हैं। इस दौरान एयरफील्ड की पूरी निगरानी और सुरक्षा बनी रही, और जरूरत पड़ने पर सभी गतिविधियां भी चलती रहीं। उन्होंने कहा कि अगर सचमुच फाइटर जेट्स को रोक दिया गया होता, जैसा कि कुछ लोग कह रहे थे, तो जमीन पर हालात बहुत अलग होते। आप सब जानते हैं कि इन रणनीति के फैसलों की छोटी-छोटी बातें सबके साथ शेयर नहीं की जा सकतीं।
कांग्रेस ने मांगा सरकार से जवाब
जनरल चौहान (CDS on Op Sindoor) के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सीडीएस के बयान ने कई सवाल खड़े किए हैं। सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाकर जवाब देना चाहिए।” तेलंगाना सरकार में मंत्री और पूर्व वायुसेना पायलट उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, “जब राहुल गांधी ने विमानों के नुकसान का सवाल उठाया था, तो उन्हें राष्ट्रविरोधी कहा गया। अब जब सीडीएस ने यह बात स्वीकार की है, तो सरकार को इसे छिपाना बंद करना चाहिए।” उन्होंने पूरे मामले की समीक्षा के लिए एक समिति गठन की मांग की।
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 1999 के कारगिल युद्ध के बाद गठित कारगिल समीक्षा समिति का उदाहरण देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा के लिए भी ऐसी ही समिति बननी चाहिए। उन्होंने पूछा, “क्या सरकार अब पारदर्शिता दिखाएगी?”