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BrahMos Lucknow Facility: “मिसाइल कैपिटल” से रवाना हुआ ब्रह्मोस का पहला बैच, रक्षा मंत्री बोले– अब पाकिस्तान का हर इंच हमारी पहुंच में

रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले एक महीने में ब्रह्मोस टीम ने लगभग 4,000 करोड़ रुपये के दो अंतरराष्ट्रीय कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। उन्होंने कहा, “आने वाले सालों में लखनऊ डिफेंस टेक्नोलॉजी का ज्ञान केंद्र बनेगा...

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📍लखनऊ | 18 Oct, 2025, 3:55 PM

BrahMos Lucknow Facility: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धनतेरस पर शनिवार को ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर से बनी पहली खेप की ब्रह्मोस मिसाइलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। लखनऊ के सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का सबसे अहम प्रोजेक्ट है।

BrahMos Lucknow Unit: शनिवार को लखनऊ से रवाना होगी ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप, रक्षा मंत्री और यूपी के सीएम करेंगे फ्लैग-ऑफ

11 मई 2025 को रक्षा मंत्री ने इसका वर्चुअली उद्घाटन किया था, सिर्फ पांच महीने के भीतर यह प्रोडक्शन के लिए तैयार हो गया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि “ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं है, बल्कि यह भारत की बढ़ती स्वदेशी तकनीकी क्षमता का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि यह मिसाइल पारंपरिक वारहेड, एडवांस गाइडेड सिस्टम और सुपरसोनिक स्पीड के के चलते दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक है।

BrahMos Lucknow Facility: ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र, पाकिस्तान को चेतावनी

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि भारत अब “ट्रायल” नहीं कर रहा, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान का हर इंच अब ब्रह्मोस की पहुंच में है। ऑपरेशन सिंदूर हमारी जीत की आदत का प्रमाण है, और अब हमें अपनी क्षमताओं को और बढ़ाना है। यह ऑपरेशन सिर्फ एक ट्रेलर था, जिससे पाकिस्तान को समझ आ गया कि अगर जरूरत पड़ी तो क्या हो सकता है।”

उन्होंने कहा कि भारत आज न केवल अपनी सुरक्षा को मजबूत कर रहा है बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दे रहा है कि वह रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार है।

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 Rajnath SinghSingh and CM Yogi flag off first batch of Lucknow-made BrahMos missiles
Four BrahMos missiles delivered on Dhanteras

‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेड फॉर द वर्ल्ड’ तक

राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल आज “मेड इन इंडिया” की सफलता की सबसे बड़ी मिसाल है। उन्होंने कहा, “आज भारत लेने वाला नहीं, बल्कि देने वाला देश बन गया है। फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई इसका प्रमाण है, और कई अन्य देश भी इस दिशा में भारत से सहयोग कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आत्मनिर्भर भारत” की दृष्टि अब वास्तविकता में बदल चुकी है और रक्षा क्षेत्र इस परिवर्तन का निर्णायक स्तंभ बन चुका है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले एक महीने में ब्रह्मोस टीम ने लगभग 4,000 करोड़ रुपये के दो अंतरराष्ट्रीय कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। उन्होंने कहा, “आने वाले सालों में लखनऊ डिफेंस टेक्नोलॉजी का ज्ञान केंद्र बनेगा। यहां न सिर्फ प्रोडक्शन होगा, बल्कि दुनिया भर के विशेषज्ञ यहां अध्ययन और साझेदारी के लिए आएंगे।”

उन्होंने बताया कि लखनऊ स्थित इस यूनिट का टर्नओवर अगले वित्त वर्ष से लगभग 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा और इससे 500 करोड़ रुपये का जीएसटी भी मिलेगा।

200 एकड़ में फैली अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट

लखनऊ में स्थित यह यूनिट 200 एकड़ के क्षेत्र में बनी है और इसकी कुल लागत 380 करोड़ रुपये है। यह सिर्फ एक मिसाइल निर्माण केंद्र नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के विकास और रोजगार का भी नया द्वार है। इस फैसिलिटी में हर साल लगभग 100 मिसाइल सिस्टम्स के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि “यह सिर्फ एक रक्षा परियोजना नहीं है, बल्कि यह रोजगार और औद्योगिक विकास का भी प्रतीक है। उत्तर प्रदेश में आ रहे निवेशों के चलते यह इलाका आने वाले समय में रक्षा और विकास दोनों क्षेत्रों में एक नया युग शुरू करेगा।”

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BrahMos Lucknow Facility

सप्लाई चेन में आत्मनिर्भरता पर जोर

रक्षा मंत्री ने ग्लोबल सप्लाई चेन की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को अब ऐसी स्थिति में आना होगा कि किसी भी हिस्से या कंपोनेंट के लिए उसे किसी विदेशी कंपनी पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने कहा, “हमें अपने छोटे उद्योगों को इतना मजबूत बनाना है कि चाहे वह एडवांस सीकर्स हों या रैमजेट इंजन, सब कुछ भारत में ही बने। हमारी पूरी सप्लाई चेन भारत के भीतर रहनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि यूपी डिफेंस कॉरिडोर तभी पूरी तरह सफल होगा, जब बड़ी कंपनियों के साथ छोटे उद्योग भी जुड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि “छोटे उद्यमियों को डिफेंस इकोसिस्टम में शामिल करने के लिए हमें स्पष्ट प्रोजेक्ट रोडमैप तैयार करना होगा।”

रक्षा और अर्थव्यवस्था- दोनों के लिए फायदेमंद

राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रह्मोस जैसी परियोजनाएं न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करती हैं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देती हैं। उन्होंने कहा कि “हर एक मिसाइल के उत्पादन से जो टैक्स सरकार को मिलता है, उससे कई स्कूल, अस्पताल और सामाजिक योजनाएं चलाई जा सकती हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत की हर रक्षा परियोजना अब दोहरा लाभ दे रही है, एक तरफ सुरक्षा को मजबूत कर रही है और दूसरी ओर आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है।

BrahMos Lucknow Facility

सीएम योगी बोले- 15,000 से अधिक युवाओं को मिला रोजगार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “ब्रह्मोस मिसाइल आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है। यह न केवल देश की डिफेंस जरूरतों को पूरा कर रही है बल्कि उत्तर प्रदेश को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र भी बना रही है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का धन्यवाद करते हुए कहा कि “लखनऊ आज देश की रक्षा आत्मनिर्भरता यात्रा का हिस्सा बनकर गौरवान्वित है।”

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मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के सभी छह नोड्स में तेजी से विकास हो रहा है और अब तक 15,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है। उन्होंने कहा कि लखनऊ से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलें न केवल भारत की सुरक्षा का भरोसा हैं, बल्कि देश की समृद्धि का भी प्रतीक हैं।

ब्रह्मोस फैसिलिटी, यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का सबसे अहम हिस्सा है। यहां मिसाइल के असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग की पूरी प्रक्रिया की जा रही है, जो पहले रूस में होती थी। इस यूनिट से पहली खेप के रवाना होने के साथ ही उत्तर प्रदेश अब “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” पहल का अग्रणी राज्य बन गया है।

कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर बिल्डिंग का उद्घाटन किया और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन देखा। इसके अलावा उन्होंने एयरफ्रेम, एवियोनिक्स, वॉरहेड और सिमुलेशन इकाइयों का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में ब्रह्मोस का मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर भी प्रदर्शित किया गया।

इस अवसर पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस के डीजी डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 40 करोड़ रुपये का जीएसटी चेक सौंपा। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत भी मौजूद रहे।

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