📍चेन्नई/नई दिल्ली | 14 Oct, 2025, 6:24 PM
Bharat Tank India: सरकारी रक्षा निर्माण कंपनी आर्मर्ड वीहिकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) ने एलान किया है कि वह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से एक नया हल्का टैंक ‘भारत’ (Bharat Tank) तैयार कर रही है। कंपनी का कहना है कि इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा।
यह एलान चेन्नई ट्रेड सेंटर में आयोजित एरोडेफकोन 2025 (AeroDefCon 2025) प्रदर्शनी के दौरान किया गया गई, जहां देश की कई प्रमुख रक्षा कंपनियों ने अपने नए प्रोडक्ट्स और प्रोजेक्ट्स पेश किए।
‘भारत टैंक’ को विशेष रूप से भारत की पहाड़ी इलाकों, बर्फीले इलाकों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जा रहा है। यह टैंक उन इलाकों में तैनात किया जाएगा, जहां भारी-भरकम टैंकों को ऑपरेट करना मुश्किल होता है।
एवीएनएल के मुताबिक, “हम 100 फीसदी स्वदेशी तकनीक से भारत टैंक बना रहे हैं। इसका डिजाइन और डेवलपमेंट 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा और 2026 के आखिर तक इसका पहला प्रोटोटाइप रोल आउट कर दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि कंपनी इस प्रोजेक्ट को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है क्योंकि यह भारतीय सेना के लिए बूस्टर साबित होगा।
‘भारत’ टैंक का वजन करीब 25 टन होगा और इसे ऊंचे व दुर्गम इलाकों में तेजी से चलने लायक बनाया जा रहा है। टैंक में आधुनिक कॉम्पोजिट आर्मर, हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स और मॉड्यूलर विपन सिस्टम लगाया जाएगा। इन फीचर्स की मदद से टैंक में बैठे सैनिकों को युद्ध के दौरान रियल-टाइम बैटल अवेयरनेस मिलेगी।
यह टैंक न केवल हल्का और तेज होगा बल्कि इसकी फायरिंग रेंज, एक्युरेसी और मोबिलिटी भी मौजूदा टैंकों के मुकाबले कहीं ज्यादा होगी। इसका उद्देश्य है, सेना को ऐसा प्लेटफॉर्म देना जो ऊंचाई वाले इलाकों, बर्फीले मोर्चों और सीमावर्ती घाटियों में दुश्मन की हर चाल को नाकाम कर सके।
एवीएनएल भारत के डिफेंस प्रोडक्शन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। यह रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई है, जो देशभर में पांच प्रमुख प्रोडक्शन यूनिट्स को ऑपरेट करती है। तमिलनाडु के अवडी में स्थित इसकी फैक्ट्री को एशिया के सबसे बड़े टैंक निर्माण केंद्रों में गिना जाता है।
कंपनी ने बताया कि उसके पास फिलहाल अर्जुन मेन बैटल टैंक, टी-90 भीष्म, टी-72 अजेय और बीएमपी-II सरथ जैसे कई सफल मॉडल पहले से मौजूद हैं। इन टैंकों ने भारतीय सेना की ताकत को नई ऊंचाई दी है। अब “भारत टैंक” इस परंपरा को आगे बढ़ाएगा।
एवीएनएल ने कहा कि कंपनी का ध्यान न केवल टैंक निर्माण पर है बल्कि वह अब स्पेशलाइज्ड व्हीकल्स बनाने की दिशा में भी काम कर रही है। कंपनी ने हाल ही में टाटा-407 प्लेटफॉर्म को पूरी तरह बुलेटप्रूफ एम्बुलेंस में बदलने की परियोजना पूरी की है। ये एम्बुलेंस अब सीआरपीएफ को सौंपी जा चुकी हैं और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात की गई हैं।
कंपनी ने बताया कि उसने इस साल 5,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए हैं और अगले वित्त वर्ष में करीब 8,000 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। इसके लिए उसकी मैन्युफैक्चरिंग और आरएंडडी क्षमताओं को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, ‘भारत टैंक’ देश के फ्यूचरिस्टिक लाइट टैंक (एफएलटी) पहल का हिस्सा है, जिसमें पहले से ही लाइटवेट “जोरावर टैंक” विकसित किया जा रहा है। उनका कहना है कि भारत’ लाइट टैंक दरअसल रूसी 2एस25 स्प्रट-एसडी का लाइसेंस्ड वर्जन होगा, जिसे भारत में ही बनाया जाएगा। उनका कहना है कि भारतीय सेना को कुल 354 हल्के टैंकों की जरूरत है, जिनमें शुरुआती 59 टैंक जोरावर होंगे और बाकी 295 टैंक प्रतिस्पर्धात्मक “मेक-1” कैटेगरी के तहत तैयार किए जाएंगे।
‘भारत टैंक’में कोई विदेशी पुर्जा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, जिससे भारत की सप्लाई चेन पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। साथ ही अपग्रेड और सर्विसिंग की प्रक्रिया भी तेज और किफायती होगी।