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INS Sindhukirti: नौसेना में वापस लौटी ‘समंदर की शेरनी’, सोवियत-युग की पनडुब्बी रीफिटिंग के बाद हुई और घातक, वापस लौटे सुनहरे दिन

34 करोड़ की रीफिट के बाद फिर समंदर में उतरी INS सिंधुकीर्ति, नौसेना की ताकत में हुआ इजाफा

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INS सिंधुकीर्ति को तत्कालीन सोवियत संघ (अब रूस) में तैयार किया गया था और इसे 1989 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह सिंधुघोष क्लास (Kilo-class) की तीसरी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है, जो अब भी भारतीय बेड़े में सक्रिय है। नौसेना में शामिल होने के बाद से यह पनडुब्बी भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती रही है। लेकिन समय के साथ इसकी हालत खराब होने लगी थी, इसलिए इसे मिड-लाइफ रिफिटिंग की जरूरत पड़ी...
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📍नई दिल्ली | 4 Aug, 2025, 3:46 PM

INS Sindhukirti: भारतीय नौसेना की सबसे पुरानी ऑपरेशनल पनडुब्बी INS सिंधुकीर्ति मिड-लाइफ रिफिटिंग के बाद फिर से नौसेना में शामिल हो गई है। यह सोवियत-युग की बनी यह पनडुब्बी 1989 में भारतीय नौसेना में शामिल की गई थी। इसकी रीफिटिंग की जिम्मेदारी विशाखापत्तनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के पास थी। इसकी रीफिटिंग का काम जनवरी 2023 से चल रहा था। इस काम की कुल लागत 934 करोड़ रुपये आई है।

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INS Sindhukirti: तीसरी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी

INS सिंधुकीर्ति को तत्कालीन सोवियत संघ (अब रूस) में तैयार किया गया था और इसे 1989 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह सिंधुघोष क्लास (Kilo-class) की तीसरी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है, जो अब भी भारतीय बेड़े में सक्रिय है। नौसेना में शामिल होने के बाद से यह पनडुब्बी भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती रही है। लेकिन समय के साथ इसकी हालत खराब होने लगी थी, इसलिए इसे मिड-लाइफ रिफिटिंग की जरूरत पड़ी। इस प्रक्रिया में पनडुब्बी को पूरी तरह से नया रूप दिया गया, ताकि यह आधुनिक चुनौतियों का सामना कर सके।

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INS Sindhukirti Returns to Navy After Refit, Soviet-Era Submarine Back in Action with Enhanced Lethality
Photo By: Hindustan Shipyard Limited

INS Sindhukirti: वापस लौटे सुनहरे दिन

रीफिटिंग में पनडुब्बी की तकनीकी और ऑपरेशनल कैपेबिलिटी को बेहतर बनाया गया है। इसमें नेविगेशन सिस्टम, हथियार नियंत्रण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सुरक्षा से जुड़े कई मॉड्यूल को अपडेट किया गया है। यह कार्य तय समय सीमा में पूरा किया गया और INS सिंधुकीर्ति को फिर से ऑपरेशन के लिए फिट बनाया गया।

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने इस काम को बड़ी मेहनत और सावधानी के साथ पूरा किया। इस दौरान पनडुब्बी के हर हिस्से की जांच की गई, पुराने पुर्जों को बदला गया, और नई तकनीकों को शामिल किया गया। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड की टीम ने इसके “सुनहरे दिन” वापस लाने का वादा किया था, और अब यह वादा पूरा हो गया है।

सिंधुकीर्ति की मारक क्षमता

INS सिंधुकीर्ति का मिल लाइफ अपग्रेडेशन नौसेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। INS सिंधुकीर्ति की लंबाई 72.6 मीटर (करीब 238 फीट) है, चौड़ाई 9.9 मीटर है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। यह पनडुब्बी अधिकतम 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है। पानी के अंदर इसकी रफ्तार 25 नॉट (लगभग 46 किलोमीटर प्रति घंटा) तक होती है, जबकि सतह पर यह 12 नॉट (करीब 22 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार से चल सकती है।

यह 45 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है और इसकी ऑपरेशनल रेंज करीब 640 किलोमीटर है। यह कई प्रकार के हथियारों जैसे टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और माइन (समुद्री बारूद) ले जाने में सक्षम है।

INS सिंधुकीर्ति में कुल 53 नौसेना कर्मी तैनात हो सकते हैं, जिसमें अधिकारी और नाविक दोनों शामिल हैं। यह पनडुब्बी डीजल और बैटरी दोनों से चलती है, जिसमें दो जनरेटर और 1300 हॉर्सपावर बीएचपी का डीजल इंजन और 5,500 से 6,800 बीएचपी की इलेक्ट्रिक मोटर लगी है।

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दी भावनात्मक विदाई 

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने इस प्रोजेक्ट को बड़ी कुशलता से संभाला। कंपनी ने पनडुब्बी को नया जीवन देने के लिए दिन-रात मेहनत की। रीफिट के दौरान इंजीनियरों और तकनीशियनों ने हर छोटे-बड़े हिस्से पर काम किया। रीफिट पूरा होने के बाद हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने INS सिंधुकीर्ति को भावनात्मक विदाई दी।

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के चेयरमैन ने एक पोस्ट में लिखा: “सिंधुकीर्ति, हमारी कीर्ति। जैसे ही आप हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड से विदा लेती हैं, हम आपको दिल से भावभीनी विदाई देते हैं, प्रिय सिंधुकीर्ति। HSL के साथ आपका यह सफर समर्पण, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और समुद्र की गहराइयों में सन्नाटा लिए शक्ति का प्रतीक रहा है। हम आपके चालक दल और HSL टीम को सलाम करते हैं, जिनके परिश्रम से आप फिर से नौसेना सेवा के लिए तैयार हुई हैं। आपकी तैनाती सफल हो, गोते सुरक्षित रहें और मिशन हमेशा सटीक और प्रभावशाली रहें। अलविदा और मंगल यात्रा! जय हिंद! टीम HSL”

भारतीय नौसेना के लिए रणनीतिक बढ़त

इस रीफिट के साथ, INS सिंधुकीर्ति अब फिर से समुद्र में ऑपरेशन के लिए तैयार है। यह न केवल भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूती देगी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक पकड़ को भी मजबूत करेगी। खासतौर पर जब, पिछले कुछ वर्षों में नौसेना की पनडुब्बी क्षमताओं को लेकर चिंता जताई जाती रही है। ऐसे में INS सिंधुकीर्ति की समय पर रीफिटिंग एक सकारात्मक शुरुआत है।

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