back to top
HomeIndian NavyIndian Navy Cybersecurity: एडमिरल दिनेश त्रिपाठी बोले- हर मैरीटाइम सिस्टम में हो...

Indian Navy Cybersecurity: एडमिरल दिनेश त्रिपाठी बोले- हर मैरीटाइम सिस्टम में हो साइबर सिक्योरिटी सिस्टम, खतरे में एनर्जी सप्लाई और ट्रेड रूट्स भी

केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत की समुद्री सीमाएं न केवल हमारे आर्थिक हितों की रक्षा करती हैं, बल्कि हमारी रणनीतिक सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि “समुद्री सुरक्षा अब केवल जहाजों और बंदरगाहों तक सीमित नहीं है।

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.4 mintue

📍नई दिल्ली | 16 Oct, 2025, 7:51 PM

Indian Navy Cybersecurity: भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि “हर मैरीटाइम सिस्टम में शुरुआत से ही साइबर सिक्योरिटी सिस्टम शामिल किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी साइबर हमले की स्थिति में तुरंत और सटीक जवाबी कार्रवाई की जा सके।

Rolls Royce Indian Navy: भारतीय नौसेना के साथ मिलकर देश का पहला इलेक्ट्रिक वॉरशिप बना चाहती है रोल्स-रॉयस, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए भी तैयार

नई दिल्ली में आयोजित भारतीय नौसेना के साइबर सुरक्षा सेमिनार ‘‘इम्पैक्ट ऑफ साइबर अटैक्स ऑन मैरीटाइम सेक्टर एंड आईटीएस इफेक्ट्स ऑन नेशनल सिक्युरिटी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस’’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां भारत को “समुद्र से समृद्धि” के विजन को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की आर्थिक प्रगति का बड़ा हिस्सा समुद्री मार्गों और सुरक्षा पर निर्भर है, और इसीलिए समुद्री अमृत काल विजन 2047, सागरमाला और प्रधानमंत्री गति शक्ति जैसी योजनाओं को साइबर सिक्योरिटी के साथ जोड़ा जाना जरूरी है।

भारतीय नौसेना की तरफ से आयोजित इस सेमिनार में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ, साइबर सुरक्षा संस्थान, निजी उद्योग प्रतिनिधि और नौसेना के उच्च अधिकारी शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में बढ़ते साइबर खतरों की समझ को गहराई से बढ़ाना और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा के ढांचे को और मजबूत बनाना था।

एडमिरल त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि नौसेना के सभी सिस्टम, इक्विपमेंट्स और नेटवर्क को शुरू से ही साइबर-रेसिलिएंट बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “साइबर हमले अब सिर्फ डेटा की चोरी तक सीमित नहीं रहे, बल्कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा, एनर्जी सप्लाई, और व्यापारिक मार्गों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए हमें सिक्योरिटी सिस्टम को उसी रफ्तार से डेवलप करना होगा, जिस गति से खतरे बढ़ रहे हैं।”

यह भी पढ़ें:  INS Androth Commissioning: भारतीय नौसेना में सोमवार को शामिल होगा आईएनएस अंद्रोथ, दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगा कर करेगा तबाह

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि साझेदारी और समन्वय ही साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बना सकते हैं, इसके लिए सरकारी संस्थानों, उद्योगों और तकनीकी विशेषज्ञों को एकजुट होकर काम करना होगा।

Indian Navy Cybersecurity Seminar: Admiral Dinesh Tripathi Stresses Cybersecurity in Every Maritime System

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत की समुद्री सीमाएं न केवल हमारे आर्थिक हितों की रक्षा करती हैं, बल्कि हमारी रणनीतिक सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि “समुद्री सुरक्षा अब केवल जहाजों और बंदरगाहों तक सीमित नहीं है। यह साइबर नेटवर्क, डाटा कम्युनिकेशन सिस्टम और ऑटोमेटेड लॉजिस्टिक्स से जुड़ चुकी है। इसलिए हमें एक मजबूत और फ्लैक्सिबल साइबर डिफेंस आर्किटेक्चर तैयार करना होगा।”

सेमिनार में तीन प्रमुख पैनल डिस्कशंस आयोजित किए गए, जिनमें मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटरवेज, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट, सर्ट-आईएन, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर और नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

Indian Navy Cybersecurity

चर्चा का फोकस मैरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते साइबर खतरों, सिविल-मिलिटरी पार्टनरशिप और समुद्री क्षेत्र को क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर रहा। विशेषज्ञों ने कहा कि समुद्री व्यापार, बंदरगाह प्रबंधन और एनर्जी सप्लाई सिस्टम अब साइबर हमलों के प्रति बेहद संवेदनशील हो गए हैं। इसलिए भारत को डिजिटल मैरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षा के दायरे में लाना होगा।

Author

  • News Desk

    रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

यह भी पढ़ें:  INS Aridhaman: भारत गुपचुप कर रहा इस खास पनडुब्बी का समुद्री ट्रायल! भारतीय नौसेना को जल्द मिलेगी तीसरी न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
News Desk
News Desk
रक्षा समाचार न्यूज डेस्क भारत की अग्रणी हिंदी रक्षा समाचार टीम है, जो Indian Army, Navy, Air Force, DRDO, रक्षा उपकरण, युद्ध रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय और विश्लेषणात्मक खबरें प्रस्तुत करती है। हम लाते हैं सटीक, सरल और अपडेटेड Defence News in Hindi। हमारा उद्देश्य है – "हर खबर, देश की रक्षा के लिए।"

Most Popular

Share on WhatsApp