back to top
HomeIndian NavyIndia-South Korea Maritime Exercise: भारत और दक्षिण कोरिया की नौसेनाएं पहली बार...

India-South Korea Maritime Exercise: भारत और दक्षिण कोरिया की नौसेनाएं पहली बार इंचियोन में करेंगी संयुक्त समुद्री युद्धाभ्यास

रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना और रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी के बीच यह पहला मौका होगा जब दोनों देश औपचारिक रूप से द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कर रहे हैं। इससे पहले दोनों नौसेनाएं केवल मैरीटाइम पार्टनरशिप में एक्सरसाइज में हिस्सा लेती रही हैं...

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.11 mintue

📍नई दिल्ली | 7 Oct, 2025, 9:54 PM

India-South Korea Maritime Exercise: भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को मजबूती देते हुए भारतीय नौसेना और दक्षिण कोरिया की नौसेना इस महीने के अंत में पहली बार इंचियोन में एक ऐतिहासिक बाइलेटरल मैरीटाइम एक्सरसाइज करने जा रही हैं। यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किया जाएगा। खास बात यह होगी इसमें भारतीय नौसेना का अत्याधुनिक युद्धपोत आईएनएस सह्याद्री (INS Sahyadri) हिस्सा लेगा, जो फिलहाल नॉर्थ वेस्ट पैसिफिक रीजन और साउथ चाइना सी में ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट पर है।

INS Androth in Indian Navy: भारतीय नौसेना में शामिल हुआ दूसरा एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट, 14 और जहाज कमीशनिंग के लिए कतार में

India-South Korea Maritime Exercise से दोनों देशों की संबंध होंगे मजबूत

आईएनएस सह्याद्री इस समय मलेशिया में तैनात है, जहां वह भारत-मलेशिया नौसैनिक सहयोग को मजबूत बनाने, दोनों नौसेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने के मिशन पर है। मलेशिया उन पांच देशों में से एक है जिनका साउथ चाइना सी में चीन के साथ समुद्री क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है, इसलिए इस क्षेत्र में भारत की नौसैनिक उपस्थिति सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।

India-South Korea Maritime Exercise रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना और रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी के बीच यह पहला मौका होगा जब दोनों देश औपचारिक रूप से द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कर रहे हैं। इससे पहले दोनों नौसेनाएं केवल मैरीटाइम पार्टनरशिप में एक्सरसाइज में हिस्सा लेती रही हैं, लेकिन अब इस सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाया जा रहा है।

यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित होगा हार्बर फेज और सी फेज। हार्बर फेज में दोनों नौसेनाओं के बीच रणनीतिक बातचीत, पेशेवर इंटरैक्शन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और योजनाओं पर काम होगा। इसके बाद समुद्र में प्रैक्टिकल एक्सरसाइज की जाएंगी जिनमें सी बैटल स्ट्रेटेजी, मैन्युवर्स और जॉइंट ऑपरेशंस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि यह अभ्यास भारत और दक्षिण कोरिया के बीच लगातार मजबूत हो रहे नौसैनिक संबंधों को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें:  Differences on Theatre Commands: क्या थिएटर कमांड को लेकर सेनाओं में बढ़ रहे हैं मतभेद? CDS जनरल चौहान ने कैसे निकाला बीच का रास्ता?

आईएनएस सह्याद्री का यह अभियान केवल दक्षिण कोरिया तक सीमित नहीं रहेगा। नौसेना सूत्रों के अनुसार, आईएनएस सह्याद्री अगले महीने जापान और पापुआ न्यू गिनी की नौसेनाओं के साथ भी संयुक्त अभ्यास करेगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के मल्टीलेटरल सुरक्षा सहयोग को और व्यापक रूप देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध केवल रणनीतिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी गहरे हैं। दोनों देशों ने 2003 में पहला द्विपक्षीय रक्षा संवाद और 2005 में पहला विदेश नीति और सुरक्षा संवाद आयोजित किया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग लगातार बढ़ता गया है।

भारतीय नौसेना की ओर से यह भी पुष्टि की गई है कि दक्षिण कोरियाई नौसेना को फरवरी 2026 में भारत के पूर्वी तट पर आयोजित होने वाले इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यह आयोजन ग्लोबल नेवल फोर्सेस के लिए बड़ी एग्जीबिशन होता है, जिसमें भारत अपनी नौसैनिक क्षमता और रणनीतिक पहुंच को प्रदर्शित करता है।

India-South Korea Maritime Exercise है अहम दोनों देशों के लिए

आईएनएस सह्याद्री की भूमिका इस पूरे अभियान में बेहद अहम है। शिवालिक क्लास का यह स्वदेशी रूप से निर्मित मल्टी-रोल स्टेल्थ फ्रिगेट जुलाई 2012 में भारतीय नौसेना में शामिल की गया था। यह युद्धपोत अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है और इसे सतह तथा वायु दोनों से आने वाले खतरों का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइलें, मीडियम और शॉर्ट रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और विभिन्न कैलिबर की ताकतवर गनें लगी हैं। इसके अलावा इसमें दो मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर भी रखे जा सकते हैं, जिससे यह निगरानी, पनडुब्बी रोधी अभियानों और आपातकालीन स्थितियों में भी सक्षम है।

यह भी पढ़ें:  INS Tamal Commissioned: भारतीय नौसेना को मिला रूस में बना सबसे आधुनिक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, ब्रह्मोस और देसी हथियारों से है लैस

आईएनएस सह्याद्री की तैनाती नॉर्थ वेस्ट पैसिफिक रीजन और साउथ चाइना सी में भारत की बढ़ती रणनीतिक भूमिका को रेखांकित करती है। यह क्षेत्र एशिया-प्रशांत में व्यापार, ऊर्जा आपूर्ति और सामरिक हितों के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है। चीन के बढ़ते प्रभाव और आक्रामक रुख के बीच भारत की नौसेना की सक्रियता क्षेत्रीय स्थिरता और संतुलन के लिए अहम मानी जाती है।

वहीं, भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को केवल राजनीतिक और आर्थिक मंचों तक सीमित नहीं रख रहा, बल्कि इसे रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से लागू कर रहा है। दक्षिण कोरिया, जापान और पापुआ न्यू गिनी जैसे देशों के साथ लगातार सैन्य सहयोग बढ़ाकर भारत क्षेत्र में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली सुरक्षा साझेदार के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इंचियोन में होने वाला यह द्विपक्षीय अभ्यास दोनों नौसेनाओं को न केवल एक-दूसरे की परिचालन क्षमता को समझने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में जॉइंट ऑपरेशंस के लिए तालमेल भी विकसित करेगा।

India-South Korea Maritime Exercise भारतीय नौसेना ने पिछले कुछ वर्षों में अपने युद्धपोतों को रणनीतिक रूप से उन क्षेत्रों में तैनात करना शुरू किया है जो भारत के सामरिक हितों से सीधे जुड़े हैं। नॉर्थ वेस्ट पैसिफिक में आईएनएस सह्याद्री की मौजूदगी यही बताती है कि भारत न केवल सामरिक उपस्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि सहयोगी देशों के साथ उसके रिश्तों को भी नई दिशा दे रहा है।

Author

  • Harendra Chaudhary

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।📍 Location: New Delhi, in 🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

यह भी पढ़ें:  INS Nirdeshak Survey Vessel:भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ INS निर्देशक, भारत की जल सीमाओं की सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
हरेंद्र चौधरी
हरेंद्र चौधरी
हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवादों, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।📍 Location: New Delhi, in 🎯 Area of Expertise: Defence, Diplomacy, National Security

Most Popular

Share on WhatsApp