Pinaka MBRL: भारतीय सेना का बड़ा फैसला! पिनाका रॉकेट सिस्टम को देगी तरजीह, महंगी आयातित मिसाइलों से बनाएगी दूरी

Pinaka Rocket Systems: Indian Army to Get a Boost as CCS Approves Rs 10,000 Crore Indigenous Deal
File Photo
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US
Read Time 0.21 mintue

📍नई दिल्ली | 6 months ago

Pinaka MBRL: भारतीय सेना ने अपनी रणनीतिक ताकत को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। सेना ने महंगी सामरिक मिसाइलों (टैक्टिकल मिसाइल्स) की खरीद को फिलहाल रोककर स्वदेशी पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम को अपनाने का फैसला किया है। यह कदम भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने के साथ-साथ सेना की फायरपावर को मजबूती देने के लिए उठाया गया है।

Pinaka MBRL: Indian Army Prioritizes Indigenous Rocket System Over Expensive Imported Missiles!

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा विकसित पिनाका गाइडेड रॉकेट सिस्टम (Pinaka MBRL) को दुनिया के सबसे बेहतरीन सिस्टमों में से एक माना जाता है। इसकी खूबियों और प्रभावी क्षमताओं के कारण कई देश इसे अपने डिफेंस सिस्टम में शामिल करने की इच्छा जता रहे हैं।

भारतीय सेना ने एलान किया है कि पिनाका सिस्टम को इस साल के अंत तक तैनात किया जाएगा। इस कदम से सेना की तोपखाने (आर्टिलरी) की क्षमता में काफी सुधार होगा। पिनाका का एडवांस वर्जन न केवल अधिक दूरी तक हमला करने में सक्षम है, बल्कि इसकी सटीकता और घातकता भी इसे खास बनाती है।

सूत्रों के मुताबिक DRDO को पिनाका सीरीज (Pinaka MBRL) को एक्सपेंड करने और इसके दो नए संस्करण डेवलप करने को कहा गया है। भारतीय सेना ने दो लंबी रेंज के पिनाका MBRL की मंजूरी दी है। इन दोनों संस्करणों को एडवांस गाइडेंस सिस्टम से लैस किया जाएगा। ये संस्करण 120 किलोमीटर और 300 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम होंगे। पुणे स्थित डीआरडीओ की लैब, आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE), इन रॉकेटों को डिजाइन कर रही है। एक बार जब ये संस्करण तैयार हो जाएंगे, तो म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) इन्हें डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत निर्माण करेगी।

यह भी पढ़ें:  General Zorawar Singh: हिमालय के हीरो को भारतीय सेना ने किया याद, बताया- कैसे पहाड़ों में लड़ा युद्ध और सिखाया माउंटेन वॉरफेयर का पाठ
Pinaka MBRL: पिनाका रॉकेट सिस्टम हुआ और भी ताकतवर, पहले आर्मेनिया ने खरीदा, अब फ्रांस भी दिखा रहा रूचि

सूत्रों का कहना है कि 300 किलोमीटर की रेंज वाला संस्करण सेना के लिए विशेष रूप से उपयोगी साबित हो सकता है। इसका बड़ा आकार न केवल भारी पेलोड ले जाने में सक्षम होगा, बल्कि यह मौजूदा लॉन्च प्लेटफॉर्म्स के साथ भी पूरी तरह अनुकूल रहेगा। यह संस्करण दुश्मन के इलाके में गहराई तक हमला करने और उनके सैन्य ढांचे को नष्ट करने में मददगार साबित होगा।

Pinaka MBRL: पिनाका सिस्टम की खूबियां

  • गाइडेड पिनाका अब आधुनिक नेविगेशन, नियंत्रण और गाइडेंस तकनीकों से लैस है, जो इसे उच्च सटीकता प्रदान करती है।
  • पहले जहां पिनाका की रेंज 40 किलोमीटर तक सीमित थी, वहीं अब इसके एडवांस संस्करण 120 से 300 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं।
  • यह सिस्टम एक बार में कई रॉकेट दाग सकता है, जो इसे दुश्मन के ठिकानों को तेजी से नष्ट करने में सक्षम बनाता है।
  • पिनाका को DRDO के मार्गदर्शन में भारतीय रक्षा कंपनियों द्वारा निर्मित किया जा रहा है, जो भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।
  • आधुनिक युद्ध में सटीकता और कम नुकसान सुनिश्चित करना प्राथमिकता है, और पिनाका इस आवश्यकता को पूरा करता है।

पिनाका सिस्टम ने तीन अलग-अलग चरणों में ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पास किया है। इन ट्रायल्स में इसकी रेंज, सटीकता, और फायरिंग दर का गहन निरीक्षण किया गया। इन गाइडेड रॉकेट्स को धीरे-धीरे पुराने, अनगाइडेड वेरिएंट्स की जगह लेने के लिए तैयार किया जा रहा है।

पिनाका बनाम टेक्टिकल मिसाइलें

पिनाका की तुलना में सामरिक मिसाइलें काफी महंगी होती हैं। भारतीय सेना के अनुसार, पिनाका जैसे सस्ते और प्रभावी विकल्प न केवल लागत को कम करते हैं, बल्कि उनकी फायरिंग गति और व्यापक कवरेज के कारण सामरिक बढ़त भी देते हैं। भारतीय सेना के इस निर्णय से टैक्टिकल मिसाइलों पर निर्भरता कम होगी, जो महंगे और आयातित होते हैं। इसके बदले पिनाका जैसे स्वदेशी समाधान न केवल लागत प्रभावी होंगे, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को भी मजबूत करेंगे।

यह भी पढ़ें:  Galwan Clash: गलवान हिंसा में जख्मी PLA कमांडर को चीन ने दिया बड़ा सम्मान, क्या भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने की है बड़ी तैयारी?
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US