📍नई दिल्ली | 23 Oct, 2025, 8:07 AM
Nag ATGM: भारतीय सेना जल्द ही 2,408 नाग मार्क-2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें और 107 नामिका ट्रैक्ड व्हीकल्स की खरीद करने जा रही है। रक्षा मंत्रालय इस प्रस्ताव पर आज होने वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) की बैठक में मंजूरी दे सकता है।
नाग मार्क-2 मिसाइल का निर्माण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जबकि इसके विकास में डीआरडीओ की अहम भूमिका रही है। यह मिसाइल तीसरी पीढ़ी की ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर बेस्ड है, जो अपने टारगेट को लॉक कर स्वतः नष्ट करने में सक्षम है।
जनवरी 2025 में राजस्थान के पोखरण फील्ड रेंज में नाग मार्क-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। इन फील्ड इवैल्यूएशन ट्रायल्स के दौरान मिसाइल ने न्यूनतम और अधिकतम रेंज पर सभी लक्ष्यों को बेहद सटीकता से नष्ट किया। इस परीक्षण में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इन ट्रायल्स के बाद डीआरडीओ और उत्पादन एजेंसियों ने पूरे वेपन सिस्टम को सेना में शामिल करने के लिए तैयार कर दिया है। नामिका-2 वाहन (नाग मिसाइल कैरियर वर्जन 2) का भी ट्रायल किया गया था, जो नाग मिसाइलों के लॉन्च प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा।
भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल (इन्फैंट्री) लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने कहा कि कई स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया, “12 लॉन्चर्स और 104 जैवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें आपात खरीद प्रक्रिया के तहत पहले से ही पाइपलाइन में हैं। इसके अलावा डीआरडीओ का एमपी-एटीजीएम प्रोग्राम और ‘मेक-2’ प्रक्रिया में भी कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। हम चौथी पीढ़ी की एटीजीएम प्रणाली के लिए आरएफपी को अंतिम रूप दे रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार स्वदेशी हथियार प्रणालियों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं। नाग मार्क-2 मिसाइल इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जो न केवल भारत की टेक्नोलॉजिकल क्षमता को दर्शाती है बल्कि विदेशी हथियारों पर निर्भरता को कम करती है।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी बार-बार कहा है कि भविष्य के युद्धों में भारत को अपने दम पर तैयार रहना होगा और इसके लिए स्वदेशी हथियारों की भूमिका अहम है। नाग मार्क-2 और नामिका वाहन इसी दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।

