📍नई दिल्ली | 4 Nov, 2025, 7:56 PM
Indian Army Sports Conclave 2025: भारतीय सेना ने सोमवार को राजधानी दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आर्मी स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भारत के खेल इतिहास में एक अहम कदम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य मिशन ओलंपिक 2036 को आगे बढ़ाना है।
कार्यक्रम की शुरुआत में डायरेक्टर जनरल इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग लेफ्टिनेंट जनरल अजय रामदेव ने कहा कि यह कॉन्क्लेव “उद्देश्य और जुनून का संगम” है, जहां सेना के खिलाड़ी देश की खेल महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने मिशन ओलंपिक विंग और पैराअथलीट्स की सराहना की और वैज्ञानिक व डेटा-बेस्ड ट्रेनिंग पर जोर दिया।
कार्यक्रम में खेल मंत्रालय में सचिव हरि रंजन रावने कहा कि भारतीय सेना विश्वस्तरीय खिलाड़ियों को तैयार करने में लगातार योगदान दे रही है। उन्होंने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम, खेलो इंडिया और स्पोर्ट्स साइंस इंटीग्रेशन जैसी सरकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि देश को ओलंपिक 2036 के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम करना होगा और इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स में सामंजस्य बनाने की जरूरत है।
वहीं, कार्यक्रम में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (इंफॉर्मेशन सिस्टम्स एंड ट्रेनिंग) लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सेना और खेलों का रिश्ता फिटनेस, अनुशासन और टीमवर्क पर आधारित है। उन्होंने सेना की प्रमुख खेल पहलों पर प्रकाश डाला और कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार ट्रेनिंग ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने सेना, भारतीय खेल प्राधिकरण, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के बीच तालमेल का आग्रह करते हुए भारत के ओलंपिक मिशन 2036 के लिए सामूहिक संकल्प का आह्वान किया।
इस कॉन्क्लेव में दो मुख्य विषयों “इंस्टीट्यूशनल सिनर्जी” और “एथलीट 360” पर चर्चा की गई, जिनका उद्देश्य खिलाड़ियों के समग्र विकास और संस्थागत सहयोग को मजबूत करना था।

कार्यक्रम में तीन दिग्गज खिलाड़ियों को आर्मी स्पोर्ट्स लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इनमें कर्नल (से.नि.) बलबीर सिंह कुल्लर (ओलंपिक ब्रॉन्ज, हॉकी 1968), मुरलीकांत पेटकर (पैरालंपिक गोल्ड 1972) और ऑनरी कैप्टन विजय कुमार शर्मा (ओलंपिक सिल्वर, शूटिंग 2012) शामिल रहे।
सम्मान समारोह का आयोजन दक्षिण ब्लॉक में किया गया, जहां सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इन खिलाड़ियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि भारतीय सेना देश को ओलंपिक मिशन 2036 के लिए और मजबूत बनाएगी, ताकि भारत खेलों में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सके।
