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81MM Mortar Simulator: अब मोर्टार सिम्युलेटर पर ट्रेनिंग कर रही है भारतीय सेना, कम हुआ जान का जोखिम, सटीक निशाना लगाने में हो रही आसानी

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📍नई दिल्ली | 13 Nov, 2024, 2:36 PM

81MM Mortar Simulator: भारतीय सेना को जल्द ही और 81 एमएम मोर्टार सिम्युलेटर मिल सकते हैं, जिसका उद्देश्य सैनिकों की ट्रेनिंग को और अधिक प्रभावी बनाना है। इन सिमुलेटरों का उपयोग सेना के जवानों को वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में बिना जोखिम के मोर्टार संचालन की ट्रेनिंग देने के लिए किया जा रहा है। इन कंप्यूटर-सहायता प्राप्त सिमुलेटरों के परिणाम अब तक बहुत ही प्रभावशाली रहे हैं, जिससे जवानों की सटीकता और दक्षता में जबरदस्त सुधार हुआ है।

81mm Mortar Integrated Simulator: Indian Army Enhances Training with Mortar Simulators, Reduces Risk and Improves Accuracy

साथ ही, जिस कंपनी का लोगो इस मोर्टार सिमुलेटर पर नजर आ रहा है, वह जेन टेक्नोलॉजी का है, जो इस उपकरण की आपूर्ति कर रही है। Zen 81mm Mortar Integrated Simulator (MIS) को विशेष रूप से सैनिकों को 81 एमएम मोर्टार का संचालन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सिमुलेटर एक से अधिक मोर्टार पलटूनों के द्वारा लक्ष्यों पर गोलीबारी करने में मदद करता है, जिनमें 4/6 मोर्टार प्रति पलटून होते हैं। इसमें एक इन्स्ट्रक्टर स्टेशन, मोर्टार फायर कंट्रोलर स्टेशन और मोर्टार पोजीशन कंट्रोलर स्टेशन के साथ 4/6 ‘टू-स्केल’ मोर्टार शामिल होते हैं, जो सभी एक साथ एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर से जुड़े होते हैं।

यह सिमुलेटर अलग-अलग प्रकार की ज़मीन, गतिशील और स्थिर लक्ष्यों, विस्फोट, धुएं, रौशनी, आंधी जैसी पर्यावरणीय प्रभावों को 3D दृश्यों के माध्यम से दिखाता है। इससे सच्ची रेंज परिस्थितियों को वास्तविक रूप से महसूस किया जा सकता है। इसके अलावा, यह सिमुलेटर प्रशिक्षण समय, गोला-बारूद और लॉजिस्टिक्स पर होने वाले खर्च को काफी हद तक कम करता है, जिससे 100% प्रशिक्षण उद्देश्य हासिल किए जा सकते हैं।

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Zen 81mm MIS की प्रमुख विशेषताएँ:

  • पूरे वर्ष में, दिन/रात के समय में इनडोर प्रशिक्षण की सुविधा
  • मोर्टार फायर कंट्रोलर, मोर्टार पोजीशन कमांडर और मोर्टार डिटैचमेंट को प्रशिक्षित करता है
  • ‘टू-स्केल’ मोर्टार के साथ विभिन्न प्रकार के स्थिर और गतिशील लक्ष्य प्रदान करता है
  • सटीक गोलीबारी के लिए दृष्टि सुधार के लिए संशोधित बाइनोक्युलर की सुविधा
  • कई इकाइयों द्वारा लक्ष्य पर हमला करने की सुविधा
  • ज़मीन की विभिन्न प्रकार की मैप्स और पर्यावरणीय प्रभावों का चुनाव
  • रिकार्डिंग, पुनरावलोकन और सेशन को स्टोर करने की सुविधा
  • व्यक्तिगत प्रदर्शन का मूल्यांकन और विश्लेषण की क्षमता

81 एमएम मोर्टार सिमुलेटर को सेना द्वारा सैनिकों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए शामिल किया गया है, जिससे वे युद्ध की स्थितियों का सामना करते हुए अपनी स्किल्स को और भी निखार सकते हैं। यह सिमुलेटर सैनिकों को वास्तविक युद्ध के माहौल में मोर्टार का संचालन करने की कला सिखाता है, बिना किसी जोखिम के। इस सिमुलेटर के परिणामस्वरूप सेना को उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण के लिए अधिक कुशल सैनिक मिलेंगे, जो युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर सकेंगे।

प्रशिक्षण में इस तकनीक के उपयोग से अब तक बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आए हैं। यह सिमुलेटर सेना के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एक नया आयाम जोड़ते हुए जवानों को युद्ध की जटिल परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। सेना के अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की तकनीकी उन्नति से भारतीय सेना की युद्ध क्षमता में और अधिक सुधार होगा, और सैनिकों को उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त होगा। इस तकनीकी सुधार से भारतीय सेना की युद्ध क्षमता और भी मजबूत होगी, क्योंकि जवानों को अब अधिक सटीक और प्रभावी तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।वहीं, इस सुधार से न केवल सेना के जवानों का प्रशिक्षण प्रभावी होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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  • 81MM Mortar Simulator: अब मोर्टार सिम्युलेटर पर ट्रेनिंग कर रही है भारतीय सेना, कम हुआ जान का जोखिम, सटीक निशाना लगाने में हो रही आसानी

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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