📍नई दिल्ली | 11 Nov, 2025, 5:47 PM
Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का सबसे बड़ा कारण भारतीय सेना का मजबूत और प्रभावी नेटवर्क रहा। उन्होंने कहा कि अगर यह नेटवर्क इतना सटीक और भरोसेमंद न होता, तो वायुसेना इतनी दक्षता के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम नहीं दे पाती।
एयर मार्शल तिवारी मंगलवार को दिल्ली के सुब्रतो पार्क में आयोजित डिफेंस सेमिनार ‘सी4I2 एंड नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर इंडिया 2025’ में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम सेंटर फॉर एयरोस्पेस पावर एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (CAPSS) और इंडियन मिलिट्री रिव्यू ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था।
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में दिखा नेटवर्क का कमाल
एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपनी इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) की क्षमता का पूरा इस्तेमाल किया। इस सिस्टम ने देश के विभिन्न एयर डिफेंस सेंटरों को जोड़कर रियल टाइम में हालात की निगरानी की। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया कि जब हम सही नेटवर्क से जुड़े हों और हमारे पास सही उपकरण हों, तो हम किसी भी सैन्य अभियान को सटीकता और कुशलता से अंजाम दे सकते हैं।”
भारत ने 7 मई को इस ऑपरेशन की शुरुआत की थी, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित कई आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारत की मजबूत तैयारी और नेटवर्क आधारित ऑपरेशन ने उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। 10 मई की शाम दोनों देशों के बीच सीजफायर के बाद यह सैन्य अभियान खत्म हुआ।
मजबूत नेटवर्क ने दिलाई सफलता
एयर मार्शल तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि “अगर हमारे पास मजबूत नेटवर्क नहीं होता, तो यह ऑपरेशन इतना प्रभावी नहीं हो सकता था। हो सकता है कि हम सफल होते, लेकिन इतनी कुशलता और तेजी के साथ नहीं।” उन्होंने कहा कि बीते 20 सालों में भारत का मिलिट्री नेटवर्क बहुत एडवांस हुआ है, जिससे अब पूरे देश की एयर पिक्चर रियल टाइम में मॉनिटर की जा सकती है।
एआई और स्वदेशी तकनीक ने दिखाई ताकत
सेमिनार में चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने कहा कि Operation Sindoor ऑपरेशन सिंदूर भारत की डिफेंस हिस्ट्री का एक अहम मोड़ रहा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्वदेशी तकनीक ने बड़ी भूमिका निभाई।
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा, “स्वदेशी तकनीक ने हमें युद्ध के मैदान में स्वतंत्रता और रफ्तार दी। इसने दिखाया कि आत्मनिर्भर भारत की नीति अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि डिफेंस पावर की असली पहचान बन चुकी है।”
कार्यक्रम में रक्षा विशेषज्ञों ने कमान, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर, इंटेलिजेंस और इंटरऑपरेबिलिटी (सी4I2) सिस्टम के महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान ग्रुप कैप्टन डॉ. रजनीश कुमार की किताब “इंडियाज एयरोस्पेस पॉवर: द सेंट्रल एशियन डायनामिक्स” का विमोचन भी किया गया।
