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India Russia S-400 Deal: भारत-रूस के बीच 10,000 करोड़ रुपये के एस-400 सिस्टम सौदे को लेकर चल रही बातचीत, बुधवार को हो सकता है बड़ा फैसला

भारत एस-400 सिस्टम को देश के इंटीग्रेटिड एयर डिफेंस नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। वायुसेना चाहती है कि मिसाइलों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि ऑपरेशन सिंदूर जैसे हालात में लंबी दूरी से ही सटीक हमले किए जा सकें...

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📍नई दिल्ली | 21 Oct, 2025, 11:19 PM

India Russia S-400 Deal: भारत और रूस के बीच करीब 10,000 करोड़ रुपये की एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील को लेकर बातचीत चल रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम (सुदर्शन चक्र) ने पाकिस्तान के फाइटर जेट्स और एयरबेस को नुकसान पहुंचाया था। वहीं भारत अब बड़ी संख्या में एस-400 सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर विचार 23 अक्टूबर को होने वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की बैठक में किया जा सकता है।

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जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना रूस से बड़ी संख्या में नई मिसाइलें (India Russia S-400 Deal) खरीदने की योजना बना रही है। यह मिसाइलें उन एस-400 सिस्टम्स के लिए होंगी, जिन्होंने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर जमकर कहर बरपाया था। चार दिनों तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के एस-400 सिस्टम ने पाकिस्तान के 6 से 7 फाइटर जेट और एक अवॉक्स विमान को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया था। वायुसेना प्रमुख ने इसे “गेम-चेंजर ऑपरेशन” बताते हुए या था, एस-400 की जमकर तारीफ की थी।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत रूस के साथ इस पर भी बातचीत कर रहा है कि बाकी बचे एस-400 (India Russia S-400 Deal) के दो स्क्वाड्रन की सप्लाई कब और कैसे की जाएगी। भारत ने 2018 में रूस के साथ पांच एस-400 स्क्वाड्रनों की डील की थी, जिसमें से तीन स्क्वाड्रन पहले ही भारत को मिल चुके हैं और वे ऑपरेशनल हैं। चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी से पहले ही रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हो गया था, जिससे डिलीवरी में देरी हुई। वहीं, अब दोनों देशों के बीच इस पर बातचीत फिर शुरू हो गई है।

सूत्रों का कहना है कि भारत एस-400 सिस्टम (India Russia S-400 Deal) को देश के इंटीग्रेटिड एयर डिफेंस नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। वायुसेना चाहती है कि मिसाइलों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि ऑपरेशन सिंदूर जैसे हालात में लंबी दूरी से ही सटीक हमले किए जा सकें। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिसंबर 2025 में भारत दौरे के दौरान इस डील को लेकर उच्चस्तरीय चर्चा होने की उम्मीद है।

इसके अलावा, भारत और रूस के बीच एस-500 सिस्टम और एयर-टू-एयर मिसाइल्स को लेकर भी बातचीत चल रही है। रूस की ओर से यह भी पेशकश की गई है कि भारत चाहे तो बियोंड विजुअल रेंज मिसाइलें भी ले सकता है, जिससे भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक कैपेबिलिटी में और इजाफा होगा।

सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अपग्रेडेशन को लेकर भी चर्चाएं हुई हैं। भारत और रूस मिलकर अब इस मिसाइल के नए वेरिएंट्स पर काम कर रहे हैं, जिसकी रेंज न केवल ज्यादा होगी, बल्कि टारगेटिंग क्षमता भी जबरदस्त होगी।

रूस से मिले एस-400 सिस्टम (India Russia S-400 Deal) 300 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के फाइटर जेट, मिसाइल और ड्रोन को एक साथ ट्रैक और नष्ट कर सकता है। भारतीय वायुसेना ने इसे ऑपरेशनल तौर पर देश के उत्तर और पश्चिमी मोर्चों पर तैनात किया हुआ है, जहां से यह पाकिस्तान और चीन की किसी भी हवाई गतिविधि की निगरानी कर सकता है।

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने अगस्त 2025 में बेंगलुरु में एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर के दौरान एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम (India Russia S-400 Deal) को गेम चेंजर करार दिया था। उन्होंने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस सिस्टम ने पाकिस्तानी विमानों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। एस-400 ने 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स और 1 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल विमान को 300 किलोमीटर दूर से मार गिराया था, जो इतिहास का सबसे लंबा सरफेस-टू-एयर किल माना गया था।

वहीं, इस सिस्टम ने पाकिस्तानी लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बॉम्ब्स को भारतीय सीमा से दूर रखा और दुश्मन विमानों को 300 किमी के दायरे में घुसने नहीं दिया। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि एस-400 (India Russia S-400 Deal) ने “वंडरफुल जॉब” किया और यह दुनिया का सबसे सक्षम सिस्टम है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मिसाइलें और रडार शामिल हैं।

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