📍नई दिल्ली/गाजियाबाद | 8 Oct, 2025, 6:53 PM
IAF Day 2025: 93वें भारतीय वायुसेना दिवस के मौके पर इस बार वायुसेना की कई यूनिट्स को विशेष सैन्य सम्मान दिए गए। कुल 97 पुरस्कार और 6 यूनिट को इस साल साइटेशन प्रदान किए गए, जिनमें देश के एयर डिफेंस और स्ट्राइकिंग क्षमता से जुड़ीं कई प्रमुख स्क्वॉड्रन शामिल हैं। खास बात यह है कि इन सभी यूनिट्स ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अभूतपूर्व पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान को जबरदस्त चोट पहुंचाई थी।
IAF Day 2025: ऑपरेशन सिंदूर के लिए किया सम्मानित
कार्यक्रम में आईएएफ चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने गैलेंट्री अवॉर्ड्स और साइटेशंस (उल्लेखनीय सेवा के प्रमाण-पत्र) प्रदान किए। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना के 9 वीर चक्र पाने वाले अधिकारियों को स्ट्राइक, इंटरसेप्शन और एयर सुपीरियरिटी के लिए साइटेशन दिया गया। इनमें ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू, ग्रुप कैप्टन मनीष अरोड़ा, ग्रुप कैप्टन अनिमेष पटनी, ग्रुप कैप्टन कुणाल कलरा, विंग कमांडर जॉय चंद्रा, स्क्वाड्रन लीडर सरथक कुमार, स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह, स्क्वाड्रन लीडर रिजवान मलिक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर शामिल थे। इन अधिकारियों ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 सिस्टम, राफेल स्ट्राइक्स और 5 पाकिस्तानी जेट्स गिराने में अहम भूमिका निभाई थी।
वहीं इस दौरान वायुसेना प्रमुख ने कुल 97 मेडल्स और 6 यूनिट साइटेशन वायुवीरों को प्रदान किए। साइटेशन मुख्य रूप से ऑपरेशन सिंदूर में बहादुरी और सेवा के लिए दिए गए। जिन स्क्वॉड्रनों को यूनिट साइटेशन दिया गया है, उनमें एस-400 एयर डिफेंस यूनिट, राफेल स्क्वॉड्रन नंबर 17 ‘गोल्डन एरोज’, सुखोई स्क्वॉड्रन, ब्रह्मोस से लैस 222 ‘टाइगरशार्क्स’ स्क्वॉड्रन और लोइटरिंग म्यूनिशन यूनिट शामिल हैं।
IAF Day 2025: गोल्डन एरोज को यूनिट साइटेशन
हरियाणा के अंबाला में स्थित भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध नंबर 17 स्क्वॉड्रन, जिसे ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से जाना जाता है। इस स्क्वॉड्रन को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यूनिट साइटेशन प्रदान किया गया। ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी के नेतृत्व में इस स्क्वॉड्रन ने 9 आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों और पाकिस्तानी वायुसेना के 11 प्रमुख एयरबेस पर सटीक हवाई हमले किए थे। बता दें कि यह स्क्वॉड्रन भारत के सबसे एडवांस 4.5 जेनरेशन फाइटर जेट्स राफेल से लैस है।
राफेल लड़ाकू विमानों से लैस गोल्डन एरोज ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के भीतर तक जाकर स्ट्राइक की थी। यह स्क्वॉड्रन भारतीय वायुसेना की आधुनिक एयर पावर का प्रतीक मानी जाती है। वायुसेना प्रमुख की उपस्थिति में ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी को यूनिट साइटेशन प्रमाण पत्र और प्रशस्ति प्रदान किया गया।
222 ‘टाइगरशार्क्स’ स्क्वॉड्रन को ब्रह्मोस के लिए सम्मान
‘टाइगरशार्क्स’ के नाम से मशहूर नंबर 222 स्क्वॉड्रन को भी सम्मानित किया। यह भारतीय वायुसेना की एकमात्र स्क्वॉड्रन है जो ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लैस है। इस स्क्वॉड्रन को भी इस वर्ष यूनिट साइटेशन प्रदान किया गया। यह स्क्वॉड्रन सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों से ब्रह्मोस मिसाइलें लॉन्च करने में सक्षम है।
222 स्क्वॉड्रन की कमान ग्रुप कैप्टन वरुण भोज के पास है और वारंट ऑफिसर धीरज कुमार सहित यूनिट के अन्य अधिकारियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इन स्क्वॉड्रन ने भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक रेंज को कई गुना बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
S-400 की स्क्वॉड्रन 2601 एयर डिफेंस यूनिट को भी मिला साइटेशन
भारतीय वायु सेना प्रमुख एसीएम एपी सिंह ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की स्क्वाड्रन संख्या 2601 ‘ट्रायंफ’ को भी यूनिट प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस यूनिट ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय के हवाई क्षेत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई थी। एस-400 सिस्टम 400 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के फाइटर जेट, मिसाइल और ड्रोन को इंटरसेप्ट कर सकता है।
अगस्त में आर्मी वॉर कॉलेज, महू में रण संवाद के दौरान, एसीएम एपी सिंह ने एस-400 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम की तारीफ की थी और इसे “गेम-चेंजर” कहा। उन्होंने कहा कि एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने दुश्मन को अपनी सीमा के अंदर भी काम करने की आजादी नहीं दी।
वायुसेना की लोइटरिंग म्यूनिशन यूनिट 2232 केस्ट्रेल्स को भी इस वर्ष यूनिट साइटेशन प्रदान किया गया। यह यूनिट आधुनिक युद्ध में निगरानी और सटीक हमलों में अहम भूमिका निभा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस यूनिट ने रियल टाइम में दुश्मन की गतिविधियों पर निगरानी रखते हुए भारतीय स्क्वॉड्रनों को अचूक टारगेटिंग में मदद की थी।
एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का ‘ध्वज’ फॉर्मेशन
बुधवार को उत्तर प्रदेश के हिंडन एयर बेस (गाजियाबाद) पर आयोजित कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के अलावा सीडीएस जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद थे। हालांकि इस बार फ्लाइपास्ट तो नहीं हुआ, लेकिन परेड का आयोजन किया गया था। सुबह 9 बजे से समारोह शुरू हुआ। परेड की शुरुआत प्रेसिडेंट्स कलर्स के मार्च-इन से हुई। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने परेड का निरीक्षण किया और गार्ड ऑफ ऑनर को सलामी दी। परेड में आईएएफ के मार्चिंग कंटिंजेंट्स शामिल थे। इसके बाद एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने ‘ध्वज’ फॉर्मेशन में उड़ान भरकर हवाई सलामी दी।
इस वायुसेना दिवस (IAF Day 2025) समारोह में हेरिटेज फ्लाइट का शानदार हवाई प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहा। इस प्रदर्शन में ऐतिहासिक ‘टाइगर मॉथ’ और ‘एचटी-2’ विमानों ने संयुक्त रूप से उड़ान भरी, जिसके बाद पुराने ‘हार्वर्ड’ विमान ने सोलो डिस्प्ले पेश किया। पारंपरिक फ्लाईपास्ट और एयर डिस्प्ले का आयोजन 9 नवंबर 2025 को गुवाहाटी में किया जाएगा।
वहीं, स्टैटिक डिस्प्ले में आधुनिक विमानों और उपकरणों को प्रदर्शित किया गया। इनमें सी-17 ग्लोबमास्टर, सुखोई-30 एमकेआई, अपाचे, मिग-29, मिग-21 बाइसन, राफेल, एचएलएच मार्क-3, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, आकाश मिसाइल सिस्टम और रोहिणी रडार शामिल थे।




