📍गुवाहटी | 10 Nov, 2025, 11:42 AM
Guwahati Air display: रविवार को गुवाहटी की सड़कें एयर फोर्स के पोस्टरों से पटी पड़ी थीं। शहर में अलग ही उत्साह नजर आ रहा था। सभी को राफेल की गूंज सुनने का इंजतार था। आखिर पूर्वोत्तर के इस शहर में पहली बार वायुसेना अपने एयरक्राफ्ट का डिस्प्ले जो करने वाली थी। 10 तक तक हम लचित घाट पहुंच गए, जो ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है। लोग सुबह से ही लचित घाट के पुल पर इस एयर शो को देखने के लिए पहुंच चुके थे। हर कोई आतुर था कि कब उन्हें सुखोई-30, तेजस, राफेल के हवाई करतब देखने को मिलेंगे। ब्रहमपुत्र नदी के किनारे एयर शो करने का इरादा केवल जनता की भीड़ जुटाना नहीं था, बल्कि दो पड़ोसी देशों के लिए भी एक साफ संदेश था, कि पूर्वोत्तर में अगर कोई एंडवेंचर करने की सोची भी तो भारतीय वायुसेना मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
Guwahati Air display: खचाखच भरा था लचित घाट
93वें वायुसेना दिवस समारोह के तहत हुए इस डिस्प्ले शो ने पूर्वोत्तर के आसमान को देशभक्ति और रोमांच से भर दिया। साढ़े 12 बजे एयर शो शुरू हुआ। भीड़ के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लचित घाट खचाखच भरा हुआ था और जो लोग अंदर एंट्री नहीं ले पाए, वे आसपास के मकानों की छत पर खड़े हो कर इस एयर शो के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। हजारों की संख्या में लोग भारतीय वायुसेना की ताकत, अनुशासन और तकनीकी क्षमता को करीब से देखने के लिए बेताब थे।
Guwahati Air display: ध्वज फॉर्मेशन से हुई शुरुआत
सुबह से ही लोग गुवाहाटी के लचित घाट और ब्रह्मपुत्र नदी के किनारों पर जमा होने लगे थे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा था। शुरुआत तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की ध्वज निर्माण (ध्वज फॉर्मेशन) उड़ान से हुई। इसके बाद स्वदेशी तेजस फाइटर जेट ने “लाचित” कॉल साइन के साथ उड़ान भरी।
जैसे ही वायुसेना के विमानों ने उड़ान भरी, आसमान इंजन की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। हर बार जब कोई विमान करतब दिखाता, पूरा इलाका तालियों और जयकारों से भर उठता।
Power and precision over the skies of Guwahati! 🇮🇳🔥
At Lachit Ghat, on the banks of the mighty Brahmaputra River, the Indian Air Force showcased a spectacular flypast – featuring the Su-30MKI armed with #BrahMos, the Rafale with #SCALP, and other iconic aircraft that define… pic.twitter.com/s0l0tb4ef4— Raksha Samachar | रक्षा समाचार 🇮🇳 (@RakshaSamachar) November 9, 2025
Guwahati Air display: 25 से ज्यादा फॉर्मेशन
यह पहली बार था जब पूर्वोत्तर भारत में इतने बड़े पैमाने पर भारतीय वायुसेना ने सार्वजनिक तौर पर अपने लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन किया। इस आयोजन में सुखोई-30 एमकेआई, राफेल, तेजस, सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-130 हरक्यूलिस, अपाचे हेलीकॉप्टर और सारंग टीम के हेलीकॉप्टर शामिल हुए। इस एयर शो में 25 से ज्यादा फॉर्मेशन हुईं।
ब्रह्मपुत्र के किनारे ब्रह्मोस
इस फ्लाईपास्ट का मुख्य आकर्षण रहा सुखोई-30 एमकेआई की उड़ान, जिसमें उसने ब्रहमपुत्र के घाट पर ब्रह्मोस मिसाइल के साथ उड़ान भरी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार सुखोई-30 सार्वजनिक तौर पर ब्रह्मोस से लैस नजर आया। यह वही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के सैन्य और आतंकी ठिकानों का तबाह कर दिया था। पहली बार इसे किसी सार्वजनिक फ्लाइंग डिस्प्ले में दिखाया गया।
स्कैल्प मिसाइल के साथ दिखा राफेल
इसके साथ ही इसके साथ ही राफेल विमान ने स्कैल्प मिसाइल के साथ शानदार उड़ान भरी। यह लंबी दूरी की और बेहद सटीक वार करने वाली मिसाइल है। स्कैल्प मिसाइल को स्टॉर्म शैडो भी कहा जाता है। ऑपरेशन सिंदूर में राफेल लड़ाकू विमानों ने इस मिसाइल से पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर बेहद सटीक हमले किए और 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। यह फ्रांस से खरीदी लंबी दूरी की स्टेल्थ क्रूज मिसाइल है, जो कम ऊंचाई पर उड़कर रडार से बचती है और डीप स्ट्राइक मिशन, किलेबंद बंकरों, कमांड सेंटरों को भेदने में सक्षम है।
Guwahati Air display दोनों फाइटर जेट्स की कोआर्डिनेटेड फ्लाइट ने संदेश दिया कि भारतीय वायुसेना आधुनिक तकनीक, आत्मनिर्भरता और समन्वय के क्षेत्र में विश्वस्तरीय स्तर पर पहुंच चुकी है।
पहली बराक फॉर्मेशन
वहीं कार्यक्रम में बराक फॉर्मेशन देख कर लोग खुशी से ताली बजाने लगे। बराक फॉर्मेशन भारतीय वायुसेना की एक विशेष एरियल फॉर्मेशन है, जो पहली बार गुवाहाटी के लाचित घाट पर ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर आयोजित 93वें वायुसेना दिवस के भव्य फ्लाइंग डिस्प्ले में शोकेस की गई। बराक को संस्कृत में बिजली या तेज रफ्तार बी कहा जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार इस फॉर्मेशन में सुखोई-30, राफेल, मिराज-2000 और स्वदेशी तेजस ने हिस्सा लिया। ये सभी विमान ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल हुए थे, जहां भारतीय वायुसेना ने ने दुश्मन के 12 एयरबेस को निशाना बनाया। यह फॉर्मेशन इनकी एकजुट ताकत को दर्शाती है। जो विमानों की रफ्तार, ताकत और आकस्मिक हमले की क्षमता का प्रतीक है और यह पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक धरोहर से भी जुड़ा है।
महान योद्धा लचित बरफुकन को श्रद्धांजलि
हर फॉर्मेशन का नाम असम और पूर्वोत्तर की संस्कृति से जोड़ा गया था, जैसे होलोंग, काजीरंगा, कंचनजंगा, हाथी और बराक। वायुसेना की टीमों ने लचित, मानस, जैसी फॉर्मेशन में उड़ान भरी। इनमें से लचित फॉर्मेशन एलसीए तेजस विमान ने बनाई थी, जो असम के महान योद्धा लचित बरफुकन को श्रद्धांजलि थी। वहीं अपाचे हेलीकॉप्टरों ने राइनो कॉलसाइन के साथ उड़ान भरी, जो असम के गैंडे की शक्ति का प्रतीक था।
डिस्प्ले के आखिर में सुर्यकिरण एरोबैटिक टीम और सारंग हेलीकॉप्टर टीम ने उड़ान और करतब दिखाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। गुवाहाटी, तेजपुर, हासीमारा और बागडोगरा सहित सात एयरबेसों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।
वायुसेना प्रमुख ने बोला थैंक्स
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र वायुसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां इस तरह का आयोजन करना लंबे समय से उनकी योजना का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि “हम पिछले दो-तीन सालों से पूर्वोत्तर में फ्लाइंग डिस्प्ले आयोजित करने की तैयारी कर रहे थे। इस बार हमने मौसम को ध्यान में रखते हुए नवंबर का समय चुना ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से हो सके।”
एयर चीफ ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर अब देश का दूरस्थ इलाका नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक शक्ति का अहम केंद्र है। उन्होंने आगे कहा, “यह देखकर दिल खुश हो गया कि गुवाहाटी और आसपास के इलाकों से लाखों लोग पहुंचे। मैं उम्मीद करता हूं कि यहां के युवा बड़ी संख्या में वायुसेना और एविएशन सेक्टर से जुड़ेंगे और देश की सेवा करेंगे।”
भारत हर मोर्चे पर तैयार- हिमंता बिस्वा सरमा
वहीं, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि यह फ्लाइंग डिस्प्ले न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा, “चिकन नेक कॉरिडोर के पास इस तरह का एयर शो दुश्मनों के लिए स्पष्ट संदेश है कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है।” उन्होंने जनता का उत्साह देखकर कहा कि “गुवाहाटी ने जिस तरह वायुसेना के साथ एकजुटता दिखाई है, वह असम के गौरव और देशभक्ति की मिसाल है।”
पूर्वोत्तर से जुड़ाव और सुरक्षा पर फोकस
इस कार्यक्रम के आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले ईस्टर्न एयर कमांड के एयर मार्शल सुरत सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्वोत्तर के लोगों से जुड़ाव बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में आठ एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पूरी तरह ऑपरेशनल हैं और वायुसेना नियमित रूप से यहां अभ्यास करती है।
उन्होंने कहा, “पूर्वी सीमा क्षेत्र में हमारी तैयारी पूरी है। चाहे दिन हो या रात, हमारे फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर मिशन लगातार चलते रहते हैं। हाल ही में हमने सेना के साथ मिलकर बड़ी सफलता से संयुक्त अभ्यास भी किया है।”
युवाओं में दिखा खास जोश
फ्लाइंग डिस्प्ले के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कीं। कई लोगों ने लिखा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार वायुसेना का ऐसा शानदार प्रदर्शन देखा। युवाओं में खास जोश देखा गया और कई ने भारतीय वायुसेना में करियर बनाने की इच्छा जाहिर की।
यह दिन गुवाहाटी और पूरे उत्तर-पूर्व के लिए यादगार बन गया। भारतीय वायुसेना का यह फ्लाइंग डिस्प्ले सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह भारत की ताकत, आत्मनिर्भरता और एकता का प्रतीक बन गया। ब्रह्मपुत्र के किनारे आसमान में फाइटर जेट के इंजनों की गड़गड़ाहट ने साबित किया कि भारतीय वायुसेना हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए तैयार है।

