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China Stealth Drone: भारत की सीमा से 145 किमी दूर चीन की बड़ी तैयारी, जे-20 फाइटर जेट के साथ तैनात किया ये खास स्टील्थ ड्रोन

एमयूएमटी मॉडल में ड्रोन और फाइटर जेट एक साथ मिशन पर उड़ते हैं। ड्रोन पहले दुश्मन के इलाके में जाकर इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस यानी जासूसी और निगरानी करते हैं, जबकि फाइटर जेट बाद में हमला करते हैं...

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📍नई दिल्ली | 15 Oct, 2025, 4:33 PM

China Stealth Drone: भारत के लिए एक नई चुनौती खड़ी करते हुए चीन ने एलएसी से सटे तिब्बत के शिगात्से एयरबेस पर अपने अत्याधुनिक स्टील्थ कॉम्बैट ड्रोन जीजे-11 शार्प स्वॉर्ड को तैनात किया है। यह वही एयरबेस है जो भारत के सिक्किम राज्य से लगभग 90 मील यानी 145 किमी की दूरी पर स्थित है। यह इलाका लंबे समय से भारत-चीन के बीच तनाव का केंद्र रहा है।

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जे-20 के साथ मिशन पर रहेगा जीजे-11 स्टील्थ ड्रोन

चीन का यह स्टील्थ ड्रोन जीजे-11 शार्प स्वॉर्ड अब वहां पहले से तैनात जे-20 फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट्स के साथ काम करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन इन दोनों को एक साथ मैन्ड-अनमैन्ड टीमिंग (एमयूएमटी) मॉडल पर ऑपरेट करने की तैयारी में है।

इस मॉडल में ड्रोन और फाइटर जेट एक साथ मिशन पर उड़ते हैं। ड्रोन पहले दुश्मन के इलाके में जाकर इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस यानी जासूसी और निगरानी करते हैं, जबकि फाइटर जेट बाद में हमला करते हैं।

जीजे-11 की खासियत यह है कि यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, कम्युनिकेशन जैमिंग, और एयर-टू-सरफेस तथा एयर-टू-एयर स्ट्राइक जैसे मिशन भी कर सकता है।

China deploys GJ-11 Sharp Sword drone near Sikkim
GJ-11 Sharp Sword at the Shigatse Air Base. (Planet Labs)

सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा – China Stealth Drone

प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण में अगस्त और सितंबर 2025 के बीच शिगात्से एयरबेस पर तीन जीजे-11 ड्रोन तैनात देखे गए हैं। यह वही एयरबेस है जहां पहले से चीन के जे-20 फाइटर जेट्स, जे-10सी, डब्ल्यूजेड-7 सोअरिंग ड्रैगन रिकॉनिसेंस ड्रोन, और अन्य एडवांस सिस्टम भी मौजूद हैं।

इन नई तस्वीरों से यह स्पष्ट है कि चीन अपनी हवाई क्षमताओं को भारत के पूर्वी मोर्चे पर लगातार बढ़ा रहा है।

शिगात्से एयरबेस तिब्बत के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और यह भारत के सिक्किम राज्य की सीमा से मात्र 145 किलोमीटर (लगभग 90 मील) दूर है। यह वही इलाका है जहां 1967 में नाथू ला और चो ला में भारत और चीन के बीच भीषण झड़पें हुई थीं।

1967 की नाथू ला झड़प में लगभग 65 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 200 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।
इसके बाद भी 2017 में इसी क्षेत्र के पास डोकलाम में 70 दिनों तक दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध चला था।

भारत के लिए यह क्षेत्र बेहद रणनीतिक है क्योंकि यहीं से सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक क्षेत्र देखा जा सकता है, जो उत्तर-पूर्व भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है।

China deploys GJ-11 Sharp Sword drone near Sikkim
China GJ-11 Sharp Sword drone

जीजे-11 स्टील्थ ड्रोन की खूबियां

जीजे-11 स्टील्थ ड्रोन चीन का सबसे आधुनिक अनमैनड कॉम्बैट एरियल व्हीकल (यूसीएवी) है। यह पूरी तरह से फ्लाइंग-विंग डिजाइन पर आधारित है, यानी इसमें कोई पारंपरिक टेल या अलग फ्यूजलाज नहीं होता, जिससे यह रडार पर लगभग दिखाई नहीं देता। इसका रडार क्रॉस सेक्शन 0.05 वर्ग मीटर से भी कम बताया गया है, यानी यह बहुत कम रडार सिग्नल वापस भेजता है। यह ड्रोन लगभग सबसोनिक स्पीड पर उड़ता है और इसमें इंटरनल वेपन बे है, जिसमें यह बम और मिसाइलें रखता है।

2019 में चीन के नेशनल डे परेड में इसे पहली बार आधिकारिक रूप से दिखाया गया था। बाद में 2021 के एयर शो में इसके ओपन वेपन बे की तस्वीरें सामने आईं, जिनमें चार प्रिसिजन गाइडेड ग्लाइड बम देखे गए थे।

चीनी रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह ड्रोन डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक के लिए डिजाइन किया गया है, यानी यह दुश्मन के इलाके में अंदर तक जाकर हमला कर सकता है।

भारत के सामने नई चुनौती

शिगात्से एयरबेस दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे लंबे रनवे वाले एयरबेस में से एक है। यहां की मुख्य रनवे की लंबाई लगभग 5,000 मीटर (16,400 फीट) है, जिससे बड़े विमान और स्टील्थ जेट आसानी से उड़ान भर सकते हैं। 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान चीन ने यहां एक नई 3,000 मीटर की रनवे और सात बड़े पार्किंग बे बनाए थे। तब से यहां लगातार नए हैंगर और सर्विलांस सिस्टम जोड़े जा रहे हैं।

मई 2024 की सैटेलाइट तस्वीरों में यहां छह जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट्स को भी देखा गया था। अब जीजे-11 की तैनाती से साफ है कि चीन इस एयरबेस को अपनी “फ्रंटलाइन एयर डिफेंस एंड अटैक जोन” में बदल रहा है।

राफेल, सुखोई और एस-400 तैनात

भारत ने भी इस पूरे क्षेत्र में अपनी रक्षा तैयारियां मजबूत की हैं। पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस में भारतीय वायुसेना के राफेल फाइटर जेट्स की दूसरी स्क्वाड्रन तैनात है। ये विमान पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में हवाई निगरानी और रक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं।

इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई को भी एलएसी के पास विभिन्न बेसों पर तैनात किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने सिक्किम सेक्टर में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की एक स्क्वाड्रन भी तैनात की है। वहीं, चीन के जीजे-11 ड्रोन की तैनाती को कई विशेषज्ञ भारत के एस-400 की तैनाती के जवाब के रूप में देख रहे हैं।

जीजे-11 का नेवल वर्जन भी तैयार

चीन का यह स्टील्थ ड्रोन केवल जमीनी बेस से ही नहीं बल्कि एयरक्राफ्ट कैरियर से भी उड़ान भरने में सक्षम है। 2023 में वुहान में बने चीन के लैंड-बेस्ड कैरियर मॉकअप पर जीजे-11 के नेवल वर्जन को जे-15 और जे-35 फाइटर जेट्स के साथ देखा गया था।

यह तस्वीरें चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो और रक्षा विश्लेषक आंद्रियास रुप्रेक्ट ने साझा की थीं, जो बताती हैं कि चीन इसे अपने भविष्य के कैरियर ऑपरेशंस में भी शामिल करने की योजना बना रहा है।

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