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चीन पाकिस्तान को दे रहा सस्ते J-35A Fighter Jets, इस इनाम के पीछे क्या है ड्रैगन की चाल!

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चीन ने पाकिस्तान को जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट्स की पहली खेप अगस्त 2025 तक देने का वादा किया है। इस खेप में 30 जेट्स शामिल होंगे, जो जल्दी डिलीवर किए जाएंगे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ इन दिनों चीन की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने चीनी सैन्य और राजनीतिक अधिकारियों के साथ इस सौदे को अंतिम रूप दिया है...
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📍नई दिल्ली | 21 May, 2025, 9:33 PM

J-35A Fighter Jets: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव के बाद चीन भी अपनी घटिया राजनीति करने में जुट गया है। यह पता होने के बावदूज कि पाकिस्तान आतंकी देश है, बावजूद इसके चीन पाकिस्तान के अपने एडवांस पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स, जे-35ए, की डिलीवरी दे रहा है। इसके साथ ही, चीन ने इन जेट्स पर 50% की भारी छूट देने का ऐलान किया है। चीन के इस कदम को भारत-पाकिस्तान के हालिया सैन्य टकराव के बाद पाकिस्तान को “इनाम” के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, चीन का यह कदम दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन प्रभावित कर सकता है। उधर, भारत ने भी अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत करने के लिए सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स के लिए नया ‘विरुपाक्ष’ एईएसए रडार पेश किया है, जिसे हाल ही में एयरो इंडिया 2025 में प्रदर्शित किया गया था।

J-35A Fighter Jets: एक जेट की कीमत लगभग 600 करोड़ रुपये

सूत्रों के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट्स (J-35A Fighter Jets) की पहली खेप अगस्त 2025 तक देने का वादा किया है। इस खेप में 30 जेट्स शामिल होंगे, जो जल्दी डिलीवर किए जाएंगे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ इन दिनों चीन की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने चीनी सैन्य और राजनीतिक अधिकारियों के साथ इस सौदे को अंतिम रूप दिया है।

चीन का यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य टकराव के बाद देखा जा रहा है। कूटनीतिक सूत्रों ने इसे पाकिस्तान के लिए ‘इनाम’ करार दिया है। जे-35ए जेट्स की लागत सामान्य तौर पर 70 मिलियन डॉलर (लगभग 600 करोड़ रुपये) प्रति जेट है। 30 जेट्स (J-35A Fighter Jets) की कुल लागत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर (18,000 करोड़ रुपये) होने का अनुमान था। लेकिन 50% छूट के बाद यह लागत घटकर 1 बिलियन डॉलर (9,000 करोड़ रुपये) रह गई है। इसके अलावा, चीन ने भुगतान की शर्तों को भी आसान किया है।

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पाकिस्तानी पायलट पहुंचे चीन

पाकिस्तानी पायलट पहले से ही चीन में इन जेट्स (J-35A Fighter Jets) को उड़ाने के लिए एडवांस ट्रेनिंग ले रहे हैं। जे-35ए पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जो रडार से बचने, लंबी दूरी तक मार करने, और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक विपंस सिस्टम से लैस है। वहीं अगर यह जेट पाकिस्तान के हाथों में पड़ता है, तो इससे रीजनल एय़र पावर बैलेंस बदल सकता है। ये भारत के 4.5 जनरेशन राफेल और सुखोई-30 एमकेआई जैसे फाइटर जेट्स से भी एडवांस है।

सुखोई में विरुपाक्ष रडार लगाने की तैयारी

इधर, भारत भी अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने में जुटा है। बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2025 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने नए एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार ‘विरुपाक्ष’ को पहली बार प्रदर्शित किया था। यह रडार भारतीय वायुसेना के सु-30 एमकेआई फाइटर जेट्स के लिए डेवलप किया जा रहा है और इसे मौजूदा पैसिव रडार के मुकाबले ज्यादा एडवांस है।

डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने बताया कि विरुपाक्ष रडार अगले कुछ सालों में लाइव टेस्टिंग के लिए तैयार हो जाएगा। यह रडार गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) तकनीक पर आधारित है, जिसमें लगभग 2400 रेडिएटिंग एलिमेंट्स का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक रडार को ज्यादा पावरफुल, छोटा और हीट रजिस्टेंट बनाती है। यह रडार न केवल सुखोई-30 एमकेआई के लिए बल्कि भारत के पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

डीआरडीओ के वैज्ञानिक का कहना है कि रडार का सॉफ्टवेयर तैयार है, और हार्डवेयर के कुछ हिस्सों को स्थापित करने के बाद जमीनी परीक्षण शुरू होंगे। यह रडार भारत के 7.2 बिलियन डॉलर के सुखोई-30 एमकेआई मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इन विमानों की लाइफ साइकिल को 25 साल तक बढ़ाना है।

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दक्षिण एशियाई भू-राजनीति और डिफेंस स्ट्रेटेजिस्ट एक्सपर्ट प्रियांशु शर्मा का कहना है, “चीन का जे-35ए जेट्स (J-35A Fighter Jets) को सस्ते दामों में और जल्दी डिलीवरी का फैसला भारत के बढ़ते सैन्य प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति का हिस्सा है। यह कदम क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है, लेकिन भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी, जैसे विरुपाक्ष रडार और एएमसीए, इसे लंबी अवधि में आत्मनिर्भर और मजबूत बनाएगी।”

चीन-पाकिस्तान का यह रक्षा सौदा भारत के लिए चिंता का विषय है, खासकर तब जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पहले से ही तनावपूर्ण हैं। जे-35ए जेट्स (J-35A Fighter Jets) की तैनाती से पाकिस्तान की वायुसेना को नई ताकत मिलेगी, जो भारत के लिए एक चुनौती हो सकती है। हालांकि, भारत का ध्यान स्वदेशी तकनीकों पर फोकस है। डीआरडीओ के उत्तम रडार और अब विरुपाक्ष रडार जैसी उपलब्धियां बताती हैं कि भारत तकनीकी क्षेत्र में महारत हासिल कर रहा है।

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पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां

चीन की ओर से दी गई छूट (J-35A Fighter Jets) के बावजूद, पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन डॉलर का भुगतान करना आसान नहीं होगा। देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबी है, और यह सवाल उठ रहा है कि पाकिस्तान इस राशि का भुगतान कैसे करेगा। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चीन इस सौदे के बदले पाकिस्तान से रणनीतिक सुविधाएं या व्यापारिक रियायतें मांग सकता है।

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