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Explainer: भारतीय सेनाओं को क्यों चाहिए ब्रिटेन की Martlet LLM मिसाइलें? भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को कैसे मिलेगा बूस्ट?

थेल्स एयर डिफेंस द्वारा विकसित मार्टलेट मिसाइल को लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (एलएलएम) (Martlet LLM) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मल्टीरोल मिसाइल है जो हवा और जमीन दोनों प्लेटफॉर्म से दागी जा सकती है...

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📍नई दिल्ली | 13 Oct, 2025, 1:15 PM

Martlet LLM: हाल ही में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच 468 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 3,900 करोड़ रुपये) की एक बड़ी डिफेंस डील हुई है, जिसके तहत भारतीय सेना को ब्रिटेन में बनी थेल्स कंपनी की मार्टलेट मल्टीरोल मिसाइलें मिलेंगी। यह समझौता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद हुआ।

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ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह कॉन्ट्रैक्ट बेलफास्ट स्थित थेल्स एयर डिफेंस द्वारा बनाई जा रही लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (एलएलएम) (Martlet LLM) की सप्लाई के लिए है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हीली ने इस समझौते को भारत और ब्रिटेन के रक्षा उद्योगों के बीच गहरे सहयोग का प्रतीक बताया है। उन्होंने बताया कि इससे न केवल भारत की रक्षा क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि उत्तरी आयरलैंड में करीब 700 नौकरियां भी पैदा होंगी। ब्रिटिश सरकार के अनुसार, भारत को भेजी जाने वाली मिसाइलें वही हैं, जो वर्तमान में यूक्रेन के लिए बनाई जा रही हैं।

Martlet LLM-missile
Martlet LLM Missile positioned on Humvee

Martlet LLM: क्या है थेल्स मार्टलेट मिसाइल?

थेल्स एयर डिफेंस द्वारा विकसित मार्टलेट मिसाइल को लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (एलएलएम) (Martlet LLM) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मल्टीरोल मिसाइल है जो हवा और जमीन दोनों प्लेटफॉर्म से दागी जा सकती है।

इस मिसाइल का वजन केवल 13 किलोग्राम है, लेकिन यह ध्वनि की गति से 1.5 गुना अधिक रफ्तार से उड़ान भर सकती है। इसकी मारक क्षमता 6 किलोमीटर तक है, यानी यह नजदीक के एयर डिफेंस अटैक (शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस) में बेहद प्रभावी साबित होती है।

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यह मिसाइल पहले ब्रिटिश रॉयल नेवी के लिए बनाई गई थी, ताकि उनकी फ्यूचर एयर-टू-सरफेस गाइडेड वेपन (लाइट) की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसका “मार्टलेट” नाम एक पौराणिक पक्षी के नाम पर रखा गया है, जो कभी रुकता नहीं।

Martlet LLM-missile
Ukraine Army using British LMM Martlet type laser-guided man-portable air-defense missiles (warhead mass 3kg) with an 8km range

Martlet LLM: कहां-कहां इस्तेमाल होती है मार्टलेट मिसाइल

मार्टलेट मिसाइल का इस्तेमाल ब्रिटेन की सेना और नौसेना दोनों कर रही हैं। इसे वाइल्डकैट हेलिकॉप्टर से दागा जा सकता है और यह समुद्री सतह पर छोटे वॉरशिप्स या ड्रोन जैसे टारगेट्स को निशाना बना सकती है।

2021 में रॉयल नेवी ने इसे बंगाल की खाड़ी में एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने एख एक्सरसाइज के दौरान सफलतापूर्वक टेस्ट किया था। इसके बाद यह यूक्रेन युद्ध में भी तैनात की गई, जहां इसने रूसी ड्रोन और मिसाइलों को निशाना बनाया।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह मिसाइल (Martlet LLM) सिस्टम ऑपरेशन प्रॉस्परिटी गार्डियन जैसे अभियानों में भी काम आ चुका है, जिसमें कॉमर्शियल जहाजों को हूथी विद्रोहियों के हमलों से बचाया गया था।

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British AW159 Wildcat attack chopper with 20 Thales ‘Martlet’ Lightweight Multirole Missiles (LMM)

Martlet LLM: भारत के लिए क्या होगा फायदा

भारतीय सेना के लिए यह डील कई मायनों में अहम है। सबसे पहले, यह मिसाइल भारत की शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस (SHORAD) क्षमता को बढ़ाएगी, जिससे ड्रोन, हेलिकॉप्टर और अन्य हवाई खतरों का मुकाबला किया जा सकेगा।

दूसरे, यह मिसाइलें हल्की होने के कारण इन्हें हेलिकॉप्टर, व्हीकल्स और समुद्री प्लेटफॉर्म से भी लॉन्च किया जा सकता है। इससे भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों को इसका फायदा मिलेगा।

तीसरे, यह डील भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन को भी आगे बढ़ाएगी। दोनों देशों के बीच इस साझेदारी के तहत भविष्य में संयुक्त उत्पादन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी काम किया जा सकता है।

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बेलफास्ट में बनेंगी मिसाइलें

थेल्स एयर डिफेंस कंपनी की बात करें, तो यह एक ब्रिटिश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जो बेलफास्ट (उत्तरी आयरलैंड) में स्थित है। कंपनी की एडवांस विपेंस सिस्टम, रडार, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स के निर्माण में महारत हाासिल है। थेल्स की मिसाइलें ब्रिटिश सेना, रॉयल नेवी और कई विदेशी सेनाओं द्वारा इस्तेमाल की जा रही हैं, जिनमें यूक्रेन, मलेशिया और कतर शामिल हैं।

Martlet LLM-missile

थेल्स की एक और प्रसिद्ध मिसाइल स्टारस्ट्रीक है, जो तेज रफ्तार मैक-3 मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है। यह मिसाइल तीन तेज रफ्तार वाले “डार्ट्स” लॉन्च करती है जो लक्ष्य को सटीकता से भेदती हैं। स्टारस्ट्रीक और मार्टलेट (Martlet LLM) दोनों मिसाइलें तकनीकी रूप से आपस में जुड़ी हुई हैं, और थेल्स इन्हें एक ही जगह बनाती है। हाल ही में, ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने थेल्स को 176 मिलियन पॉउंड का एक और कॉन्ट्रैक्ट दिया है, जिसमें ब्रिटिश सेना के लिए नई मिसाइलें और लॉन्चर बनाए जा रहे हैं।

ब्रिटेन और भारत के बीच यह डील सिर्फ मिसाइल (Martlet LLM) सप्लाई तक सीमित नहीं है। दोनों देशों ने नेवल शिप्स के लिए इलेक्ट्रिक इंजन डेवलप करने पर भी सहमति जताई है। इस सहयोग के तहत, भारत और ब्रिटेन मिलकर नौसैनिक जहाजों के लिए नए एनर्जी एफिशिएंट इंजन बनाएंगे। यह प्रोजेक्ट लगभग 2,600 करोड़ रुपये की लागत का है।

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    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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