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Epstein Files: क्या हैं एपस्टीन फाइल्स? जिसे लेकर मस्क और ट्रंप की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई? जानें Bromance से Breakup तक का सफर

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राजनीति में एक कहावत मशहूर है- न कोई स्थायी दोस्त होता है, न दुश्मन, सिर्फ हित स्थायी होते हैं। ट्रंप और मस्क की दोस्ती में भी यही दिखा। मस्क के DOGE छोड़ने के कुछ दिन पहले ही ट्रंप का एक महत्वाकांक्षी विधेयक, जिसे 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' कहा गया, उस पर विवाद शुरू हुआ। मस्क ने एक इंटरव्यू में इस बिल की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिल देश के बजट घाटे को और बढ़ाएगा, जो DOGE के मिशन के खिलाफ है...

📍वॉशिंगटन | 6 Jun, 2025, 1:55 PM

Epstein Files: चाणक्य नीति कहती है, “मित्र जब भरोसा तोड़े, तो वह शत्रु से भी अधिक हानिकारक होता है।” कुछ ऐसा ही इन दिनों दुनिया के दो सबसे चर्चित और प्रभावशाली चेहरों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क के बीच देखने को मिल रहा है। दोनों के बीच की यह ‘ब्रोमांस’ पिछले 10 महीनों से सुर्खियों में थी, लेकिन अब यह रिश्ता एक कड़वे झगड़े में बदल गया है। दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए हैं, और इस विवाद का केंद्र बनी हैं ‘एपस्टीन फाइल्स’ (Epstein Files)। आखिर क्या हैं ये फाइल्स, और और क्यों मस्क और ट्रंप की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई?

Epstein Files: Bromance to Breakup: ट्रंप-मस्क की टूटी दोस्ती

साल 2024 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एलन मस्क ने ट्रंप का खुला समर्थन किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने ट्रंप के प्रचार में 200 मिलियन डॉलर भी खर्च किए थे। चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने मस्क को ‘Department of Government Efficiency (DOGE)’ का प्रमुख बनाया। इसके बाद मस्क व्हाइट हाउस की बैठकों से लेकर एयरफोर्स वन की उड़ानों तक, ट्रंप के साथ मौजूद दिखे।

मस्क ने DOGE के तहत कई बड़े फैसले लिए, जिनमें 10,000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की छंटनी और कई एजेंसियों, जैसे यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) में भारी कटौती शामिल थी। इन फैसलों की वजह से मस्क की आलोचना भी हुई, लेकिन ट्रंप ने हमेशा उनका साथ दिया।

मार्च में ट्रंप ने कांग्रेस के एक संयुक्त सत्र में मस्क की तारीफ करते हुए कहा, “एलन, तुम बहुत मेहनत कर रहे हो। तुम्हें इसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन हम तुम्हारे काम की कद्र करते हैं।” इसके बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस के साउथ लॉन पर टेस्ला की गाड़ियों का एक शोकेस भी आयोजित किया, जहां उन्होंने मस्क की कंपनी का प्रचार किया। ट्रंप ने कहा, “मैं चाहता हूं कि लोग जानें कि देशभक्ति की सजा नहीं मिलनी चाहिए।” इस दौरान ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद एक टेस्ला कार खरीदी है।

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लेकिन 31 मई को मस्क ने DOGE से इस्तीफा दे दिया। इस मौके पर ट्रंप ने उन्हें व्हाइट हाउस का प्रतीक चिन्ह लगा एक सुनहरी चाबी भेंट की, जो उन्होंने कहा कि वह केवल “खास लोगों” को देते हैं।

दोस्ती में आनी शुरू हुई दरार

राजनीति में एक कहावत मशहूर है- न कोई स्थायी दोस्त होता है, न दुश्मन, सिर्फ हित स्थायी होते हैं। ट्रंप और मस्क की दोस्ती में भी यही दिखा। मस्क के DOGE छोड़ने के कुछ दिन पहले ही ट्रंप का एक महत्वाकांक्षी विधेयक, जिसे ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ कहा गया, उस पर विवाद शुरू हुआ। मस्क ने एक इंटरव्यू में इस बिल की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिल देश के बजट घाटे को और बढ़ाएगा, जो DOGE के मिशन के खिलाफ है।

3 जून को मस्क ने अपनी बात को और सख्ती से रखा। उन्होंने X पर कई पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने बिल को “घिनौना” और “अनैतिक” बताया। मस्क ने लिखा, “इस बिल को रात के अंधेरे में इतनी जल्दबाजी में पास किया गया कि कांग्रेस के ज्यादातर सदस्य इसे पढ़ भी नहीं पाए।” उन्होंने अपने फॉलोअर्स से अपील की कि वे कांग्रेस के सदस्यों को फोन करके इस बिल को रद्द करने की मांग करें। उन्होंने इसे ‘disgusting abomination’ कहा।

Epstein Files की हुई एंट्री

मामला तब और गर्म हो गया जब मस्क ने ट्रंप पर व्यक्तिगत हमला बोला। इस पूरे विवाद में सबसे बड़ा धमाका तब हुआ जब मस्क ने ट्रंप पर Jeffrey Epstein से जुड़े होने का आरोप लगाया। 5 जून को मस्क ने X पर लिखा, “अब असली बम फोड़ने का वक्त है: @realDonaldTrump का नाम एपीस्टीन फाइल्स (Epstein Files) में हैं। यही वजह है कि इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया। गुड डे, DJT!”

मस्क (Epstein Files) के इन सनसनीखेज आरोपों ने पूरे अमेरिका में हलचल मचा दी। जेफरी एप्सटीन एक कुख्यात अमेरिकी फाइनेंसर और सेक्स ऑफेंडर थे, जिन्हें 2019 में जेल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाया गया था। एप्सटीन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और मानव तस्करी के गंभीर आरोप थे। 2008 में, उन्होंने फ्लोरिडा में वेश्यावृत्ति से संबंधित आरोपों को स्वीकार करते हुए 13 महीने की सजा भी काटी। लेकिन 2019 में, न्यूयॉर्क में उन पर फिर से सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप लगे। उसी साल, जेल में उनकी रहस्यमयी मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया।

उनकी फाइल्स (Epstein Files) में कई बड़े नामों के शामिल होने की बात सामने आई थी, जिनमें राजनेता, व्यापारी और अन्य प्रभावशाली लोग शामिल थे। इन फाइल्स को अभी तक पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिसके चलते कई तरह की अटकलें लगाई जाती रही हैं। मस्क का दावा है कि ट्रंप का नाम भी इन फाइलों में है और इसलिए यह डेटा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा।

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कहा जाता है कि एपस्टीन फाइल्स (Epstein Files) में कई लीगल डॉक्यूमेंट्स हैं। इनमें एप्सटीन के निजी जेट, जिसे “लोलिता एक्सप्रेस” के नाम से जाना जाता है, उनकी यात्रा के रिकॉर्ड भी हैं। इनमें उन लोगों के नाम हैं जो उनके साथ यात्रा करते थे। इसके अलावा एप्सटीन का “लिटिल ब्लैक बुक” या कॉन्टैक्ट लिस्ट, जिसमें कई प्रभावशाली लोगों जैसे पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, और अन्य के नाम शामिल हैं। इसके अलावा सबूतों में एप्सटीन की संपत्तियों (न्यूयॉर्क और यूएस वर्जिन आइलैंड्स) से जब्त की गई वस्तुओं की सूची, जैसे नग्न तस्वीरों वाली सीडी, मसाज टेबल, और सेक्स टॉयज भी हैं।

इन फाइल्स में 250 से अधिक नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण से जुड़े दावे शामिल हैं, जिन्हें एप्सटीन ने अपने न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा और यूएस वर्जिन आइलैंड्स के घरों में कथित तौर पर शोषित किया।

28 फरवरी, 2025 को, अमेरिकी न्याय विभाग ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के नेतृत्व में “एप्सटीन फाइल्स: फेज 1” के तहत करीब 200 पेज के दस्तावेज जारी किए। इनमें फ्लाइट लॉग्स, एक भारी रेडैक्टेड कॉन्टैक्ट बुक, और एक साक्ष्य सूची शामिल थी। लेकिन ये दस्तावेज ज्यादातर पहले से सार्वजनिक जानकारी पर आधारित थे और इनमें कोई नया सनसनीखेज खुलासा नहीं था। पाम बॉन्डी ने दावा किया कि न्यूयॉर्क में एफबीआई फील्ड ऑफिस ने हजारों पेज के दस्तावेज छिपाए हैं, और उन्होंने एफबीआई निदेशक काश पटेल को इन सभी दस्तावेजों को 28 फरवरी, 2025 की सुबह 8 बजे तक सौंपने का आदेश दिया। बॉन्डी ने यह भी कहा कि पीड़ितों की पहचान की रक्षा के लिए कुछ जानकारी रेडैक्ट की जाएगी।

हालांकि, यह सच है कि ट्रंप का नाम एप्सटीन (Epstein Files) के फ्लाइट लॉग्स में कई बार आया है। रिकॉर्ड्स के अनुसार, ट्रंप ने 1990 के दशक में एप्सटीन के निजी जेट में कम से कम सात बार यात्रा की थी, जिसमें 1995 में उनके बेटे एरिक ट्रंप और 1994 में तत्कालीन पत्नी मारला मैपल्स और बेटी टिफनी ट्रंप के साथ उड़ानें शामिल थीं। लेकिन इन दस्तावेजों में ट्रंप पर कोई आपराधिक गतिविधि का आरोप नहीं है। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने 2004 में एक रियल एस्टेट विवाद के बाद एप्सटीन से संबंध तोड़ लिए थे और उसे अपने मार-ए-लागो क्लब से प्रतिबंधित कर दिया था। 2019 में, ट्रंप ने कहा कि वह एप्सटीन के “फैन” नहीं थे और पिछले 15 सालों से उनसे बात नहीं की थी।

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आरोपों के बाद ट्रंप ने किया पलटवार

वहीं, ट्रंप ने भी पलटवार कर मस्क को धमकी दी। ट्रंप ने X पर लिखा, “एलन मेरे लिए बोझ बन रहा था। मैंने उसे DOGE से हटाया, और उसने मेरे इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैंडेट को खत्म करने के फैसले पर बवाल मचाया।” ट्रंप ने दावा किया कि मस्क को पहले से पता था कि वह EV मैंडेट को खत्म करने वाले हैं, और यह उनकी नाराजगी की असली वजह है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि मस्क की मदद के बिना भी वह 2024 का चुनाव जीत सकते थे, खासकर पेन्सिलवेनिया जैसे महत्वपूर्ण राज्य में। उन्होंने मस्क पर “थैंकलेस” का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा, अगर उन्होंने सरकार की आलोचना बंद नहीं की, तो उनकी कंपनियों Tesla और SpaceX के सभी कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द कर दिए जाएंगे।

जब एक यूजर ने कहा कि इससे NASA के प्रोजेक्ट्स जैसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर असर पड़ेगा, तो मस्क ने इसका जवाब और तल्खी से दिया। उन्होंने ट्रंप पर इम्पीचमेंट की मांग की और लिखा, “मेरे बिना ट्रंप चुनाव हार जाते।” मस्क ने यह भी कहा कि अगर ट्रंप उनकी कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करेंगे, तो यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने ट्रंप को चुनौती देते हुए लिखा, “Go ahead, make my day.”

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क्या खत्म हो गई दोस्ती?

ट्रंप पहले भी अपने सहयोगियों से झगड़ा कर बाद में मेल-मिलाप करते रहे हैं। लेकिन एलन मस्क जैसे हाई-प्रोफाइल व्यक्ति से इतनी बड़ी लड़ाई पहली बार हुई है। दूसरी तरफ मस्क ने यह तक कह दिया कि अब अमेरिका में एक नया राजनीतिक दल बनना चाहिए जो आम लोगों की बात करे। उन्होंने X पर एक पोल शुरू किया, जिसमें पूछा, “क्या अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिए, जो 80 फीसदी मध्यमार्गी लोगों का प्रतिनिधित्व करे?”

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    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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