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Pinaka MBRL: पिनाका रॉकेट सिस्टम हुआ और भी ताकतवर, पहले आर्मेनिया ने खरीदा, अब फ्रांस भी दिखा रहा रूचि

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📍नई दिल्ली | 15 Nov, 2024, 3:18 PM

भारत का स्वदेशी पिनाका मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम अब और भी अधिक ताकतवर हो गया है। पहले आर्मेनिया ने इसे खरीदा था, वहीं अब इस प्रणाली की स्टडी फ्रांस भी कर रहा है। खास बात यह है कि यह पिनाका सिस्टम अब एक नए गाइडेड वर्जन में उपलब्ध है, जो पहले से अधिक प्रभावी और सटीक हमला करने में सक्षम है।

Guided Pinaka Weapon System: DRDO Successfully Completes Flight Test, Boosting India’s Indigenous Defense Capability

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने गुरुवार को बताया कि उसने गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली का उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। ये परीक्षण प्रोविज़नल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (PSQR) वेलिडेशन ट्रायल्स का हिस्सा थे।

गाइडेड पिनाका रॉकेट सिस्टम के बारे में खास बात यह है कि अब इसमें ‘सीकर’ (seeker) लगाए गए हैं, जिससे यह सटीक लक्ष्य पर हमला कर सकता है। पहले वर्जन में यह प्रणाली बिना गाइडेंस के होती थी, जिससे यह छोटे लक्ष्य को भी बड़े क्षेत्र में कई रॉकेट फेंककर नष्ट करती थी। अब गाइडेड सिस्टम में यह समस्या नहीं है और यह अधिक सटीकता से लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।

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रक्षा क्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस गाइडेड सिस्टम की रेंज पहले वाले संस्करण से अधिक है। वहीं, पिनाका के एक और एडवांस वर्जन पर भी काम चल रहा है, जिसकी रेंज 120 किमी, 150 किमी और 200 किमी तक की होगी, ताकि चीन के लंबी दूरी वाले गाइडेड रॉकेट सिस्टम का मुकाबला किया जा सके। वर्तमान में पिनाका की रेंज लगभग 37 किमी है, जबकि एडवांस रेंज के रॉकेट्स की रेंज करीब 45 किमी तक है।

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Pinaka MBRL- Pinaka multi-barrel rocket launcher system

पिनाका रॉकेट सिस्टम को भारतीय सेना ने पसंद किया है और इसे निर्यात के लिए अच्छा माना जा रहा है। आर्मेनिया ने पहले ही इन रॉकेट्स को खरीदा है और इस महीने पिनाका का पहला रेजिमेंट आर्मेनिया भेजा गया है।

दिलचस्प बात यह है कि फ्रांस भी पिनाका प्रणाली का अध्ययन कर रहा है, और सूत्रों के अनुसार, वे गाइडेड वर्जन में रुचि दिखा रहे हैं।

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परीक्षण के बारे में
DRDO ने बताया कि इस प्रणाली के उड़ान परीक्षण तीन चरणों में विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंजों पर किए गए। इन परीक्षणों के दौरान, PSQR के पैरामीटर्स—जैसे रेंज, सटीकता, निरंतरता और सल्वो मोड में मल्टीपल लक्ष्यों के लिए फायर रेट—का आकलन किया गया।

इन परीक्षणों में दो सेवा में मौजूद पिनाका लॉन्चरों से प्रत्येक उत्पादन एजेंसी द्वारा 12-12 रॉकेट्स का परीक्षण किया गया।

यह प्रणाली भारतीय सेना के लिए एक अहम और घातक हथियार बन चुकी है, जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के कई प्रमुख केंद्रों द्वारा विकसित किया गया है। इसके निर्माण में मुनिशन इंडिया लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो जैसी कंपनियों का भी योगदान है।

यह उन्नत पिनाका सिस्टम भारतीय सेना के लिए ताकत का एक प्रतीक बन चुका है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण रक्षा प्रणाली के रूप में स्थापित होगा।

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  • Pinaka MBRL: पिनाका रॉकेट सिस्टम हुआ और भी ताकतवर, पहले आर्मेनिया ने खरीदा, अब फ्रांस भी दिखा रहा रूचि

    हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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हरेंद्र चौधरी रक्षा पत्रकारिता (Defence Journalism) में सक्रिय हैं और RakshaSamachar.com से जुड़े हैं। वे लंबे समय से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़ी रणनीतिक खबरों, रक्षा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को कवर कर रहे हैं। पत्रकारिता के अपने करियर में हरेंद्र ने संसद की गतिविधियों, सैन्य अभियानों, भारत-पाक और भारत-चीन सीमा विवाद, रक्षा खरीद और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाओं पर विस्तृत लेख लिखे हैं। वे रक्षा मामलों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

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