📍नई दिल्ली | 9 Sep, 2025, 11:54 AM
SSS Defence: भारत का डिफेंस प्राइवेट सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है। असाल्ट राइफल्स बनाने वाली प्रमुख कंपनी बेंगलुरु की एसएसएस डिफेंस (SSS Defence) को स्नाइपर राइफल के लिए बड़ा ऑर्डर मिला है। साथ ही, कंपनी के साथ 30 मिलियन डॉलर (करीब 250 करोड़ रुपये) कीमत के एम्युनिशन यानी गोला-बारूद की भी बड़ी डील हुई है। यह डील सेंट्रल यूरोप और एक एशियाई देश के साथ हुई है।
जानकारी के मुताबिक, जिस देश को यह राइफल सप्लाई की गई हैं, वह भारत का दोस्त है। हालांकि इस डील में देश के नाम का खुलासा कंपनी ने नहीं किया है। लेकिन इस देश को पहले .338 लैपुआ मैग्नम कैलिबर की स्नाइपर राइफल सप्लाई की गई थी। अब उसने पॉजिटिव रेस्पॉन्स देते हुए अतिरिक्त राइफल्स का ऑर्डर दिया है। इस बार ऑर्डर का साइज पहले से कहीं बड़ा है। इसके साथ ही उसी देश ने 7.62×51 मिमी कैलिबर के गोला-बारूद के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट किया है।
SSS Defence: इम्पोर्टर से एक्सपोर्टर बना भारत
कुछ साल पहले तक भारत स्नाइपर राइफल के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर था। लेकिन एसएसएस डिफेंस ने न केवल इस माइंडसेट को बदला, बल्कि जुलाई 2024 में पहली बार भारत ने स्नाइपर राइफल निर्यात किया और अब यह कंपनी लगातार नए विदेशी ग्राहकों को भारत के साथ जोड़ रही है।
एसएसएस डिफेंस पहले ही करीब 50 मिलियन डॉलर के गोला-बारूद के ऑर्डर पूरे कर चुकी है, जिन्हें कई मित्र देशों को सप्लाई किया गया। इनमें से कुछ पड़ोसी देशों को भी सप्लाई दी गई थी।
वहीं, भारत सरकार भी इन डील्स में कंपनियों की मदद कर रही है। रक्षा मंत्रालय तेजी से क्लीयरेंस दे रहा है और विदेशी अनुरोधों को भारतीय कंपनियों तक पहुंचा रहा है।
SSS Defence: स्नाइपर प्रतियोगिता में भी दिखाया दम
फरवरी 2025 में हुई ऑल इंडिया पुलिस कमांडो प्रतियोगिता में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने स्नाइपर कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया। एनएसजी टीम ने एसएसएस डिफेंस की .338 सेबर स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल किया था।
जबकि, दूसरा स्थान महाराष्ट्र पुलिस की फोर्स वन ने हासिल किया, जिसने अमेरिकी बैरेट .50 कैल स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल किया। यह वही राइफल है जो अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस के साथ-साथ भारतीय सेना के पास भी सीमित संख्या में मौजूद है।
SSS Defence: सेबर .338 स्नाइपर राइफल की खूबियां
एसएसएस डिफेंस की सेबर .338 स्नाइपर राइफल पूरी तरह भारत में डिजाइन और मैन्युफैक्चर की गई है। यह स्नाइपर राइफल दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित कैलिबर में आती है और इसकी फायर पावर रेंज लगभग 1,500 मीटर तक है। यह राइफल सब 1 एमओए (Minute of Angle) एक्यूरेसी देती है। यानी 100 मीटर पर गोली का फैलाव सिर्फ 3×3 सेंटीमीटर होता है। इसमें भारत में ही बना 27 इंच का मैच बैरल लगा है, जो भारत में बना है। इसमें मोनोलीथिक चेसिस, टू-स्टेज ट्रिगर और भारत में बना सप्रेसर लगा है।
यूरोप और एशिया में कदम
एसएसएस डिफेंस ने हाल ही में सेंट्रल यूरोप के तीन देशों को स्नाइपर राइफल सप्लाई की है। इसके अलावा, कंपनी अब एशिया के दो और देशों को हथियार सप्लाई करने की तैयारी में है। इस पहल से न केवल भारत की “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि यूरोप के बड़े बाजारों में भी भारतीय कंपनियों की पहुंच बढ़ रही है। कंपनी का कहना है कि उसके हथियार न केवल टेक्नोलॉजी के मामले में बल्कि कॉस्ट में भी विदेशी कंपनियों को मात देते हैं। यही वजह है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं।