SIPRI Arms Export: दुनियाभर में बढ़ा हथियारों का कारोबार, भारत की तीन बड़ी हथियार निर्माता कंपनियों ने गाड़े झंडे, आत्मनिर्भर भारत को मिली बड़ी कामयाबी

SIPRI Report: Global Arms Sales Reach Rs 52 Lakh Crore in 2023, Rise by 4.2%
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📍नई दिल्ली | 8 months ago

SIPRI Arms Export: दुनिया के प्रमुख हथियार बनाने वाली कंपनियों की आय में 2023 में बड़ा इज़ाफा हुआ है। इस बढ़ोतरी की वजह दुनिया भर में जारी युद्ध, क्षेत्रीय तनाव और सुरक्षा को लेकर देशों का बढ़ता खर्च बताया जा रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, हथियारों की बिक्री में बढ़ोतरी लगभग हर क्षेत्र में दर्ज की गई है। खासकर रूस, मध्य पूर्व और एशिया में हथियार निर्माताओं का तगड़ा मुनाफा हासिल हुआ है।

SIPRI Arms Export: Global Arms Trade Soars, India's Top Three Manufacturers Shine, Major Boost for Aatmanirbhar Bharat

युद्ध और वैश्विक तनाव ने बढ़ाई हथियारों की मांग

2023 में वैश्विक स्तर पर हथियारों की मांग में बड़ा उछाल आया है। SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष 100 हथियार निर्माता कंपनियों ने अपनी आय में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की। इनमें से छोटे और मध्यम आकार के निर्माता कंपनियों ने तेज़ी से नए ऑर्डर पूरे करने में जबरदस्त तेजी दिखाई।

SIPRI के रिसर्चर लोरेंजो स्कारज़ाटो कहते हैं, “2023 में हथियारों की बिक्री में तेज़ी देखी गई, और यह रुझान 2024 में भी जारी रहने की संभावना है।” रिपोर्ट बताती है कि कई कंपनियां अपने उत्पादन को बढ़ाने और नए कर्मचारियों को हायर करने में लगी हुई हैं, जिससे यह साफ़ होता है कि वे भविष्य में और भी अधिक ऑर्डर की उम्मीद कर रही हैं।

अमेरिका: सबसे आगे, लेकिन चुनौतियां बरकरार

अमेरिका के 41 हथियार निर्माता कंपनियों ने कुल 317 बिलियन डॉलर का कमाई की, जो SIPRI की टॉप 100 कंपनियों की कुल आय का लगभग आधा है। हालांकि, कुछ बड़ी कंपनियां जैसे लॉकहीड मार्टिन और RTX को सप्लाई चेन में में आने वाली समस्याओं के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

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इन चुनौतियों के बावजूद, अमेरिका ने वैश्विक हथियार बाजार में अपना दबदबा बनाए रखा है। पिछले पांच वर्षों से SIPRI की टॉप 5 कंपनियां में अमेरिका की पोजिशन बरकरार है।

यूरोप में मामूली बढ़ोतरी

यूरोप की हथियार निर्माता कंपनियों की आय में केवल 0.2% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। इसकी वजह यह है कि कई यूरोपीय कंपनियां पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स पर काम कर रही थीं, जिसका असर उनकी आय पर असर पड़ा।

हालांकि, कुछ देशों जैसे जर्मनी, पोलैंड और नॉर्वे ने तेज़ी से बढ़ोतरी दर्ज की। जर्मनी की कंपनी राइनमेटल ने गोला-बारूद और टैंकों के उत्पादन में बढ़ोतरी की, जिससे उसकी आय में बड़ा इज़ाफा हुआ।

रूसी कंपनियों की आय बढ़ी

रूस की हथियार कंपनियों ने 2023 में 40% की आय वृद्धि दर्ज की। SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से रोस्टेक के कारण हुई, जो कई हथियार निर्माताओं को कंट्रोल करती है।

रूस ने अपनी सेना के लिए टैंकों, मिसाइलों और ड्रोन जैसे हथियारों के उत्पादन में बड़ा इज़ाफा किया है। हालांकि, रूस के हथियार उत्पादन पर सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि यूक्रेन युद्ध ने इस बढ़ोतरी में इजाफा किया है।

भारत और दक्षिण कोरिया का प्रदर्शन शानदार

एशिया और ओशिनिया क्षेत्र में हथियारों की बिक्री में 5.7% की वृद्धि दर्ज की गई। दक्षिण कोरिया और जापान ने इस क्षेत्र में बढ़त बनाई। दक्षिण कोरिया की कंपनियों की आय में 39% की वृद्धि हुई, जबकि जापान की कंपनियों ने 35% की बढ़ोतरी दर्ज की।

भारत की तीन बड़ी हथियार निर्माता कंपनियों ने भी 5.8% की आय वृद्धि के साथ 6.7 बिलियन डॉलर का राजस्व अर्जित किया। भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” योजना के तहत घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भारत का प्रदर्शन भी हथियारों के निर्यात में लगातार बेहतर हो रहा है।

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मध्य पूर्व: अभूतपूर्व बढ़ोतरी

मध्य पूर्व की हथियार कंपनियों ने 2023 में 18% की वृद्धि के साथ 19.6 बिलियन डॉलर की आय दर्ज की। इज़राइल की कंपनियों ने 13.6 बिलियन डॉलर की आय के साथ रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। तुर्की की कंपनियों ने भी 24% की बढ़ोतरी दर्ज की।

भारत: आत्मनिर्भर बनने की ओर

भारत ने अपनी रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) जैसी कंपनियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत का लक्ष्य न केवल अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि वैश्विक हथियार बाजार में एक प्रमुख स्थान हासिल करना भी है।

सरकार की नीतियां भारतीय कंपनियों को नए अवसर प्रदान कर रही हैं। स्वदेशी उत्पादन के जरिए भारत न केवल विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम कर रहा है, बल्कि निर्यात को भी बढ़ावा दे रहा है।

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