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Project Swastik 65th Raising Day: कैसे सिक्किम की लाइफलाइन बना प्रोजेक्ट स्वास्तिक? 65 सालों में बनीं 1412 किमी लंबी सड़कें और 80 से ज्यादा बड़े पुल

प्रोजेक्ट स्वास्तिक को 1960 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था भारतीय सेना की ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करना और सिक्किम के दूरदराज वाले इलाकों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना। बीते 65 सालों में इस परियोजना ने 1412 किलोमीटर से अधिक की सड़कें और 80 से ज्यादा बड़े पुल बनाए...

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📍नई दिल्ली | 1 Oct, 2025, 11:46 AM

Project Swastik 65th Raising Day: सिक्किम की ऊंची पहाड़ियों और दुर्गम घाटियों में भारतीय सेना की जरूरतों और आम जनता की कनेक्टिविटी को बनाए रखने वाले प्रोजेक्ट स्वास्तिक के 65 साल पूरे हो गए हैं। 1 अक्टूबर 2025 को बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन प्रोजेक्ट स्वास्तिक का 65वां रेजिंग डे मना रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत पिछले छह दशकों में न केवल सड़कों और पुलों का निर्माण हुआ, बल्कि सिक्किम जैसे मुश्किल इलाके में विकास कार्यों की रफ्तार भी बढ़ी।

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1960 से शुरू हुई यात्रा – Project Swastik 65th Raising Day

प्रोजेक्ट स्वास्तिक को 1960 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था भारतीय सेना की ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करना और सिक्किम के दूरदराज वाले इलाकों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना। बीते 65 सालों में इस परियोजना ने 1412 किलोमीटर से अधिक की सड़कें और 80 से ज्यादा बड़े पुल बनाए। यह काम उस इलाके में किया गया, जहां मौसम हर बार नई चुनौतियां लेकर आता है।

बीआरओ डीजी ने दी बधाई

65वें रेजिंग डे के मौके पर बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, डायरेक्टर जनरल बॉर्डर रोड्स ने सभी अधिकारियों, जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट स्वास्तिक के जवान और श्रमिक कठिन परिस्थितियों में भी जिस समर्पण और निष्ठा से काम करते हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि वे इसी जज़्बे के साथ संगठन की सफलता और राष्ट्र निर्माण में योगदान देते रहें।

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प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझा प्रोजेक्ट स्वास्तिक

बीआरओ के कर्मयोगियों के लिए बर्फीली चोटियों, ग्लेशियर से बने झरनों, तेज ढलानों और भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों में सड़कों का निर्माण करना किसी भी इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है। इस दौरान ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF), बादल फटने और तीस्ता नदी की बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी प्रोजेक्ट स्वास्तिक जूझता रहा, लेकिन इसके काम पर कोई असर नहीं पड़ा।

10 सालों में बनीं 350 किमी लंबी सड़कें

पिछले दस सालों में ही प्रोजेक्ट स्वास्तिक ने 350 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का निर्माण किया है। इसके साथ ही 26 नए पुल और एक सुरंग बनाई गई है। इन सभी निर्माण कार्यों ने न सिर्फ सेना की तैनाती को आसान बनाया बल्कि स्थानीय निवासियों को भी 12 महीने सड़क को भी आसान बनाया। वहीं, हाई एल्टीट्यूड इलाकों में जहां पहले लोग महीनों तक कटे रहते थे, वहां अब प्रोजेक्ट स्वास्तिक के तहत बनीं सड़कें और पुल लोगों के लिए लाइफलाइन साबित हो रहे हैं।

नए प्रोजेक्ट्स पर फोकस – Project Swastik 65th Raising Day

बीआरओ की योजना आने वाले वर्षों में सिक्किम में और बड़े स्तर पर बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की है। इसके तहत 1152.66 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इनमें वेस्टर्न सिक्किम हाइवे, राष्ट्रीय राजमार्ग 310A और राष्ट्रीय राजमार्ग 310AG का निर्माण शामिल है।

इन परियोजनाओं का उद्देश्य उत्तर सिक्किम की कनेक्टिविटी को और मजबूत करना है। इसके साथ ही सुरंगों और अत्याधुनिक पुलों का निर्माण भी होगा, जिससे सेना की तेज़ी से तैनाती और लोगों की सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सकेगी।

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अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल

इसके अलावा बीआरओ अब नई-नई तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रहा है। इनमें जियोटेक्सटाइल्स, एडवांस्ड सरफेसिंग टेक्निक्स, स्लोप स्टेबलाइजेशन, एवलॉन्च मिटिगेशन मेजर्स और ईको-फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन मेथड्स शामिल हैं। इनसे न सिर्फ सड़कों की उम्र बढ़ेगी बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

वहीं, बीआरओ ने 65वें रेजिंग डे के मौके पर गंगटोक में कई कार्यक्रम आयोजित किए। सबसे पहले स्वास्तिक मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद सैनिक सम्मेलन और बड़ाखाना का आयोजन हुआ, जहां अधिकारी और जवान एक साथ भोजन कर परंपरागत भाईचारे को मजबूत करते हैं। कार्यक्रम में स्वास्तिक मेला और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया गया।

Project Swastik 65th Raising Day प्रोजेक्ट स्वास्तिक की रीढ़ माने जाने वाले कर्मयोगी कैजुअल पेड लेबरर्स के लिए भी इस अवसर पर कई नई कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान किया गया। इनमें बेहतर आवास, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं, सर्दियों के कपड़े और सुरक्षा उपकरण, साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य शिविर शामिल हैं। बीआरओ ने यह सुनिश्चित किया है कि इन श्रमिकों को कठोर मौसम में काम करते हुए अधिकतम सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।

Project Swastik 65th Raising Day was celebrated by the Border Roads Organisation (BRO) in Gangtok, Sikkim on 1 October 2025. Established in 1960, Project Swastik has played a vital role in building over 1,412 km of roads and 80 bridges in high-altitude terrain, ensuring year-round connectivity for the Armed Forces and local communities. The 65th Raising Day honoured its legacy with cultural events, a Swastik Mela and new welfare measures for workers. Future projects worth ₹1152.66 crore, including the Western Sikkim Highway and NH 310A, will further strengthen BRO’s role in national security and regional development.

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